हथकरघा सेक्टर देश की समृद्धि और विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हैः कपड़ा राज्यमंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश

कपड़ा और रेल राज्यमंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश, वाणिज्य राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल, विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने सम्मानित महिला सांसदों के संग दिल्ली हाट में आयोजित ‘माय हैंडलूम माय प्राइड’ (मेरा करघा मेरा गौरव) एक्सपो का आज दौरा किया। उन्होंने बुनकरों और दस्तकारों से बातचीत की और बढ़िया हैंडलूम उत्पादों को खरीदा। श्रीमती जरदोश ने सभी महिला सांसदों को दिल्ली हाट में आयोजित हथकरघा प्रदर्शनी देखने के लिये आमंत्रित किया था, ताकि वहां जाकर समृद्ध हथकरघा विरासत का जायजा लिया जाये तथा हैंडलूम उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिये बुनकरों का हौसला बढ़ाया जाये।
स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हम सभी से आग्रह किया है कि एक राष्ट्र के रूप में हम भारतीय हथकरघा उत्पाद खरीदें और #माय हैंडलूम माय प्राइड से जुड़कर हथकरघा उत्पादों की शानो-शौकत को दर्शायें। प्रधानमंत्री के इस आह्वान पर राष्ट्रीय स्तर पर “माय हैंडलूम माय प्राइड एक्सपो” को राजधानी के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में आयोजित किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी एक अगस्त से 15 अगस्त, 2021 तक चलेगी। सातवें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को मद्देनजर रखते हुये राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम (एनएचडीसी) ने इसका आयोजन किया है।
इस अवसर पर श्रीमती दर्शना जरदोश ने कहा कि हैंडलूम सेक्टर देश की समृद्ध और विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ‘माय हैंडलूम माय प्राइड’ के आयोजन से इस महामारी के दौर में भी हमारे बुनकरों और दस्तकारों को बहुत हौसला मिलेगा। श्रीमती जरदोश ने कहा कि हथकरघा सेक्टर महिलाओं को शक्तिसम्पन्न बनाने में सीधे योगदान करता है। उल्लेखनीय है कि समस्त बुनकरों और अन्य सम्बध कारीगरों में 70 प्रतिशत महिलायें हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार हथकरघा सेक्टर के सतत विकास को सुनिश्चित करने के लिये तमाम कदम उठा रही है, जिनके तहत हथकरघा सेक्टर को मजबूत किया जा रहा है, बुनकरों और कारीगरों को आर्थिक रूप से शक्तिसम्पन्न बनाया जा रहा है तथा ऐसे कदम उठाये जा रहे हैं कि उनकी शानदार कारीगरी के प्रति गौरव का एहसास बढ़े।

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श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि हथकरघा हमारा गौरव है। उन्होंने देश के युवाओं का आह्वान किया कि वे हैंडलूम के उत्पादों को अपने फैशन और स्टाइल का हिस्सा बनायें। उन्होंने कहा कि कपड़ा सेक्टर, कृषि के बाद देश में दूसरा ऐसा सबसे बड़ा क्षेत्र है, जहां सबसे ज्यादा रोजगार पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रदर्शनियों से बुनकरों का हौसला बढ़ेगा, हैंडलूम उद्योग को मजबूती मिलेगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि हैंडलूम बहुत समृद्ध सेक्टर है और प्रदर्शनी में उन लोगों के आने का उद्देश्य बुनकरों और दस्तकारों को प्रोत्साहित करना और उनमें आगे बढ़ते रहने के लिये आत्मविश्वास पैदा करना है।

प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के हथकरघा बुनकरों से सीधे संपर्क किया जा सकता है और उनके सच्चे और असली हैंडलूम उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सकता है। एक्सपो के जरिये, हैंडलूम एजेंसियां न सिर्फ उपयुक्त दरों पर उनके उत्पादों को बाजार में उतारती हैं, बल्कि उन्हें यह मौका भी मिलता है कि वे उत्पादों के रंग, डिजाइन और उसके बुनने के तरीके के बारे में ग्राहकों की पसंद के अनुसार उत्पादों में आगे सुधार कर सकें।
एक्सपो में 22 राज्यों के 125 से अधिक हैंडलूम एजेंसिया/राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कारीगर हिस्सा ले रहे हैं। प्रदर्शनी जनता के लिये 15 अगस्त, 2021, यानी 15 दिनों तक खुली है और सुबह 11 बजे से रात आठ बजे तक चलेगी। आशा की जाती है कि 10 हजार से ज्यादा लोग प्रदर्शनी देखने आयेंगे।
भारत के कुछ सुंदर स्थानों के हैंडलूम उत्पादों को प्रदर्शनी में रखा गया है। ये उत्पाद बिक्री के लिये हैं। इनकी संक्षिप्त सूची नीचे दी जा रही हैः-
    आंध्रप्रदेश
कलमकारी हैंडलूम ड्रेस मैटीरियल
· बिहार
भागलपुरी टसर सिल्क साड़ी और ड्रेस मैटीरियल
     कर्नाटक
इलकल सिल्क साड़ी, बेडशीट, दुपट्टा
· मध्यप्रदेश
चंदेरी साड़ी, सूट, दुपट्टा
· मणिपुर
मणिपुर पारंपरिक हैंडलूम उत्पाद
· मिजोरम
मिजोरम पारंपरिक हैंडलूम उत्पाद
· ओडिशा
संभलपुरी इक्कत साड़ी, ड्रेस मैटीरियल
· पंजाब
फुलकारी
· राजस्थान
सूती बेडशीट, तौलिया, योग-चटाई
· उत्तरप्रदेश
बनारसी साड़ी, सूट, ड्रेस मैटीरियल
· पश्चिम बंगाल
जामदानी साड़ी, ड्रेस मैटीरियल, स्टोल
· तमिलनाडु
सलेम साड़ी, ड्रेस मैटीरियल
· तेलंगाना
पोचमपल्ली इक्कत साड़ी, ड्रेस मैटीरियल
          
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