‘प्रशासनिक नवाचार- पासपोर्ट सेवा केंद्र और ई-ऑफिस’पर एनसीजीजी-आईटीईसी ने वर्चुअल वेबिनार का आयोजन किया

आईटीईसी (भारतीय तकनीकि एवं आर्थिक सहयोग) का साझेदार संगठन राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) पड़ोसी देशों में प्रशासनिक अधिकारियों की आवश्यकता के क्रम में विशिष्ट प्रशिक्षण मॉड्यूल और इसके क्रियान्वयन के क्षेत्र में कार्य कर रहा है।
एनसीजीजी ने हाल के समय में पड़ोसी देशों के सिविल सेवकों के लिए जन नीति और शासन पर क्षमता निर्माण के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। एनसीजीजी ने अब तक बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार और कई अफ्रीकी देशों के लगभग 2500 अंतर्राष्ट्रीय सिविल सेवकों को ऑफ़लाइन मोड में प्रशिक्षित किया है।

कोविड-19 महामारी के दौरानभी, एनसीजीजी ने महामारी में सुशासन परम्पराओं पर वर्चुअल कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की है। अब तकअफ्रीका, मध्य एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी यूरोपीय क्षेत्रों से 47 से अधिक देशों ने ऐसी कार्यशालाओं में भाग लिया है। इन कार्यशालाओं में 1250से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
इसी क्रम मेंराष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी), प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआर एंड पीजी), भारत सरकार ने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी), विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से ‘प्रशासनिक नवाचार- पासपोर्ट सेवा केंद्र और ई-ऑफिस’विषय परआज एक वेबिनारआयोजित किया। कार्यशाला में आईटीईसी देशों मालदीव, बांग्लादेश, ट्यूनीशिया, इथियोपिया, म्यांमार, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, भूटान, वियतनाम, थाईलैंड और केन्या के 136 अंतर्राष्ट्रीय सिविल सेवकों, भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों के लोक प्रशासन संकायके प्राध्यापकों, आकांक्षी जिलों के जिला कलेक्टरों,भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के लोक नीति संकाय के प्राध्यापकों, एनसीजीजी के अधिकारियों और डीएआर एंड पीजी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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वेबिनार में उद्घाटन भाषण डीएआरएंडपीजी सचिव और एनसीजीजी प्रबंधन समितिके अध्यक्षश्री संजय कुमार सिंहद्वारा दिया गया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने ‘अधिकतम शासन- न्यूनतम सरकार’की नीति अपनाई और इस संबंध में प्रशासनिक सुधारों की एक श्रृंखला शुरू की गई। सरकार ने 2 प्रमुख पुरस्कार योजनाओं’लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार’और ‘राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार’शुरू कर प्रशासनिक नवाचारों को मान्यता दी। राष्ट्रीय स्तर पर प्रशासनिक नवाचारों में सर्वोत्तम प्रथाओं को अगस्त और सितंबर में निर्धारित आईटीईसी-एनसीजीजी वेबिनार में प्रस्तुत किया जाएगा।
ज्ञान साझा सत्र में पासपोर्ट सेवा केंद्र पर विदेश मंत्रालय में सचिव (सीपीवी और ओआईए), श्री संजय भट्टाचार्यने जबकि ई-ऑफिस पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयके राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) की महानिदेशकडॉ. नीता वर्माने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। विशिष्ट वक्ताओं ने पासपोर्ट सेवा केंद्र और ई-ऑफिस, प्रक्रिया री-इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारतीय अनुभव और डिजिटलीकरण प्रथाओं को अपनाने के बाद भारत के नागरिकों को होने वाले लाभसे जुड़े विषयों पर प्रस्तुतियाँ दीं।
तकनीकी सत्रों के बाद एक प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया जिसमें अंतर्राष्ट्रीय सिविल सेवकों ने अपने देशों में सफल पहलों को पुनः लागू करने के प्रतिउत्साहपूर्वक भाग लिया। धन्यवाद प्रस्ताव एनसीजीजी की प्रो. पूनम सिंह ने प्रस्तुत किया।
एमजी /एएम/ डीटी