कैबिनेट सचिव श्री राजीव गौबा ने आज विज्ञान भवन में “मिशन कर्मयोगी” के अंतर्गत भारत सरकार के मंत्रालयों और विभागों के लिए वार्षिक क्षमता निर्माण योजनाओं को तैयार करने पर दृष्टिकोण पत्र जारी किया

कैबिनेट सचिव श्री राजीव गौबा ने आज विज्ञान भवन में “मिशन कर्मयोगी” के माध्यम से सरकार में मानव संसाधन प्रबंधन व्यवस्थाओं में सुधार लाने वाले माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप,क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में सभी मंत्रालयों/विभागों के सचिवों के साथ उनके मंत्रालयों/विभागों की वार्षिक क्षमता निर्माण योजनाओं पर बातचीत की। इस अवसर पर सीबीसी द्वारा तैयार किए गए वार्षिक क्षमता निर्माण योजनाओं पर एक दृष्टिकोण पत्र भी जारी किया गया।

मंत्रालयों/विभागों के लिए वार्षिक क्षमता निर्माण योजनाओं को तैयार करने पर एक दृष्टिकोण पत्र जारी करते हुए, कैबिनेट सचिव श्री राजीव गौबा ने सीबीसी के पहल की सराहना की और कहा कि “मिशन कर्मयोगी” का मूल विचार सभी कार्यक्षेत्रों और सभी स्तरों पर ज्ञान के लोकतंत्रीकरण को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि आयोग की मदद से बहुत ही कम समय में मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत रेलवे और पुलिस बलों के एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि कई केंद्रीय मंत्रियों के 200 से ज्यादा अनुबंधित निजी कर्मचारियों को भी इसके अंतर्गत प्रशिक्षित किया गया है।

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श्री गौबा ने कहा कि भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले मंत्रालयों/विभागों में नागरिक केंद्रित और राष्ट्रीय प्राथमिकता वाले विषयों पर ध्यान केंद्रित करने वाले प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में बहुत प्रगति हुई है। उन्होंने वार्षिक क्षमता निर्माण योजना विकसित करने की दिशा में काम शुरू करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की सराहना की।

विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के प्रयासों की सराहना करते हुए, श्री गौबा ने कहा कि सभी मंत्रालयप्रशिक्षण और सीखने के अवसरों तक पहुंच बढ़ाने, प्रवीणता के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने और शीर्ष से निचले के कर्मचारियों को भविष्य की तैयारी के लिए तैयार रहने के लिए सरकारी कामकाज को सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में एक अद्भुत काम कर रहे हैं।

श्री गौबा ने माननीय प्रधानमंत्री के शब्दों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार की क्षमता निर्माण प्रणाली में पूर्ण रूप से परिवर्तन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि क्षमता निर्माण आयोग इस दिशा में आगे बढ़ रहा है और सिविल सेवा बिरादरी के लिए सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। उन्होंने कहा कि मंत्रालयों/विभागों में क्षमता निर्माण योजनाओं के माध्यम से अधिकारियों को अपने कार्यों के लिए पूर्ण योग्यता प्राप्त करने में सक्षम बनाना चाहिए। श्री गौबा ने एक मंत्रालय की सर्वोत्तम प्रथाओं को अन्य मंत्रालयों में शुरू करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

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श्री गौबा ने ‘तनाव प्रबंधन’ पर क्षमता निर्माण आयोग द्वारा विकसित की गई प्रशिक्षण मॉड्यूल की भी सराहना की और इसे सरकारी कर्मचारियों के लिए एक आवश्यक उपकरण बताया। उन्होंने डीप इमर्शन पद्धति का समर्थन किया और सुझाव दिया कि इसे मुख्यधारा में लाया जाना चाहिए।

उन्होंने सभी मंत्रालयों, विभागों, संगठनों (एमडीओ) के लिए वार्षिक क्षमता निर्माण योजनाओं (एसीबीपी) को तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे भविष्य में देश के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटा जा सके। आयोग को यह अधिकार-पत्र दिया गया है कि वह भारत सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागों और संगठनों के लिए वार्षिक क्षमता निर्माण योजना को तैयार करे।

इस अवसर पर कई मंत्रालयों के सचिवों ने अपने-अपने मंत्रालयों के लिए वार्षिक क्षमता निर्माण योजना तैयार करने और उनकी प्रगति को सूचीबद्ध करते हुए अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दी।

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