53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का रंगारंग शुभारंभ, आईए इफ्फी के शानदार उत्सव का व्यजनों, शानदार कार्यक्रमों के साथ आनंद लीजिए

फिल्मों की दुनिया यानि एक दिलकश दुनिया के महोत्सव का एक बार फिर से खुले दिल के साथ अपना जादू बिखेरने के लिए आगाज़ हो चुका है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े फिल्मी महोत्सव इफ्फी के 53वें संस्करण, भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ने न सिर्फ स्क्रीनिंग थिएटरों के दरवाजे खोल दिए हैं, बल्कि ये हमारे मन, हदय और आत्मा में भी पूरी तरह उतरने के लिए तैयार हैं।

महोत्सव के इतिहास में पहली बार, फिल्मों का यह उत्सव भी अपनी ओपनिंग फिल्म की स्क्रीनिंग के साथ हमेशा की तरह से शानदार और रंगारंग रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव समारोह की भावना को ध्यान में रखते हुए इस भव्य उद्घाटन समारोह का विषय “पिछले 100 वर्षों में भारतीय सिनेमा का विकास” है।

इस समारोह में उदघाटन समारोह की विशेषताओं के अलावा भी बहुत से खास़ रंग और विशेषताऐं हैं।

प्रसिद्ध स्पेनिश फिल्म निर्देशक कार्लोस सौरा को सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया

स्पेनिश फिल्म निर्देशक कार्लोस सौरा को अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा में उनके अपार योगदान के लिए एक उपयुक्त सम्मान के रूप में सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

एक वीडियो संदेश के माध्यम से अपनी स्वीकृति देते हुए, कार्लोस सौरा ने गोवा में व्यक्तिगत रूप से शामिल होने में असमर्थता पर खेद व्यक्त किया, क्योंकि वह ब्रोंकाइटिस की स्वास्थ्य समस्या से उबर रही है। उन्होंने यह सम्मान प्रदान करने के लिए उत्सव के आयोजकों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता और स्नेह व्यक्त किया है।

कार्लोस सौरा ने ला काज़ा और पेपरमिंट फ्रेपे के लिए दो सिल्वर बियर; कारमेन के लिए बाफ्टा; कान्स में तीन पुरस्कार और कई अन्य पुरस्कारों के अलावा बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (डेप्रिसा डेप्रिसा के लिए) में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक तौर पर भी गोल्डन बियर का पुरस्कार प्राप्त किये हैं।

उद्घाटन समारोह में प्रख्यात फिल्म निर्माता की ओर से उनकी बेटी अन्ना सौरा ने इस पुरस्कार को ग्रहण किया।

53वें इफ्फी में मास्टर फिल्म निर्माताओं को बीते वक्त की आठ फिल्मों के साथ सम्मानित किया जा रहा है। इसलिए आप इस महोत्सव को छोड़ना नहीं चाहेंगे। हमारे साथ सौरा की फिल्मों के लिए अपना प्रेम व्यक्त करने के लिए #IFFIInspires का उपयोग करके साझा करें।

अभिनेता-निर्माता चिरंजीवी को 2022 के लिए इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया है

2022 के लिए इफ्फी इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर अवॉर्ड मेगास्टार और अभिनेता-निर्माता चिरंजीवी कोनिडेला को दिया गया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज इफ्फी के भव्य उद्घाटन के अवसर पर यह घोषणा की।

चिरंजीवी ने चार दशकों से अधिक के एक शानदार फिल्म करियर में तेलुगु में 150 से अधिक फीचर फिल्मों के साथ-साथ हिंदी, तमिल और कन्नड़ में कुछ फिल्मों में अभिनय किया है। उन्हें तेलुगु सिनेमा के सबसे सफल और प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक माना जाता है।

अनुभवी अभिनेता को बधाई देते हुए, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि चिरंजीवी का लगभग चार दशकों में एक शानदार करियर रहा है, जिसमें एक अभिनेता, डांसर और निर्माता के रूप में 150 से अधिक फिल्में शामिल हैं। मंत्री महोदय ने कहा, ”तेलुगू सिनेमा में वे बेहद लोकप्रिय हैं, और उनका शानदार अभिनय दिलों को छूता है!”

