श्री पीयूष गोयल ‘मिलेट्स-स्मार्ट न्यूट्रिटिव फूड‘ कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि होंगे

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल कल (05 दिसंबर 2022, सोमवार) नई दिल्ली में आयोजित होने वाले मिलेट्स-स्मार्ट न्यूट्रिटिव फूड‘ कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि होंगे। इस कॉन्क्लेव का आयोजन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा अपने शीर्ष कृषि निर्यात संवर्धन निकाय, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के माध्यम से किया जा रहा है जिसका उद्वेश्य बाजरा के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष – 2023 (आईवाईओएमम – 2023) के पूर्व-लांच कार्यक्रम में होने वाला यह पहला कॉन्क्लेव है।

मिलेट्स-स्मार्ट न्यूट्रिटिव फूड कान्क्लेव में, किसान उत्पादक संगठनों, स्टार्टअप्स, निर्यातकों, बाजरा आधारित मूल्य वर्द्धित उत्पादों के उत्पादक जैसी आपूर्ति श्रंखला के हितधारक प्रमुख सहभागी हैं। कॉन्क्लेव में, भारतीय बाजरा तथा बाजरा आधारित उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनी तथा बी2बी बैठकों का भी आयोजन किया जाएगा।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि होंगी। इस अवसर पर उपस्थित रहने वाले वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों में केंद्रीय वाणिज्य सचिव श्री सुनील अर्थवाल, कृषि सचिव श्री मनोज आहुजा,  एपीडा के अध्यक्ष डॉ. एम अंगमुथु तथा वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. एम बालाजी शामिल हैं। 

बाजरा निर्यात संवर्धन कार्यक्रम का आयोजन भारत द्वारा दिए गए प्रस्ताव के आलोक में भी है जिसे 72 देशों द्वारा समर्थन प्रदान किया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने 5 मार्च, 2021 को घोषणा की कि 2023 अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईओएम) के रूप में मनाया जाएगा। सरकार वर्तमान में भारतीय बाजरा और इसके मूल्य वर्धित उत्पादों को विश्व भर में  लोकप्रिय बनाने तथा इसे एक जन आंदोलन बनाने के लिए घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आईवाईओएम-2023 का आयोजन कर रही है।

अपनी तरह के इस पहले बाजरा कॉन्क्लेव में, सरकार 30 संभावित आयातक देशों और भारत के 21 बाजरा उत्पादक राज्यों पर ई-कैटलॉग जारी करेगी। इसके अतिरिक्त, नॉलेज पार्टनर ‘यस बैंक‘ के सहयोग से बाजरा पर एक नॉलेज बुक का भी विमोचन किया जाएगा। भारतीय बाजरा के निर्यात के संवर्धन के लिए, सरकार ने 16 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एक्सपो तथा क्रेता-विक्रेता बैठकों (बीएसएम) में निर्यातकों, किसानों और व्यापारियों की सहभागिता को सुगम बनाने की योजना बनाई है।

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बाजरा को बढ़ावा देने की सरकार की सुदृढ़ नीति के अनुसार, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों को भारतीय बाजरा की ब्रांडिंग एवं प्रचार, अंतर्राष्ट्रीय शेफों तथा डिपार्टमेंटल स्टोर्स, सुपरमार्केट्स तथा हाइपरमार्केट्स जैसे संभावित खरीदारों की पहचान करने के लिए बी2बी बैठकों और प्रत्यक्ष करारों का आयोजन करने के लिए शामिल किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, लक्षित देशों के भारत में स्थित विदेशी मिशनों के राजदूतों और संभावित आयातकों को भी रेडी टू इट बाजरा उत्पादों सहित विभिन्न बाजरा केंद्रित उत्पादों को प्रदर्शित करने और बी2बी बैठकों को सुगम बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है।

केंद्र सरकार ने कुछ उल्लेखनीय फूड शो, क्रेता-विक्रेता बैठकों और रोड शो में भारत से विभिन्न हितधारकों की सहभागिता को सुगम बनाने के द्वारा दक्षिण अफ्रीका, दुबई, जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, सिडनी, बेल्जियम, जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका में बाजरा संवर्धन कार्यकलापों का आयोजन करने की योजना बनाई है।

