राष्ट्रीय आयुध निर्माण दिवस

18 मार्च – राष्ट्रीय आयुध निर्माण दिवस : 𝙽𝙰𝚃𝙸𝙾𝙽𝙰𝙻 𝙾𝚁𝙳𝙽𝙰𝙽𝙲𝙴 𝙵𝙰𝙲𝚃𝙾𝚁𝙸𝙴𝚂 𝙳𝙰𝚈 – 2021

🏭 आयुध निर्माण दिवस कब मनाया जाता है?

आयुध निर्माण दिवस भारत में प्रतिवर्ष 18 मार्च को मनाया जाता है। इस अवसर पर पूरे देश में जगह जगह रक्षा उपकरणों की प्रदर्शनी व विभिन्न आयु वर्ग में आयुध दौड़ का आयोजन किया जाता है। रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले रक्षा उत्पाद विभाग को राष्ट्र की रक्षा एवं सुरक्षा के लिए अवसंरचना सम्बन्धी उत्पादों के व्यापक उत्पादन को विकसित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। रक्षा उत्पाद विभाग ही आयुध निर्माण संगठनों, सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा के उपक्रमों, स्वायत्त संस्थानों की देख-रेख करता है।

🇮🇳 भारतीय आयुध निर्माणी :

भारतीय आयुध निर्माणियाँ एक भव्य औद्योगिक संरचना हैं जो रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के अंतर्गत कार्य करती हैं। भारतीय आयुध निर्माणियाँ जिसका मुख्यालय कोलकाता में है, वह 39 निर्माणियों, 9 प्रशिक्षण संस्थान, 3 क्षेत्रीय विपणन केन्द्र ओर 4 क्षेत्रीय संरक्षा नियंत्रणालयों का समूह है। आज आयुध निर्माणी बोर्ड भारतवर्ष में फैली 39 निर्माणियों के साथ प्रदान करता है :-

• बहु – प्रौद्योगिकी सामर्थ्यताओं के साथ एक बृहत् और परिवर्तनीय उत्पादन आधार।
• अत्याधुनिक उत्पादन सुविधाएं।
• कुशल और पेशेवर अर्हता प्राप्त जन शक्ति और प्रबंधकीय कार्मिकों का बृहत् भंडार।
• गुणवता मानकों का सख्त पालन (सभी इकाईयाँ आई. एस. ओ. 9000 प्रमाणित है)।
• आवश्यकता आधारित परिष्करण एवं सुधार के लिए मौलिक एवं अनुकूलित अनुसंधान एवं विकास।
• अभियांत्रिकी सामर्थ्यता को आगे बढाना।
• औद्योगिक प्रशिक्षण सुविधाओं के लिए एक मजबूत आधार।
• सुविधाजनक स्थान के कारण रेडी मार्केट तक पहुँच।

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🧩 आयुध निर्माणी बोर्ड :

आयुध निर्माणी बोर्ड की अध्यक्षता, अध्यक्ष के रूप में महानिदेशक आयुध निर्माणियाँ (डी. जी. ओ. एफ.) द्वारा की जाती है एवं इसमें अपर महानिदेशक पद के 9 सदस्य शामिल हैं। आयुध निर्माणियों को 5 प्रचालन प्रभाग में विभक्त किया गया है, जो मुख्य उत्पादों/प्रौद्योगिकी पर निर्भर करता है। ये निम्नरूप हैं:

1. गोला बारूद एवं विस्फोटक (ए एंड ई)।
2. शस्त्र, वाहन एवं उपस्कर (डब्लू वी एंड ई)।
3. सामग्री एवं घटक (एम एंड सी)।
4. कवचित वाहन (ए वी)।
5. आयुध उपस्कर निर्माणी समूह (ओ ई एफ)।

उपर्युक्त प्रत्येक निर्माणी समूह की अध्यक्षता सदस्य/अपर महानिदेशक, आयुध निर्माणियाँ द्वारा की जाती है। अन्य चार सदस्यों पर स्टाफ प्रकार्य, यथा कार्मिक (का.), वित्त (वि.), योजना एवं सामग्री प्रबंधन (पी एंड एम एम), तकनीकी सेवाएं (टी एस), का उत्तरदायित्व होता है एवं वे इसका संचालन कोलकाता से करते हैं।

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🌎 भौगोलिक विस्तार :

भारतवर्ष में 39 आयुध निर्माणियाँ 24 विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर स्थित हैं।

राज्य एवं संघ शासित प्रदेशों के नाम – निर्माणियों की संख्या 👇

महाराष्ट्र – 10
उत्तर प्रदेश – 8
मध्य प्रदेश – 6
तमिलनाडु – 6
पश्चिम बंगाल – 4
उत्तरांचल – 2
आंध्र प्रदेश – 1
चण्डीगढ़ – 1
उड़ीसा – 1

40 वीं निर्माणी की स्थापना बिहार के नालंदा में हो रही है।

आयुध निर्माणियों की मुख्य घटनाएँ:

आयुध निर्माणियों के विकास क्रम की मुख्य घटनाएं निम्न प्रकार से सूचीबद्ध की जा सकती हैं-

▪️1801 : काशीपुर, कोलकाता में गन कैरिज एजेंसी की स्थापना।
▪️1802 : 18 मार्च, 1802 से काशीपुर में उत्पादन की शुरुआत।
▪️1906 : भारतीय आयुध निर्माणियों के प्रशासन का दायित्व ‘आई जी आयुध निर्माणियों’ के अधीन आ गया।
▪️1933 : निदेशक, आयुध निर्माणियाँ को प्रभार प्रदान किया गया।
▪️1948 : रक्षा मंत्रालय के सीघे नियंत्रण के अधीन।
▪️1962 : रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन विभाग की स्थापना की गई।
▪️1979 : दिनांक 02 अप्रैल से आयुध निर्माणी बोर्ड अस्त्तित्व में आया।