 

अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय पैनोरमा जूरी सदस्यों, सिनेमा उत्कृष्टता निर्णायकों का अभिनंदन

कीट्स का मानना है “हमेशा की प्रसन्नता सुंदरता का एक माध्यम है” और यदि हां, तो सिनेमा जगत की शाश्वत सुंदरियों में से चुनना कितना मुश्किल होगा? हाँ, आईएफएफआई के जूरी सदस्यों से इस संदर्भ में पूछ सकते हैं! 53वें इफ्फी के लिए अंतर्राष्ट्रीय जूरी का नेतृत्व कर रहे जूरी चेयरपर्सन, इज़राइली फ़िल्म निर्देशक और लेखक नदव लापिड; स्पेनिश वृत्तचित्र फिल्म निर्माता जेवियर एंगुलो बारटुरेन; अमेरिकी फिल्म निर्माता जिन्को गोटोह; फ्रांसीसी संपादक पास्कल चावांस; और भारतीय लेखक और निर्देशक सुदीप्तो सेन को भी उद्घाटन समारोह में सम्मानित किया गया।

इफ्फी और अभिनेता- राष्ट्रीय एकता और एकजुटता को बढ़ावा देते हैं: गोवा के राज्यपाल

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए गोवा के राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने 1952 में आईएफएफआई के पहले संस्करण की यादों का उल्लेख करते हुए कहा-1952 में, इफ्फी के पहले संस्करण में, भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन ने कहा कि यह फिल्म महोत्सव हमारे लिए कलाकारों और फिल्म निर्माताओं के साथ वार्तालाप करने का एक सुनहरा अवसर है। एक दार्शनिक ने एक बार कहा था कि भारत अपने ज्ञान और भक्ति के लिए जाना जाता है, और इस विशेषता को इस अवधारणा के माध्यम से बढ़ावा दिया जाना चाहिए।”

राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश में कलाकारों को हमेशा से ही उच्च पहचान मिली है। उन्होंने बताया कि “दिल्ली में कर्नाटक संगीत संगम के एक आयोजन में, हमारे पहले प्रधानमंत्री को औपचारिक रूप से आमंत्रित नहीं किया गया था, फिर भी वह दर्शकों में पहले व्यक्ति थे। इससे दर्शकों को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी और जब प्रेस ने भारत के पहले प्रधानमंत्री से इस बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, मैं कौन हूं गायन की इस सामाज्ञी के समक्ष मैं तो मात्र एक प्रधानमंत्री हूं। यही हमारे देश की परंपरा है।”

राज्यपाल ने कहा कि उन्हें इस महोत्सव के उद्घाटन में शामिल होने पर अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा हैं और उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री दोनों ने इसी उद्देश्य के साथ इस फिल्म समारोह का शुभारंभ किया है।

राज्यपाल ने कहा कि खेल और कला के क्षेत्र पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हमेशा से उच्च अपना स्तर पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उन्होंने कहा “आईएफएफआई के 1952 में घोषित किए गए दो महत्वपूर्ण उद्देश्य राष्ट्रीय एकता और एकजुटता हैं। इसमें सबसे अहम भूमिका कलाकार निभा सकते हैं।”

गोवा के मुख्यमंत्री ने 2025 तक इफ्फी के लिए नवीन गोवा स्थल का वादा किया।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने समुद्र तटों से घिरे राज्य में सभी फिल्म के प्रति  लगाव रखने वाले लोगों का हदय से स्वागत किया। उन्होंने कहा “गोवा में दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं और जीवंत लोगों का हदय से अभिनंदन है। जो लोग पहली बार यहां आए हैं, उनके लिए मैं दोहराना चाहता हूं कि गोवा में आप प्राचीन समुद्र तटों, शांतिपूर्ण अंदरूनी क्षेत्रों, दिव्य तीर्थ स्थलों, मंत्रमुग्ध कर देने वाले बैकवाटर, स्वादिष्ट व्यंजनों के अवावा सबसे महत्वपूर्ण रूप से बेहद मिलनसार और अतिथियों का सम्मान करने वाले लोगों से मिलने का आत्मीय अनुभव ले सकते हैं। आइए हम अपने दिवंगत सीएम मनोहर पर्रिकर को याद करें जिन्होंने अपनी कल्पना को साकार रूप दिया और गोवा को इस असाधारण आयोजन का स्थायी मेजबान बनने का गौरव प्रदान किया।”

मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस वर्ष, राज्य सरकार ने गोवा फिल्म बिरादरी के लिए विशेष मास्टरक्लास तैयार की हैं। उन्होंने कहा “हिंदी और मराठी फिल्म वर्गों की प्रसिद्ध फिल्मी हस्तियां मास्टरक्लास को संबोधित करेंगी। हम पर्यटकों और गोवा की जनता का ध्यान अपनी ओर खींचने में सक्षम हैं, जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए विभिन्न परिधीय गतिविधियों जैसे उत्सव व्यंजन, मनोरंजन क्षेत्र और समृद्ध विरासत परेड की व्यवस्था की गई है। पूरे गोवा में कैरावैन तैनात की जाएगी और इनके माध्यम से जनता को लोकप्रिय फिल्में दिखाई जाएंगी। ओपन एयर स्क्रीनिंग आयोजित की जाएगी। दिव्यांगों के लिए विशेष फिल्म खंड तैयार किया गया है, हमने फिल्म और मनोरंजन उद्योग और आम जनता के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया है।”

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मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि विश्व स्तरीय मल्टीप्लेक्स और कन्वेंशन सेंटर की स्थापना अपने अंतिम चरण में है और उम्मीद है कि हम 2025 तक नए स्थल पर आईएफएफआई का महोत्सव मनाने में सक्षम होंगे।

इफ्फी का दृष्टिकोण और इसके मूल्य वसुधैव कुटुम्बकम में निहित हैं: सूचना एवं प्रसारण मंत्री

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा है कि उनकी इच्छा देश के लोगों की प्रतिभा और अपने उद्योग प्रमुखों के नवाचार द्वारा समर्थित भारत को फिल्म की शूटिंग और पोस्ट-प्रोडक्शन के लिए सबसे अधिक मांग वाला गंतव्य स्थल बनाने की है।

इफ्फी के बारे अपने दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इफ्फी के लिए उनका दृष्टिकोण एक कार्यक्रम तक सीमित नहीं है बल्कि जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष का महोत्सव मनाएगा और हम अमृत महोत्सव से अमृत काल में प्रवेश करेंगे उस वक्त इफ्फी कैसा होना चाहिए, इस बारे में है। उन्होंने कहा “हमारा लक्ष्य क्षेत्रीय महोत्सव को बढ़ाकर भारत को विषय-सामग्री निर्माण, विशेष रूप से क्षेत्रीय सिनेमा का एक पावरहाउस बनाना है। हमारे कुशल युवाओं के बीच मौजूद अपार तकनीकी प्रतिभा का लाभ उठाकर भारत दुनिया का पोस्ट-प्रोडक्शन केन्द्र बन सकता है।”

एशिया के सबसे पुराने फिल्म समारोह को याद करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि आईएफएफआई की अवधारणा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’, यानी एक परिवार के रूप में दुनिया के प्रति समर्पण में निहित है। उन्होंने कहा “भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में जी20 की अध्यक्षता, ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के विषय के इर्द-गिर्द घूमती है।”

हमारे राष्ट्र के लोकाचार के प्रचार में सिनेमा द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सिनेमा देश की समृद्ध संस्कृति, परंपरा, विरासत, आशाओं, सपनों, आकांक्षाओं, महत्वाकांक्षाओं और सबसे महत्वपूर्ण रूप से इतिहास में किसी भी समय के लोगों के सामूहिक विवेक के संगम को शामिल करते हुए इसे और तराशता है। केंद्रीय मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि, “53वां इफ्फी असंख्य जीवंत संस्कृतियों को दर्शाने और सिनेमाई उत्कृष्टता को प्रदर्शित करने के लिए एक शानदार महोत्सव के लिए तैयार है”।

