श्री रामेश्वर तेली ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत तीसरी ओएनजीसी हस्तशिल्प परियोजना का शुभारंभ किया

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा श्रम एवंरोजगार राज्य मंत्री (एमओएस) श्री रामेश्वर तेली ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्यम से छहअगस्त 2021 को ओएनजीसी समर्थित असम हथकरघापरियोजना ‘उज्ज्वल अबाहन’ का शुभारंभ किया। इसपरियोजनाके तहतहथकरघा हस्तशिल्प में असम के शिवसागरजिलेके भटियापार के सौ से अधिक कारीगरों को सहायता और प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह परियोजना सरकार के “आजादी का अमृत महोत्सव”समारोह के तहत चलाई जा रहीहै, जिसके तहत ओएनजीसी ने इससे पहले देश के स्वदेशी हस्तशिल्प का समर्थन करने वाली दो परियोजनाएं शुरू की हैं। भारत की आजादीके 75वें वर्ष को देखते हुए, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय केअधीनस्थसार्वजनिक उपक्रमों ने स्वतंत्रता के प्रत्येक वर्ष को मनाने के लिए 75 परियोजनाओं में मदद का जिम्मा लिया है। इन 75 परियोजनाओं में से, ओएनजीसी 15 परियोजनाओंमें सहायता दे रहीहै, जिन्हें 15 अगस्त 2022 तक कार्यान्वितकिया जाएगा। ओएनजीसी की तीसरी पहल पहले चरण का हिस्सा है – जिसके तहतऊर्जाक्षेत्र की यहप्रमुखकंपनीपांच परियोजनाओं का शुभारंभ करेगी।
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तेली ने कहा कि असम हथकरघा परियोजना की लागत 26 लाख रुपये से अधिक है और विश्वास व्यक्त किया कि इससे स्थानीय बुनकरों को काफी लाभ होगाऔर साथ ही साथग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने के लिए तकनीकी विकास महत्वपूर्ण है। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि ओएनजीसी द्वारा स्थापित उदाहरणसेअन्य सार्वजनिक उपक्रमों को आगे आने और देश में ऐसी लाभकारी योजनाओं को सहायता देने की प्रेरणा मिलेगी।
इस अवसर पर पेट्रोलियम सचिव श्री तरुण कपूर ने कहा कि यह सराहनीयहै कि ओएनजीसी इस अनूठी सीएसआर (कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व)परियोजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में हस्तशिल्प और रोजगार पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में शामिल कौशल आधारित प्रशिक्षण देश के वंचित लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।
वहीं ओएनजीसी के सीएमडी (मुख्य प्रबंध निदेशक)श्री सुभाष कुमार ने कहा कि सरकार के,आजादीके 75वें वर्ष के उत्सव के एक हिस्से के रूप में इस तरह की सीएसआर परियोजना की मेजबानी करनाकंपनी के लिएगर्व और सम्मान की बात है। उन्होंने कहा, “ओएनजीसी हमेशा अपने परिचालन क्षेत्रों में और उसके आस-पासकेस्थानीय समुदायों का समर्थन करती रहीहै और आगे भी करती रहेगी।”
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एमजी/एएम/पीके