भारत सरकार की एडीआईपी योजना के अंतर्गत 4146 दिव्यांगजनों के बीच 8291 सहायता और सहायक उपकरणों के वितरण के लिये छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) में शिविरों का उद्घाटन

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, भारत सरकार की एडीआईपी योजना के अंतर्गत ‘दिव्यांगजन’ को सहायता और सहायक उपकरणों के वितरण के लिये मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एफडीडीआई इमलीखेड़ा में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्लूडी) के द्वारा एलिम्को और जिला प्रशासन के सहयोग से एक ‘सामाजिक अधिकारिता शिविर’  आयोजित किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल से वर्चुअली शामिल होकर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। डॉ वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री,भारत सरकार ने सुश्री प्रतिमा भौमिक, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, भारत सरकार की गरिमामयी उपस्थिति में समारोह की अध्यक्षता की। माननीय मंत्रियों ने अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में नई दिल्ली से वर्चुअली समारोह में हिस्सा लिया।

 
कोविड -19 महामारी को देखते हुए विभाग के द्वारा तैयार मान्य प्रक्रिया का पालन करते हुए  ब्लॉक/पंचायत स्तर पर 4146 दिव्यांगजनों को 4,32 करोड़ रुपये मूल्य के कुल 8291 सहायता और सहायक उपकरण निशुल्क वितरित किये जायेंगे।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऐसे समाज जो दिव्यांगजन का ध्यान नहीं रखते वो खुद ही एक निशक्त समाज है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश के दिव्यांगजनों के हित में विभिन्न कल्याणकारी योजनायें लागू की हैं।  मुख्यमंत्री ने छिंदवाड़ा के लोगों की ओर से डॉ. वीरेंद्र कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया, क्योंकि यह मध्य प्रदेश राज्य में केंद्रीय मंत्री के रूप में उनका पहला आधिकारिक कार्यक्रम था। उन्होंने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना की। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए पहल की है और उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाया है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि दिव्यांगजन मानव संसाधन का अभिन्न अंग हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ सबका विकास’ की सोच पर काम कर रहा है और मंत्रालय ने एक समावेशी समाज के विकास और दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है। मंत्रालय द्वारा पिछले सात वर्षों में किये गये कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक समावेशी और सक्षम वातावरण की कल्पना करके दिव्यांगजनों को अधिक हक और अधिकार प्रदान करने के लिए सरकार के द्वारा नया अधिनियम यानी राइट टू पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट 2016 लागू किया गया। केंद्रीय मंत्री ने देश के समग्र विकास के लिए दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर दिया।माननीय मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य में 3.74 करोड़ रुपये की लागत से 4455 दिव्यांगजनों को कौशल प्रशिक्षण मिला है। दिव्यांगजनों के लिए की गई विभिन्न पहलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सुगम्य भारत अभियान के तहत 709 रेलवे स्टेशनों, 10,175 बस स्टेशनों और 683 वेबसाइटों को कवर किया गया है। देश के दिव्यांगजनों की खेलों के प्रति रुचि और पैरालंपिक में उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में ‘दिव्यांग खेल केंद्र’ स्थापित करने का फैसला किया है। ऐसी ही एक सुविधा के उद्घाटन के लिए ग्वालियर शहर की पहचान की गयी है। मध्य प्रदेश के सीहोर में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास केंद्र खोला जाएगा। सीपीडब्ल्यूडी ने दोनों परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री सुश्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि जिन लाभार्थियों की पहचान वर्ष 2020 में की गयी थी,लेकिन कोविड 19 महामारी के कारण वे अपने सहायता एवं सहायक उपकरण नहीं पा सके थे, अब वो इन्हें पा सकेंगे जो कि उन्हें सम्मान के साथ जीवन जीने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा विभाग दिव्यांगजनों के लिए प्रतिबद्ध है और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री के मार्गदर्शन में विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण की दिशा में माननीय प्रधान मंत्री की सोच को पूरा करेगा। उन्होंने विभाग के लक्ष्य को प्राप्त करने में समर्थन देने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रति आभार भी व्यक्त किया।
 