’75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो’ के दूसरे संस्करण के विजेताओं को शुभकामनाएं देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिल्म निर्माण की 10 श्रेणियों में लगभग 1,000 प्रविष्टियों में से 75 युवा फिल्म निर्माताओं के एक समूह को कठोर प्रक्रिया के बाद चुना गया है। एक प्रतिष्ठित जूरी जिसमें लाइफटाइम पुरस्कार प्राप्तकर्ता और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, ग्रैमी और ऑस्कर के विजेता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वे 19 राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो जयंतिया हिल्स (मेघालय), लखीमपुर (असम), खोरदा (ओडिसा) जैसे स्थलों से आते हैं और उनमें से सबसे छोटे 18 वर्ष के हैं!” “75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ़ टुमॉरो” एक अनूठी पहल है और यह युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने और फिल्म उद्योग के विशेषज्ञों से सलाह लेने का एक प्रभावी मंच भी है।

“इफ्फी में बहुत कुछ प्रथम बार”

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि पहली बार, इफ्फी भारतीय फिल्मों, विदेशी फिल्मों और ओटीटी प्लेटफार्मों से मूल सीरियलों के भव्य प्रीमियर की मेजबानी करेगा, जिसमें चुनिंदा सितारे विशेष रूप से अपनी फिल्मों का समर्थन करने के लिए गोवा आएंगे। उन्होंने कहा कि “इज़राइल के सबसे बड़े सितारों में से एक भी इस बार इस आयोजन में उपस्थित रहेंगे।”

फ्रांस इस वर्ष ‘फोकस कंट्री’ है, जिसमें फ्रांस की आठ फिल्मों को पैकेज के तहत प्रदर्शित किया जा रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि 75वें कान्स फिल्म समारोह मार्चे डी फिल्म्स में भारत के ‘कंट्री ऑफ ऑनर’ के बाद, 53वें इफ्फी में फ्रांस का ‘फोकस कंट्री’ के रूप में स्वागत करते हुए उन्हें प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।

फिल्म बाजार के भारतीय मंडपों की जानकारी लेने के लिए फिल्मों से लगाव रखने वाले अतिथियों को निमंत्रण देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिल्म बाजार के 15वें संस्करण में 40 से अधिक मंडप प्रदर्शित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि “पहली बार, इफ्फी में सिनेमा जगत के नवीनतम नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रौद्योगिकी केन्द्र होगा!”

This edition of #IFFI has arrived on shores of #Goa bringing best of international cinema along with special section such as cinema of world, international competitions, Unesco film sections of retrospectives, homages & tributes and children’s film amongst others: Union Minister pic.twitter.com/WnjUqO0ZYM

श्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि महोत्सव को सभी के लिए अधिक समावेशी और सुलभ बनाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि “दिव्यांगजन स्क्रीनिंग के लिए विशेष प्रावधानों की व्यवस्था की गई है। दिव्यांगजनों की पहुंच की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, इस खंड की फिल्में ऑडियो-विजुअल से सुसज्जित होंगी, जिसमें ऑडियो विवरण और उपशीर्षक शामिल होंगे। भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान दिव्यांगों के लिए दो विशेष पाठ्यक्रमों ऑटिस्टिक व्यक्तियों के लिए ‘स्मार्टफोन फिल्म निर्माण’ पर एक बुनियादी पाठ्यक्रम और व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं के लिए ‘स्क्रीन अभिनय’ पर एक बुनियादी पाठ्यक्रम का संचालन करेगा।”

“भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा का सर्वाधिक आनंद लेने के लिए हमारा सर्वश्रेष्ठ अवसर”: सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री

केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने कहा है कि दुनिया भर के फिल्म प्रेमियों को भारत और दुनिया के बेहतरीन सिनेमा का आनंद लेने का बेहतरीन मौका मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने प्रसिद्ध स्पेनिश निर्देशक कार्लोस सौरा को शुभकामनाएं दीं, जिन्हें आज सत्यजीत रे लाइफटाइम अवार्ड से सम्मानित किया गया है। उन्होंने लता मंगेशकर, पंडित बिरजू महाराज, तबस्सुम सहित भारतीय कला क्षेत्र के दिग्गजों और पिछले वर्ष में दिवंगत हुए भारत के सभी कलाकारों को भी अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।

