केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री सुश्री शोभा करांदलाजे ने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला खिलाड़ियों को बधाई दी

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री सुश्री शोभा करांदलाजे ने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला खिलाड़ियों को बधाई देने के लिए एक खुला पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने कहा, “सबसे पहले, मैं ओलंपिक के मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व और हमें गौरवान्वित करने वाले सभी प्रतिभागियों को बधाई देना चाहती हूं। ये प्रतिभाशाली और प्रेरणा देने वाले प्रतिभागी रिकॉर्ड बना रहे हैं और उन लक्ष्यों को हासिल कर रहे हैं, जिन्हें हमने संभव नहीं माना था। मैं विशेष रूप से ओलंपिक के मंच पर वर्चस्व कायम करने वाली सभी मजबूत महिला एथलीट रोल मॉडल को बधाई देती हूं। ये महिलाएं न सिर्फ भारत में खेलों से जुड़ी बंदिशों को तोड़ रही हैं, बल्कि ताकतवर रोल मॉडल होने के नाते व्यापक सामाजिक प्रभाव भी छोड़ रही हैं। हमारे देश की करोड़ों महिलाओं की तरफ से, मैं आपमें से हर किसी की आभारी हूं।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारत में महिला रोल मॉडलों की कभी कमी नहीं थी। गार्गी और मैत्रेयी जैसी महान ऋषि, झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, ओनाके ओबव्वा, कित्तूर चेनम्मा जैसी बहादुर योद्धा, साइना नेहवाल, पी. वी. सिंधु, सानिया मिर्जा, मैरी कॉम जैसी खिलाड़ी और कल्पना चावला जैसी एस्ट्रोनॉट इनमें शामिल रही हैं। महिलाएं हमारे भारतीय समाज का आधार हैं। हमें महिलाओं और नारीत्व की पूजा करने वाली कुछ संस्कृतियों में से एक होने पर गर्व है। आज की भारतीय महिलाएं विविध भूमिकाओं के साथ पहले से कहीं ज्यादा ताकतवर हैं, साथ ही परिवार की देखरेख भी कर रही हैं। गृहिणी महिलाएं हमारे भारतीय समाज की सबसे बड़ी चैंपियन और गुमनाम नायकों में से एक हैं।”
सुश्री शोभा करांदलाजे ने यह भी कहा, “मैं लड़कियों और महिलाओं में इन दिनों पैदा की जा रही भावना को दूर करना चाहती हूं कि वे समाज की शिकार, अधीन, प्रताड़ित और मूलभूत अधिकारों से वंचित हैं। भले ही कुछ गंभीर मामलों में यह सही हो सकता है लेकिन भारतीय समाज जो शक्तिशाली देवी दुर्गा की पूजा करता है, में इससे उबरने की क्षमता और लचीलापन है। प्राचीन भारतीय समाज में महिला अधीनता का कोई अस्तित्व नहीं था। अतीत की तरह आज भी हमारे यहां कई मातृसत्तात्मक समाज हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “व्यक्तिगत स्तर पर एक महिला होने के नाते, मैं एक महिला के सामने आने वाली मुश्किलों और चुनौतियों को समझती हूं, साथ ही इनसे संबंधित रही हूं। मैं लड़कियों के अभिभावकों से आग्रह करती हूं कि उन्हें उनके द्वारा चुने गए रास्ते पर समर्थन करना चाहिए, जिस तरह से वे एक लड़के का समर्थन करते हैं। लेकिन इसका हमारे सांस्कृतिक मूल्यों से टकराव या पश्चिम की अंधी नकल करते हुए परिवार को तोड़ना जरूरी नहीं है। हमारी महिलाएं कई शानदार काम करने में सक्षम हैं, क्योंकि उनकी माताओं, पिताओं और पतियों द्वारा उनकी स्वतंत्रता व इच्छाओं का समर्थन किया गया है। हम एक मजबूत आधार वाले समाज में रहते हैं, जो हमारे लिए कई रोल मॉडल पैदा करता है। ये नायक देश भर की महिलाओं को हर दिन कुछ बेहतर करने के लिए मानसिक बेड़ियां तोड़ने के लिए प्रेरित करती हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने यह भरोसा भी दिलाया, “एक मां या बहन की तरह, मैं हमेशा आपके पीछे नजर आऊंगी, हर संभव तरीके से आपकी सहायता करूंगी।”
 

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