भारतीय बाजरा के संवर्धन के एक हिस्से के रूप में, एपीडा ने गल्फूड 2023, सियोल फूड एंड होटल शो, सऊदी एग्रो फूड, सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) में फाइन फूड शो, बेल्जियम का फूड एवं बेवेरेजेज शो, जर्मनी का बायोफैक तथा अनुगा फूड फेयर, सैन फ्रैंसिस्को का विंटर फैंसी फूड शो आदि जैसे विभिन्न ग्लोबल प्लेटफॉर्मों पर बाजरा तथा इसके मूल्य वर्धित उत्पादों को प्रदर्शित करने की योजना बनाई है।

वैश्विक उत्पादन में लगभग 41 प्रतिशत की अनुमानित हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया में बाजरा के अग्रणी उत्पादकों में से एक है। एफएओ के अनुसार, वर्ष 2020 में बाजरा का वैश्विक उत्पादन 30.464 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) था और उसमें भारत की हिस्सेदारी 12.49 एमएमटी थी जो कुल बाजरा उत्पादन का 41 प्रतिशत है। भारत ने पिछले वर्ष उत्पादित 15.92 एमएमटी की तुलना में 2021-22 में बाजरा उत्पादन में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई।

भारत के शीर्ष पांच बाजरा उत्पादक राज्य हैं – राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात तथा मध्य प्रदेश। बाजरा के निर्यात का हिस्सा कुल बाजरा उत्पादन का लगभग 1 प्रतिशत है। भारत से बाजरा के निर्यातों में मुख्य रूप से साबुत अनाज शामिल है और भारत से बाजरा के मूल्य वर्धित उत्पादों का निर्यात नगण्य है।

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तथापि, यह अनुमान लगाया गया है कि बाजरा का 9 बिलियन डॉलर से अधिक के इसके वर्तमान बाजार मूल्य से बढ़ कर 2025 तक 12 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाना तय है। एपीडा खुदरा स्तर पर और लक्षित देशों के प्रमुख स्थानीय बाजारों में भोजन के नमूनों तथा आस्वादन का आयोजन भी करेगा जहां एकल, घरेलू उपभोक्ता बाजरा उत्पादों से परिचित हो सकते हैं।

केंद्र सरकार ने बाजरा सहित संभावित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने तथा पोषक अनाजों की आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं को दूर करने के लिए पोषक अनाज निर्यात संवर्धन फोरम का गठन किया है।

चावल एवं गेहूं जैसे अत्यधिक उपभोग वाले अनाजों की तुलना में बाजरा में बेहतर पोषण संबंधी गुण होते हैं। बाजरा कैल्सियम, लोहा तथा फाइबर में समृद्ध होते हैं जिनसे बच्चों में स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को प्रतिबलित करने में सहायता मिलती है। इसके अतिरिक्त, शिशु आहार तथा पोषण उत्पादों में बाजरा का उपयोग बढ़ रहा है।

डीजीसीआईएस के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में बाजरा के निर्यात में 8.02 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई जोकि पिछले वर्ष की समान अवधि के 147,501.08 मीट्रिक टन की तुलना में बढ़ कर 159,332.16  मीट्रिक टन हो गया। भारत के प्रमुख बाजरा निर्यातक देश हैं यूएई, नेपाल, सऊदी अरब, लिबिया, ओमान,, मिस्त्र,  ट्यूनिशिया, यमन, ब्रिटेन तथा अमेरिका।  भारत द्वारा निर्यात किए जाने वाले बाजरा की किस्मों में बाजरा, रागी, कैनरी, जवार तथा बकवीट शामिल हैं। विश्व के प्रमुख बाजरा आयातक देश हैं-इंडोनेशिया, बेल्जियम, जापान, जर्मनी, मैक्सिको, इटली, अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील और नीदरलैंड।

बजरा की 16 प्रमुख किस्में हैं जिनका उत्पादन और निर्यात किया जाता है। इनमें शामिल हैं – ज्वार, पर्ल मिलेट, रागी, कंगणी, चीना, कोदो, सावा/संवा/झंगोरा, कुटकी, बक व्हीट एवं कुट्टु, चैलाई एवं ब्राउन टौप बाजरा।

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