मंत्री महोदय ने एक सदी से भी अधिक के समय में भारतीय सिनेमा की यात्रा को भी स्मरण किया। उन्होंने कहा “1913 वह वर्ष था जब भारत ने सिनेमा की दुनिया में अपनी यात्रा शुरू की, हमारी फिल्मों ने हमारे समृद्ध इतिहास और भाषा को समाहित किया है, जिसका प्रभाव आज सीमाओं, भाषा की बाधाओं और संस्कृतियों से परे है। दादासाहेब फाल्के, एमजीआर, शिवाजी गणेशन, राज कपूर, सत्यजीत रे, एम टी रामाराव जैसे कई अन्य दिग्गजों ने फिल्मी दुनिया को अपना आधार दिया है। राजा हरिश्चंद्र के साथ शुरू हुई इस यात्रा में विभिन्न रत्नों ने अपना अप्रतिम सहयोग दिया जिसने इसे मील का पत्थर बनाते हुए हमारे सिनेमा को वैश्विक पहचान दी।”

Welcome to IFFI, Asia’s biggest film festival. Over the next eight days, film delegates from all across the world will enjoy the best of Indian and world cinema. Away from the side of COVID-19 pandemic, IFFI is back to its vibrant avatar.- MoS @Murugan_MoS #IFFI53 pic.twitter.com/NX6K8XmsF8

मंत्री महोदय ने इफ्फी के द्वारा संस्कृतियों और लोगों के बीच की सीमाओं को समाप्त करने की शक्ति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि “इफ्फी कला और फिल्म की दुनिया में सीमाओं को मिटा रहा है और विभिन्न फिल्म संस्कृतियों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने और सहयोग करने की संभावनाओं को खोजने की स्वीकृति दे रहा है। हमारे प्रधानमंत्री ने इफ्फी को फिल्म महोत्सव की संज्ञा दी है जो सिनेमा से एकजुट होकर विभिन्न राष्ट्रों और समाजों के प्रतिनिधियों के बीच तालमेल को बढ़ावा देता है। 53वें इफ्फी में वह सब कुछ है जो एक सच्चा फिल्म प्रेमी चाहता है, जिसमें विश्व सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ और मास्टरक्लास जैसे कई अन्य कार्यक्रम शामिल हैं।”

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डॉ. एल मुरुगन ने कहा कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री कोप्रोडक्शन समझौतों के लिए प्रोत्साहन, सिंगल विंडो फिल्म सुविधा को सुव्यवस्थित करने, फिल्म शूटिंग के लिए प्रोत्साहन और विशाल एवीजीसी क्षमता के दोहन जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से भारत को दुनिया की विषय सामाग्री केंद्र के रूप में स्थापित करने के मामले में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

“सर्वश्रेष्ठ को आत्मसात करने और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए एक मंच”

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने उपस्थित जनसमूह के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 53वें इफ्फी की सफलता की कामना के लिए दिया गया संदेश पढ़ा।

सचिव ने विश्वास व्यक्त किया कि इफ्फी समृद्ध ज्ञान और नवीन शिक्षण की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इफ्फी भारतीय फिल्म उद्योगों के लिए दुनिया के समक्ष अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और दुनिया के बाकी हिस्सों से सिनेमा में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को अपनाने का एक बेहतर मंच है।

महोत्सव के निदेशक रवींद्र भाकर ने दिया धन्यवाद प्रस्ताव

गोवा के मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल; उद्घाटन समारोह में इफ्फी संचालन समिति के सदस्य बॉबी बेदी, हृशिता भट्ट, ऐश्वर्या रजनीकांत, निखिल महाजन, प्रसून जोशी, रवि कोट्टारकरा, शूजीत सरकार और वाणी त्रिपाठी एवं तकनीकी समिति के अध्यक्ष एके बीर उपस्थित थे।

उद्घाटन समारोह की मेजबानी जाने-माने अभिनेता अपारशक्ति खुराना और मृणाल ठाकुर ने संयुक्त रूप से की। समारोह के दौरान पंकज त्रिपाठी, मनोज बाजपेयी, प्रभु देवा, सुनील शेट्टी, अजय देवगन परेश रावल और वी. विजयेंद्रप्रसाद सहित प्रसिद्ध फिल्मी हस्तियों को सम्मानित किया गया।

