विदेशों में भारतीय मिशनों के प्रमुखों और व्यापार एवं वाणिज्य क्षेत्र के हितधारकों से बातचीत के अवसर पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

नमस्कार,
केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सभी सहयोगी गण। दुनियाभर में सेवा दे रहे Ambassadors, High Commissioners, केंद्र और राज्य सरकार के सभी अधिकारीगण।अलग-अलग Export Councils और Chambers of Commerce & Industry के सारे नेतागण। देवियों और सज्जनों !ये समय आज़ादी के अमृत महोत्सव का है। ये समय आजादी के 75वें वर्ष में अपनी स्वतंत्रता को सेलिब्रेट करने का करने का तो है ही, करने का तो है ही भविष्य के भारत के लिए एक क्लीयर विजन और रोडमैप के निर्माण का अवसर भी है।इसमें हमारे Export के Ambitions का और उसमें आप सभी साथियों का Involvement, Initiatives, आपका रोल बहुत बड़ा है।आज जो ग्लोबल लेवल पर हो रहा है।मैं समझता हूं हम सब और यहां जो मेरे सामने सब लोग हैं।वो इन सब चीजों से ज्यादापरिचित हैं। आज फिजिकल, टेक्नोलॉजीकल और फाइनेंसियल कनेक्टिविटी की वजह से दुनिया हर रोज और छोटी होती जा रही है। ऐसे में हमारे Exports के Expansion के लिए दुनिया भर में नई संभावनाएं बन रही हैं।और मैं समझता हूं कि मुझसे भी ज्यादाआप सभी इसके ज्यादा अनुभवीबहुत बड़े पारखी हैं। मैं आप सभी कोआज केइस Initiative के लिएऔर इस प्रकार के दोनो पक्ष की बातों को रखने का जो अवसर मिला मैं इसके लिए बधाई देता हूं। आप सभी ने Exports को लेकर हमारे Ambitious Targets को अचीव करने के लिए जो enthusiasm, optimism और commitment दिखाया है, वो भी प्रशंसनीय है।
 
Friends,
जब ग्लोबल इकॉनोमी में हमारी हिस्सेदारी सबसे अधिक थी और वो समय था हमारे देश का उसका एक बड़ा कारण भारत का ताकतवर Trade और Export था।हमारे दुनिया के लगभग हर हिस्से के साथ Trade Links रहे हैं और Trade Routes भीरहे हैं।आज जब हम Global Economy में अपनी उस पुरानी हिस्सेदारी को वापस पाने का प्रयास कर रहे हैं, तब भी हमारे Exports का रोल बहुत अहम है। Post कोविड Global World में जब Global Supply Chain को लेकर आज एक एक व्यापक डिबेट है तब हमें नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए पूरी ताकत लगा देनी है। आप सभी जानते हैं कि इस वक्त हमारा एक्सपोर्ट GDP का लगभग 20 प्रतिशत है। हमारी अर्थव्यवस्था के साइज़, हमारे Potential, हमारी मैन्युफेक्चरिंग और सर्विस इंडस्ट्री के बेस को देखते हुए इसमें बहुत वृद्धि की संभावना है। ऐसे में आज जब देश आत्मनिर्भर भारत के मिशन पर चल रहा है, तो इसका एक लक्ष्य Exports में Global Supply Chain में भारत की हिस्सेदारी को कई गुणा बढ़ाने का भी है। और इसलिए आज हमें ये सुनिश्चित करना है कि International demand के अनुसार हमें Access मिले ताकि हमारे बिजनेस खुद को Scale Up कर सकें Grow कर सकें। हमारी इंडस्ट्री को भी बेस्ट टेक्नॉलॉजी की तरफ जाना होगा, इनोवेशन पर फोकस करना होगा और R&D में हिस्सेदारी बढ़ानी हीपड़ेगी। Global Value Chain में हमारा Share इसी रास्ते पर चलकर ही बढ़ेगा। Competition और excellence को प्रोत्साहित करते हुए ही हमें हर सेक्टर में global champions तैयार करने हैं।
 