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श्रीमति अंजलि भावरा सचिव डीईपीडब्लूडी, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, भारत सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी।  उन्होंने कहा कि सरकार ने दिव्यांगजनों को रोजगार प्रदान करने के लिए कई कदम उठाये हैं और विकलांग व्यक्तियों को  सशक्त बनाने के लिये कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं जिससे उनके स्वरोजगार के लिये और सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में अवसर के रास्ते खुलें।
डॉ. प्रबोध सेठ, संयुक्त सचिव, डीईपीडब्ल्यूडी, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
कोविड-19 को देखते हुए समारोह के मुख्य स्थल पर आयोजित उद्घाटन वितरण शिविर में गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में पूर्व चिन्हित कुल 4146 दिव्यांग लाभार्थियों में से छिंदवाड़ा नगर प्रखंड के लगभग 50 लाभार्थियों को सहायता एवं सहायक उपकरण उपलब्ध कराये जायेंगे। शेष चिन्हित लाभार्थियों को उनके निर्धारित सहायक उपकरण छिंदवाड़ा जिले में  उनके निकटतम संबंधित ब्लॉकों में  बाद में लगाये जाने वाले वितरण शिविरों की एक श्रृंखला में प्रदान किये जाएंगे।
शिविर में वितरित किए जाने वाले हाई-एंड उत्पादों में बैटरी से चलने वाली 180  मोटरयुक्त ट्राईसाइकिल शामिल हैं। ये ट्राइसाइकिल एडीआईपी योजना के तहत  ऑर्थोपिडिकली इंपेयर्ड दिव्यांगजनों को उपलब्ध करायी जाएंगी। एक मोटर चालित ट्राइसाइकिल की लागत 37000 रुपये है। जिसमें से 25000 रुपये एडीआईपी योजना के तहत प्रदान की जाने वाली सब्सिडी के तहत कवर किया जाता है और शेष राशि या तो लाभार्थियों द्वारा दी जाती है या अन्य स्रोतों जैसे एमपी/एमएलए फंड से प्रायोजित/योगदान किया जा सकता है।
चिन्हित किये गये दिव्यांगजन जिन्हें ब्लॉक स्तर पर मूल्यांकन शिविरों के दौरान पंजीकृत किया था, के बीच विभिन्न प्रकार के सहायक उपकरण वितरित किये जाने हैं, जिसमें 180 मोटर चालित ट्राईसाइकिल, 1223 ट्राइसाइकिल, 967 व्हीलचेयर, 1490 बैसाखी, 987 चलने में सहायक छड़ियां, 117 रोलेटर, 141 स्मार्ट फोन, 235 स्मार्ट केन, 43 डेज़ी प्लेयर, 48 ब्रेल किट, 39 ब्रेल कैन, 83 सी.पी चेयर, 480 एमएसआईईडी किट, 156 सेल फोन के साथ 189 एडीएल किट (कुष्ठ रोग के लिए) , 1070 सुनने के यंत्र, 923 कृत्रिम अंग और कैलिपर्स आदि शामिल हैं।
सहायता/उपकरणों की खरीद/फिटिंग के लिए विकलांग व्यक्तियों को सहायता योजना (एडीआईपी) के तहत शिविर आयोजित किये जाते हैं। एडीआईपी दिव्यांगजन को सहायक मदद और उपकरण प्रदान करने के लिए सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक है और इसे भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) द्वारा आयोजित किया जाता है, जो सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है जिसे राज्यों/जिला प्राधिकरणों के सहयोग से एडीआईपी योजना के तहत कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में पहचाना गया है।
कोविड महामारी को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सहायता और सहायक उपकरणों के मूल्यांकन और वितरण को सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को मंजूरी दी गयी थी।
छिंदवाड़ा में होने वाले मुख्य समारोह स्थल पर श्री विकास महात्मे, राज्य सभा सदस्य, के साथ मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य, स्थानीय जन प्रतिनिधि, श्री सौरव सुमन कलेक्टर छिंदवाड़ा  मौजूद थे वहीं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और श्री आरडी सरीन सीएमडी एल्मिको ने समारोह में वर्चुअली हिस्सा लिया।
 
 
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