53वें इफ्फी का ऑस्ट्रिया के निदेशक डाइटर बर्नर की ‘अल्मा एंड ऑस्कर’ के विश्व प्रीमियर के साथ शुभारंभ

उद्घाटन समारोह से पहले, समारोह का उद्घाटन आज ऑस्ट्रिया के निदेशक डाइटर बर्नर की भावुक प्रेम कहानी अल्मा और ऑस्कर की आईनॉक्स, पंजिम में स्क्रीनिंग के साथ हुआ।

स्क्रीनिंग पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, निर्देशक डाइटर बर्नर ने कहा कि यह फिल्म एक सुंदर, साहसी, सामाजिक कन्वेंशनों का चुनौतीपूर्ण रूप से सामान करने वाली एक प्रसिद्ध विनीज़ महिला अल्मा महलर और एक अवंत-गार्डे नाटककार और अभिव्यक्तिवादी चित्रकार ऑस्कर कोकोस्का के बारे में है। उन दोनों के प्रेम प्रसंग के उन्हें खुदकुशी के कगार पर ला दिया, और वे कला के इतिहास में अपने निशान छोड़ गए।

जर्मनी, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के संयुक्त प्रोडक्शन में बनी , मर्सिडीज ब्रायस मॉर्गन की 2022 की फिल्म फिक्सेशन इस महोत्सव के मध्य में दिखाई जाने वाली एक फिल्म है।

पोलिश फ़िल्म क्रिज़्सटॉफ़ ज़ानुसी की परफेक्ट नंबर समापन फिल्म है।

इस वर्ष महोत्सव के गुलदस्ते में 280 फिल्में शामिल हैं, जिसमें 79 देशों की 183 अंतर्राष्ट्रीय फिल्में शामिल हैं। भारत की 25 फीचर फिल्मों और 19 गैर-फीचर फिल्मों को ‘इंडियन पैनोरमा’ में दिखाया जाएगा, जबकि 183 फिल्में अंतरराष्ट्रीय प्रोग्रामिंग का हिस्सा होंगी।

यह महोत्सव में 52वें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार की विजेता आशा पारेख की तीन फिल्मों- तीसरी मंजिल, दो बदन और कटी पतंग की स्क्रीनिंग के साथ भी एक विशेष खंड की प्रस्तुति की जा रही है।

मणिपुरी सिनेमा के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर भारतीय पैनोरमा के तहत मणिपुर स्टेट फिल्म्स फिल्म डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा क्यूरेट की गई पांच फीचर और पांच गैर-फीचर फिल्मों का एक विशेष रूप से क्यूरेटेड पैकेज प्रदर्शित किया जा रहा है।

भारतीय पैनोरमा

‘इंडियन पैनोरमा’ की शुरुआत पृथ्वी कोन्नूर की कन्नड़ फिल्म हदिनेलेंतु से होगी, जबकि दिव्या कावासजी की ‘द शो मस्ट गो ऑन’ नॉन-फीचर फिल्म सेक्शन को हरी झंडी दिखाएगी। ऑस्‍कर के लिए भारत का आधिकारिक सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा श्रेणी में प्रवेश पान नलिन के चेलो शो-द लास्ट फिल्म शो और मधुर भंडारकर की इंडिया लॉकडाउन की विशेष स्क्रीनिंग से होगा।

होमेज सैक्शन: अपने महान दिग्गजों के सम्मान में

‘होमेज’ खंड में पंद्रह भारतीय और पांच अंतर्राष्ट्रीय फिल्में शामिल होंगी। भारत रत्न लता मंगेशकर, गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी, कथक के उस्ताद पंडित बिरजू महाराज, अभिनेता रमेश देव और माहेश्वरी अम्मा, गायक केके, निर्देशक तरुण, असमिया अभिनेता निपोन दास, थिएटर कलाकार, मजुमदार और गायक भूपिंदर सिंह को श्रद्धांजलि दी जाएगी। जबकि अंतर्राष्ट्रीय खंड में, महोत्सव में प्रतिभावान बॉब राफेलसन, इवान रीटमैन, पीटर बोगडानोविच, डगलस ट्रंबेल और मोनिका विट्टी को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