साथियों एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए चार फैक्टर्स बहुत महत्वपूर्ण हैं।पहला-देश में मैन्यूफैक्चरिंग कई गुना बढ़े। और Qualitatively competitive होना चाहिए। और जिस तरह साथयों ने कहा कि आज दुनिया में एक ऐसा वर्ग तैयार हुआ है। जो कीमत से ज्यादा Quality पर फोकस करता है। और हमे इस चीज को address करना ही पड़ेगा। दूसरा-ट्रांसपोर्ट की लॉजिस्टिक्स की दिक्कतें दूर हों। इसमें राज्य सरकारों को भी, केंद्र सरकार को भी और जो भी private उसमे players होते हैं। इन सबने अपनी भूमिका निभानी होगी। तीसरा-एक्सपोर्टर्स के साथ सरकार कंधे से कंधा मिलाकर चले। ये कोई राज्य सरकारें इसमे अगर involve नहीं हैं। राज्य में जिस प्रकार की एक्सपोर्टर्स कॉन्सिल्स हैं वो अगर involve नहीं हैं। और कोई एक व्यापारी अपने तरीके से एक्सपोर्ट करता रहता है। आइसोलेटेड वर्ल्ड में। तो हमे जो परिणाम चाहिए वो नहीं मिलेंगें। हमे मिलकर के ही प्रयास करना होगा। और चौथा फैक्टर है, जो आज के इस आयोजन से जुड़ा है वो है- भारतीय प्रॉडक्ट्स के लिए इंटरनेशनल मार्कट। ये चारो फैक्टर्स एकजुट होंगे तभीभारत का लोकल ग्लोबल होगातभी Make in India for the World के लक्ष्य को हम बेहतर तरीके से हासिल कर पाएंगे।
 
Friends,
आज देश में जो सरकार है, राज्यों में जो सरकार है वो बिजनेस वर्ल्ड की आवश्यकताओं को समझते हुए आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है।आत्मनिर्भर भारत, इस अभियान के तहत compliances में अनेक relaxations दिए गए हैं। इससे economic activities को सुचारु रूप से चलाना आसान हुआ है। 3 लाख करोड़ रुपए की Emergency Credit Line Guarantee स्कीम से MSMEs और दूसरे प्रभावित सेक्टर्स को राहत मिली है। रिकवरी और ग्रोथ को प्रोत्साहित करने के लिए हाल में डेढ़ लाख करोड़ रुपए और अप्रूव किए गए हैं।
 
Friends
Production Linked Incentive स्कीम से हमारी मैन्युफेक्चरिंग की Scale ही नहीं बल्कि Global quality और efficiency का स्तर बढ़ाने मेंबहुतमदद मिलेगी। इससे आत्मनिर्भर भारत का मेड इन इंडिया का नया इकोसिस्टम विकसितकरने में बहुत सुविधा होगी।और विकसित हो सकता है। देश को मैन्युफेक्चरिंग और एक्सपोर्ट के नए Global Champions मिलेंगे। मोबाइल फोन सेक्टर में तो हम इसका असर अनुभव भी कर रहे हैं। 7 साल पहले हम लगभग 8 बिलियन डॉलर के मोबाइल फोन इम्पोर्ट करते थे बाहर से मंगाते थे। अब ये घटकर 2 बिलियन डॉलर हो गया है। 8 बिलियन से 2 बिलियन पर आ गये हैं। 7 साल पहले भारत सिर्फ 0.3 बिलियन डॉलर के मोबाइल फोन एक्सपोर्ट करता था। अब ये बढ़कर 3 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा हो गया है।
 
साथियों
मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट से जुड़ी एक और समस्या को सुलझाने के लिए भी सरकार का फोकस है। देश में Logistics का Time और Cost कम करना येकेंद्र और राज्य दोनो सरकारकी प्राथमिकता रही और रहनी चाहिए। इसके लिए चाहे पॉलिसी डिसिजन हों या फिर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हर स्तर परहमेकाम और तेजी से आगे बढ़ाना होगा।आज हम मल्टीमोडल कनेक्टिविटी की तरफ तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
 
