अब यूनिफाइड सिविल कोड (यूसीसी) को लागू कर कांग्रेस की एक और गलती को सुधारा जाए।

अनुच्छेद 370 को हटाकर जवाहरलाल नेहरू की गलती को सुधारा गया।

अब यूनिफाइड सिविल कोड (यूसीसी) को लागू कर कांग्रेस की एक और गलती को सुधारा जाए।

यह देश सिर्फ भारतीयों का है।
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नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का जो फैसला किया उस पर 11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने कहा कि 1947 में देश की आजादी के बाद दो कानून नहीं हो सकते। किसी भी क्षेत्र को विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता। जम्मू कश्मीर भी भारत का अभिन्न अंग है और देश का कानून जम्मू कश्मीर में भी समान रूप से लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद 11 दिसंबर की शाम को ही राज्यसभा में जम्मू कश्मीर आरक्षण पुनर्गठन विधेयक पर बोलते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि विभाजन के समय जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जो गलती की थी उसे मोदी सरकार ने सुधारा है। शाह ने कहा कि उस समय जोधपुर, हैदराबाद, जूनागढ़ आदि रियासतों का मामला भी उलझा हुआ था। लेकिन तब गृहमंत्री सरदार वल्लभव भाई पटेल ने बड़ी समझदारी से इन रियासतों को देश की सीमा में मिलाया और किसी को भी विशेष दर्जा देने के लिए कोई समझौता नहीं किया, लेकिन तभी जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू कश्मीर की रियासत का मामला सुलझाने गए तो उन्होंने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए शेख अब्दुल्ला से समझौता कर लिया। शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेता भले ही नेहरू को अपना आदर्श मानते हों, लेकिन नेहरू ने स्वयं अपनी पुस्तक में लिखा है कि जम्मू कश्मीर के मामले में उनसे गलती हुई है। जब पाकिस्तानी विद्रोहियों ने जम्मू कश्मीर पर हमला किया, तब पहले सेना भेजने में विलंब किया औश्र फिर सेना को जल्दी वापस बुला लिया। नेहरू की इस गलती का परिणाम ही रहा कि विद्रोहियों के कब्जे वाला कश्मीर आज भी पाकिस्तान के कब्जे में है। जिसे हम पीओके कहते हैँ। शाह ने कहा कि 1947 में कांग्रेस और नेहरू ने जो गलती की थी, उसे ही हमने सुधारा है। यदि जम्मू कश्मीर की रियासत की समस्या का समाधान करने के लिए सरदार पटेल जाते तो नेहरू वाली गलती नहीं करते।

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यूसीसी लागू हो:
11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह स्पष्ट है कि जम्मू कश्मीर के मामले में गलती हुई थी। ऐसी ही गलती कांग्रेस की ओर से धर्म के आधार पर नागरिकों को स्वतंत्रता दिए जाने को लेकर भी की गई है। दुनिया में भारत अकेला देश है, जहां लोगों को अपने धर्म के अनुरूप रहने और आचरण करने की छूट है। जम्मू कश्मीर में हुई गलती को तो 70 वर्ष बाद सुधार लिया गया, लेकिन 75 वर्ष बाद भी देश में यूनिफाइड सिविल कोड लागू नहीं हो सका है। अब समय आ गया है कि यूसीसी लागू कर देश में आचरण के लिए कई कानून बने। इस देश में उसी व्यक्ति को रहने का अधिकार है जो स्वयं को भारतीय माने। स्वयं को भारत का नागरिक नहीं मानने वाले व्यक्तियों को भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि देश का संविधान और कानून सर्वोपरि है। संपूर्ण जम्मू कश्मीर पर भी भारत का कानून लागू होगा। यदि यूसीसी लागू होता है तो देश को और मजबूती मिलेगी। हमने देखा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद न केवल जम्मू कश्मीर में शांति हुई बल्कि देश भर में भी आतंकी घटनाएं बंद हो गई। अभी देश के कई हिस्सों में कट्टरपंथियों की जो घटनाएं और साजिश सामने आती है उन पर यूसीसी के लागू होने के बाद अंकुश लग जाएगा।

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Report By S.P.MITTAL