फिल्म बाजार

‘फिल्म बाजार’ विभिन्न वर्गों में कुछ बेहतरीन फिल्मों और फिल्म निर्माताओं को प्रदर्शित करेगा। पहली बार आईएफएफआई में पवेलियन मार्श डू कान जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों की तर्ज पर दिखाई देंगे। इस साल, कुल मिलाकर 42 पेवेलियन हैं। इनमें विभिन्न राज्य सरकारों, भाग लेने वाले देशों, उद्योगपतियों और मंत्रालय की मीडिया इकाइयों के फिल्म कार्यालय होंगे। यह भी पहली बार होगा जब कई बहाल क्लासिक्स ‘द व्यूइंग रूम’ में उपलब्ध होंगे जहां  इन फिल्मों के अधिकार खरीदे जा सकेंगे और दुनिया भर के फिल्म समारोहों में उनका उपयोग किया जा सकेगा।

बुक्स टू बॉक्स ऑफिस

किताबों में छपी अच्छी कहानियों और किताबों को अपनाकर बनाई जा सकने वाली अच्छी फिल्मों के बीच की खाई को पाटने की पहल के रूप में नया पुस्तक अनुकूलन कार्यक्रम, बुक्‍स टू बॉक्स ऑफिस शुरू किया गया है। कुछ सर्वश्रेष्ठ प्रकाशकों के भी पुस्तकों के अधिकार बेचने के लिए उपस्थित होने की उम्मीद है जिन्हें स्क्रीन पर विषय वस्‍तु में बदला जा सकता है। .

सभी के लिए उपयुक्त फिल्में

सिनेमा का समर्थन और प्रचार करने के लिए हिंदी फिल्मों के कई गाला प्रीमियर होंगे जिनमें उनके कलाकार मौजूद होंगे। इनमें परेश रावल की द स्टोरीटेलर, अजय देवगन और तब्बू की दृश्यम 2, वरुण धवन और कृति सनोन की भेडि़या और यामी गौतम की लोस्ट शामिल हैं। आने वाली तेलुगु फिल्‍म, रेमो, दीप्ति नवल और कल्कि कोचलिन की गोल्डफिश और रणदीप हुड्डा और इलियाना डिक्रूज की तेरा क्या होगा लवली का भी आईएफएफआई में प्रीमियर होगा, साथ ही वधांधी, खाकी और फौदा सीजन 4 जैसे ओटीटी शो के एपिसोड भी होंगे।

बड़े ड्रा में वे फिल्में होंगी जिन्होंने कान, बर्लिन, टोरंटो और वेनिस जैसे दुनिया भर के प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में कई पुरस्कार जीते हैं। इनमें से कुछ ऑस्कर विजेताओं द्वारा निर्देशित या फीचर की गई हैं। इन फिल्मों में पार्क-चान वूक की डिसीजन टू लीव और रूबेन ओस्टलंड की ट्रायंगल ऑफ सैडनेस, डैरेन ओरोनोफ़्स्की की द व्हेल और गुइलेर्मो डेल टोरो की पिनोचियो, क्लेयर डेनिस की बोथ साइड्स ऑफ ब्‍लैड और गाय डेविडी की इनोसेंस, ऐलिस डायप की सेंट ओमर और मरियम तौज़ानी की द ब्लू काफ्तान शामिल हैं।

मास्टरक्लास’ और ‘इन कन्वर्सेशन’ सत्र

प्रख्यात फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं के साथ 23 ‘मास्टरक्लासेस’ और ‘इन कन्वर्सेशन’ सत्रों के साथ, यह एक रोमांचक सप्ताह होगा। एक मास्‍टरक्‍लास ए. श्रीकर प्रसाद और अनुपम खेर के संपादन पर वी. विजयेंद्र प्रसाद का पटकथा लेखन होगी। एसीईएस पर एक मास्टरक्लास में ऑस्कर अकादमी के विशेषज्ञ होंगे, जबकि एनीमेशन पर मार्क ओसबोर्न और क्रिश्चियन जेज्डिक होंगे। ‘इन-कन्वर्सेशन’ सत्र का संचालन आशा पारेख, प्रसून जोशी, आनंद एल राय, आर बाल्की और नवाजुद्दीन सिद्दीकी करेंगे।

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