Friends,
अभी हमने सुना बांग्लादेश ने अनुभव बताया कि अब रेलवे मार्ग से चीजें जाने लगी हैं। तो एक दम से बढोत्तरी होने लगी है। Friends, सरकार की तरफ से निरंतर प्रयास किया जा रहा है। Pandemic के Impact को कम से कमउसका impact कैसे हो।हमारी ये पूरी कोशिश है कि वायरस संक्रमण नियंत्रण में रहे। देश में आज वैक्सीनेशन का काम तेज़ गति से चल रहा है। देशवासियों और इंडस्ट्री की हर ज़रूरत हर परेशानी को दूर करने के लिए हर संभव कदम उठाए गए हैं। बीते समय में किए गए प्रयासों का रिजल्ट आज आप भी अनुभव कर रहे हैं। हमारी इंडस्ट्री ने हमारे बिजनेस ने भी इस दौरान इनोवेट किया है नई Challenges के हिसाब से खुद को ढालाहै। इंडस्ट्री ने देश को मेडिकल इमरजेंसी से निपटने में भी मदद की और ग्रोथ को रिवाइव करने में भी भूमिका निभाई। यही कारण है कि आज Drugs और Pharmaceuticals के साथ-साथ Agriculture जैसे सेक्टर में भी हमारे एक्सपोर्ट्स नए स्तर पर पहुंचे हैं। आज हम अर्थव्यवस्था में रिकवरी के ही नहीं बल्कि high growth को लेकर भी Positive Signs देख रहे हैं। दुनिया की अनेक बड़ी Economies भी तेज़ी से रिकवरहोने के संकेत आ रहेहैं। इसलिए Export को लेकर बड़े टारगेट्स रखनेवउनको हासिल करने कामैं समझता हूं यहबेहतर समय है। इसके लिए भी सरकार हर स्तर पर ज़रूरी कदम उठा रही है। हाल ही में सरकार ने Exporters को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले से हमारे Exporters को Insurance Cover के रूप में लगभग 88 हज़ार करोड़ रुपए का Boost मिलेगा। इसी प्रकार export incentives को rationalize करने से WTO कंप्लायेंटइसकोबनाने से भी हमारे एक्सपोर्ट को बल मिलेगा।
 
साथियों
दुनिया के अलग-अलग देशों में बिजनेस करने वाले हमारे एक्सपोर्टर्स बहुत बेहतर तरीके से जानते हैं कि Stability का कितना बड़ा प्रभाव होता है। भारत ने retrospective taxation से मुक्ति का जो फैसला लिया हैवो हमारा कमिटमेंट दिखाता है पॉलीसीज में consistency दिखाता है।ये सभी निवेशकों को स्पष्ट संदेश देता है कि आगे बढ़ता हुआ भारत ना सिर्फ नई संभावनाओं के द्वार खोल रहा है बल्कि भारत की निर्णायक सरकार अपने वायदे भी पूरे करने की इच्छाशक्ति रखती है।
 
Friends,
निर्यात से जुड़े हमारे जो भी टार्गेट हैं जो भी हमारे रिफॉर्म्स हैं उनमें देश के हर राज्य की बहुत बड़ी भागीदारी है। इन्वेस्टमेंट हो Ease of Doing Business हो Last mile infrastructure हो इसमें राज्यों का रोलबहुतअहम है। निर्यात हो या निवेश इसको बढ़ाने के लिए regulatory burden कम से कम हो इसके लिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है। राज्यों में export hubs बने इसके लिए एक healthy competition को promote किया जा रहा है। हर जिले में किसी एक प्रोडक्ट पर फोकस करने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
 
