अखिल भारतीय एचसीसी मजदूर यूनियन और एचसीसी लिमिटेड के प्रबंधन के बीच विवाद को श्रम और रोजगार मंत्रालय ने सुलझाया

अखिल भारतीय एचसीसी मजदूर यूनियन द्वारा मैसर्स एचसीसी लिमिटेड के प्रबंधन, एक एनएचएआई के ठेकेदार के खिलाफ एक विवाद उपजा था, जिसमें 09 महीने के लिए 600 अनुबंधित श्रमिकों को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मजदूरी के भुगतान के साथ-साथ अन्य सेवा लाभ जैसे बोनस और मजदूरी के साथ छुट्टी के भुगतान की मांग की गई थी। ठेकेदार का ठेका कार्य 21 मई को समाप्त होने वाला था और इस बीच यूनियन ने सभी ठेका श्रमिकों को देय छंटनी मुआवजे और ग्रेच्युटी की भी मांग की थी।
मामले को डीवाईसीएलसी (सी), कोलकाता द्वारा सुलह के लिए अपने अधीन लिया गया था और ठेकेदार, यूनियन और प्रमुख नियोक्ता को आमंत्रित करके कई चर्चाएं की गई थीं। कई चर्चाओं के बाद दिनांक 05.08.2021 को नियोक्ता यानी ठेकेदार और यूनियन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने पर सहमति बनी। नियोक्ता मूल रूप से सभी ठेका श्रमिकों को निम्नलिखित लाभों का भुगतान करने के लिए सहमत हुए। इनमें ’09 महीने की मजदूरी का भुगतान, सभी पात्र श्रमिकों को छंटनी मुआवजा और ग्रेच्युटी का भुगतान, 8.33 प्रतिशत की दर से बोनस का भुगतान, सभी पात्र श्रमिकों को मजदूरी के साथ छुट्टी का भुगतान’ और कोविड की पूरी अवधि के लिए जब मजदूर अपनी ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हो सके, उन्हें उस अवधि की मजदूरी का भुगतान करने की सहमति शामिल है।
भविष्य में नियोक्ता पर कोई वित्तीय बोझ और किसी मुकदमेबाजी के बिना पूरा समझौता पार्टियों की इच्छा और सद्भावना के साथ आयोजित किया गया था।
उपरोक्त निपटान ने नियोक्ता को 27 करोड़ के भुगतान के लिए उत्तरदायी बनाया। दोनों पक्ष निपटान के कार्यान्वयन पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सहमत हुए हैं।
श्रमिक संघ ने कोलकाता में मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) के कार्यालयों द्वारा की गई ऐसी सकारात्मक और सक्रिय राहत उन्मुख कार्रवाई के लिए अपना आभार व्यक्त किया है। इस अवसर पर श्री डी.पी.एस. नेगी, मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) ने खुशी व्यक्त की और कहा कि “इस तरह के प्रयास मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) द्वारा देश भर में किए जाते हैं ताकि किसी भी श्रमिक को उनके वैध अधिकारों से वंचित न किया जाए।”
एमजी/एएम/पीके