Friends,
निर्यात को लेकर हमारा ambitious target एक holistic और detailed action plan से ही achieve हो सकता है। हमें अपने मौजूदा निर्यात को भी तेज़ करना है और नए प्रोडक्ट्स के लिए मार्केट नए destinations तैयार करने के लिए भी काम करना है।और मैं आपको कुछ सुझाव भी देना चाहुंगा।हमारे जो Missions हैं। वे ये तय कर सकते है। कि आज जिस देश में वो है बहुत छोटे देश हैं तो उनकी मैं बात नहीं कर रहा हूं। लेकिन बाकि देशों में आज मानो तीन स्थान पर ही भारत का माल जा रहा है। तीन ही डेस्टीनेशन हैं। क्या इस आजादी के 75 वर्ष के निमित हम पांच नए डेस्टीनेशन उसके साथ जोड़ सकते हैं। कि जहां पर भारत से कुछ न कुछ आता होगा। मैं समझता हूं कर सकते हैं। क्या हमारे Missions आजादी के 75 साल के निमित ये तय कर सकते हैं कि हमारे देश में भारत से कम से कम अभी जो चीजें आती हैं उसके अतिरिक्त नई 75 प्रॉडक्ट हम हमारे देश में जहां हम mission मे काम कर रहे हैं उस देश मे ले जायेंगे। उसी प्रकार से वहां जो Diaspora है Indian Diaspora हमने देखा है पिछले सात साल में बहुत proactive हुआ है। एक प्रकार से कंधे से कंधा मिलेकर के काम करने में आप लोगों के प्रयत्न से जोड़ा है। हम राज्यवार, हम Diaspora के कुछ गुट बनाएं और इस आजादी के 75 साल के वर्ष में उनके respective राज्य के साथ इसी एक विषय को लेकर के export के विषय को लेकर के virtual summit कर सकते हैं। जैसे मान लीजिए बिहार सरकार आर्गेनाइज करे। भारत सरकार भी हो। बिहार से जो चीजें export होती है उसके सारे exporters भी हों। और उस देश में रहने वाले बिहार का जो Diaspora है वो उसके साथ जुड़े। और बिहार की वो कौन सी चीजें हैं। जो उस respective country में पहुंचनी चाहिए। मैं समझता हूं Diaspora emotionally attach होगा। वो इसमें मार्केटिंग मे ब्रांडिंग में बड़ी मदद कर सकता है। और हमारी चीजें बड़ी तेजी से फैल सकती हैं। उसी प्रकार से क्या राज्य सरकारें वे भी ये तय कर सकती हैं। कि हम हमारे राज्य की पांच या दस ऐसी टॉप प्रायरटी की चीजें तय करेंगे। जो हमे export करना है। और दुनिया के कम से कम 75 देशों में मेरे राज्य से कुछ न कुछ जाना चाहिए। ये राज्यों के अंदर लक्ष्य बन सकता है। यानि हम आजादी के 75 वर्ष दुनिया मे पहुंचने के लिए नए-नए तौर-तरीके अपनाकर के हम बिल्कुल proactively हम प्रयास कर सकते हैं। हमारी कई products ऐसी होगी। दुनिया को पता तक नहीं होगा। अब जैसे हमारा LED बल्ब भारत में इतना सस्ता LED ब्लब बनाया, दुनिया ग्लोबल वार्मिंग की चिंता कर रही है। एनर्जी सेविंग की चर्चा कर रही है। इस विषय को ही लेकर के, हम दुनिया में LED ब्लब पहुंचाए। सस्ते में पहुंचाए। हम ग्लोबल वार्मिंग से दुनिया की मानवता का एक काम भी करेंगे। और भारत को बहुत बड़ा मार्किट भी मिलेगा। ऐसी कई चीजें हैं। मेने ऐसी उदाहरण के नाम कहा है। हम बहुत सी चीजों को कर सकते हैं।अभी हमारा लगभग आधा एक्सपोर्ट सिर्फ 4 बड़े destinations के लिए होता है।इसी प्रकार हमारा लगभग 60 प्रतिशत Export, Engineering Goods, Gems and Jewellery, Petroleum and chemical Products और Pharmaceuticals से जुड़ाहुआहै।मैं समझता हूं कि इतने बड़े विशाल देश, इतनी विविधताओं भरा देश, इतनी बड़ी unique product वाला देश, वे दुनिया में अगर न पहुंचे तो हमे आत्मचिंतन करना है। हमे जो कमियां है उसको दूर करना है। और मिल बैठकर रास्ते खोजने ही हैं। इस स्थिति को हमें मिलकर बदलना है। हमें नए Destination भी खोजने हैं और अपने नए Products भी दुनिया तक पहुंचाने हैं। Mining, Coal, Defence, Railways जैसे सेक्टर्स को खोलने से हमारे entrepreneurs को export बढ़ाने के लिए भी नए अवसर मिल रहे हैं। क्या इन नए सेक्टर्स के लिए हम futuristic strategies तैयार कर सकते हैं?
 
Friends,
आज इस कार्यक्रम में उपस्थित हमारे ऐंबेसेडर्स, विदेश मंत्रालय के साथियों से मैं एक और बात काभी आग्रह करूंगा। आप जिस भी देश में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, उस देश की जरूरतों को बहुत बेहतर तरीके सेआपसमझते हैं। उस देश में किस चीज की डिमांड है, भारत के कौन से क्षेत्र से वो डिमांड पूरी हो सकती है, इसका बेहतर आभास भी आप लोगों को होताहीहै।और पिछले 7 साल में हमने एक नया प्रयोग किया कि जो मीशन के लोग भारत में आते हैं। तो उनको राज्यों में भेजते हैं। राज्य सरकारों के साथ उनके दो-दो तीन-तीन दिन की बातचीत करवाते हैं। ताकि उस राज्य को उस देश में कुंछ अपनी बाते ले जानी है तो सुविधा हो। ये काम already चल रहा है।ऐसे में भारत के एक्सपोर्टर्स के लिए, यहां कॉमर्स इंडस्ट्री के लिए आप सभी एकबहुत मजबूतब्रिज की तरह भी हैं।मैं चाहता हूं कि अलग-अलग देशों में मौजूद इंडिया हाउस, भारत की मैन्यूफैक्चरिंग पावर के भी प्रतिनिधि बनें।समय-समय पर आप, भारत में यहां की व्यवस्थाओं को अलर्ट करते रहेंगे, गाइड करते रहेंगे, तो इसका लाभ एक्सपोर्ट को बढ़ाने में होगा।मैं कॉमर्स मंत्रालय को भी कहूंगा कि वो ऐसी व्यवस्था बनाए जिससे हमारे एक्सपोर्टर्स और हमारे मिशन्स के बीच निरंतर संपर्क बना रहे।और मैं तो मानता हूं कि आज इस वर्चुअलकी व्यवस्था के कारण इन चीजों को बड़ी तेजी से आसानी से हम कर सकते हैं। पहले ट्रेवल करना, मीटिंग करना, ये सब करना कठिन था। लेकिन कोरोना के बाद बाई एंड लार्ज ये दुनियाभर में एक व्यवस्था स्वीकृत हो रही है। मैं मानता हूं इस वर्चुअल हैबिट को इतना बढ़ा देना चाहिए। और हमारी इस प्रकार की ऑल पार्टी, ऑल स्टेकहोल्डर्स के combined initiative वाला प्रयास ज्यादा निर्णायक बनेगा।
 
साथियों,
हमारे Exports से हमारी इकॉनॉमी को मैक्सिमम लाभ हो, इसके लिए हमें देश के भीतर भी सीमलेस और हाई क्वालिटी सप्लाई चेन का निर्माण करना है। इसके लिए हमें एक नए रिश्ते, नई साझेदारी बनाने की ज़रूरत है। मेरा सभी Exporters से आग्रह है कि वो हमारे MSMEs, हमारेकिसानों, हमारे मछुआरों के साथ पार्टनरशिप को मज़बूत करे। हमारे Startupsको प्रमोट करें, हमारे रकई exporters होंगे, शायद आजstartupsकी दुनिया में हमारी युवा पीढ़ी कितना बड़ा दुनिया को दे सकती है। उससे परिचित नहीं होंगे। हो सके तो एक दिन हम Commerce ministry initiatives लें। हमारेstartupsहमारे exporters हमारे investors उनका एक ज्वाइंट वर्कशाप हो। एक दूसरे की ताकत का परिचय हो। दुनिया के मार्केट का परिचय हो। हो सकता है हम बहुत कुछ कर सकते हैं। हम उन्हें Support करें। जहां तक Quality और efficiency का सवाल है तो हमने, अपनी दवाओं, अपनी vaccines के मामले में ये दुनिया मेंहम सिद्ध कर चुके है।टेक्टनॉलॉजी के बेहतर उपयोग से हम क्वालिटी कैसे बेहतर कर सकते हैं, इसका एक और उदाहरण है हमारा Honey सेक्टर। मैं उदाहरण छोटे इसलिए दे रहा हूं कि छोटी-छोटी चीजें भी कितनी बड़ी ताकत के साथ खड़ी हो सकती हैं। ये में आपके सामने Honey का उदाहरण दे रहा हूं। Honey की क्वालिटी सुनिश्चित करना, इंटरनेशनल मार्केट में उसकी पहचान बढ़ाने के लिए अनिवार्य था। हमने Honey की टेस्टिंग के लिए टेक्नोलॉजी आधारित एक नया test इंट्रोड्यूस किया।रिजल्ट ये मिला कि पिछले साल हमने लगभग 97 मिलियन डॉलर का Honey export किया। क्या हम ऐसे ही food processing, fruits, fisheries को लेकर नए इनोवेशन नहीं कर सकते? आज दुनिया में हालिस्टिक हेल्थकेयर का वातावरण बना हुआ है। Back to Basic का वातावरण बना हुआ है। हमारे योग के कारण भारत की तरफ इस दिशा में देखने का एक कारण बना है। ऐसे मे हमारी organic agriculture product जो है उसका एक दुनिया में बहुत बड़ी मार्किट की संभावना है। हमारी आर्गेनिक चीजों को हम किस प्रकार से प्रमोट करे।
 
Friends,
ये समय Brand India के लिए नए लक्ष्यों के साथ नए सफर का है। ये समय हमारे लिए Quality और Reliability की नई पहचान स्थापित करने का है। हमें ये प्रयास करना है कि दुनिया के कोने-कोने में भारत के high value-added product क्योंकि अभी ये आया विषय कि value-added की तरफ हमे बल देना पड़ेगा। हमे हमारी हर चीजों में निरंतर value addition करते जाना पड़ेगा। उसको लेकर हमे एक स्वाभाविक डिमांड पैदा हो। ये हमे कोशिश करनी चाहिए। मैं इंडस्ट्री को, सभी निर्यातकों को भी आश्वस्त करता हूं कि सरकार आपको हर प्रकार से सपोर्ट देगी। आइए, हम आत्मनिर्भर भारत के, वैभवशाली भारत के संकल्प को मिलकर के सिद्ध करें !आप सभी को मेरी बहुत – बहुत शुभकामनाएं हैं। एक सप्ताह के बाद विश्वभर में हमारे मिशंस और भारत में भी हम 15 अगस्त मनाएंगे। आजादी के अमृत महौत्सव के विधिवत शुरूआत भी हो जाएगी। मैं चाहता हूं कि एक हमारे लिए प्रेरणा का कारण बनना चाहिए। दुनिया में प्रभाव पैदा करने के लिए दुनिया में पहुंचने के लिए ये आजादी के 75 साल अपने आप में हमारे लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा का अवसर है। और 2047, देश जब आजादी के सौ साल मनाएगा, ये 25 साल का समय हमारे लिए बड़ा मूल्यवान समय है। हम एक पल भी खोये बिना अभी से एक रोडमेप लेकर के आगे चलें। और मुझे विश्वास कि आज की बातों से कि हम सब इस संकल्प को परिपूर्ण करेंगे, हम संकल्प को पार कर जाएंगे। इसी पूरे विश्वास के साथ मैं आप सब को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। धन्यवाद
 
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DS/SH/DK/AK