हमारी सरकार हाशिये और समाज के अंतिम पायदान पर मौजूद लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है : आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव

आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी, संचार और रेलवे मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज महिला उद्यमियों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी समाधानों को प्रोत्साहन देने के लिए ‘अमृत महोत्सव श्री शक्ति चैलेंज 2021’ लॉन्च किया, जो महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को सहज बनाते हैं। इसका उद्देश्य नारी सशक्तिकरण यानी अपनी पूरी क्षमताएं हासिल करने में सहायता के लिए महिला सशक्तिकरण है। कार्यक्रम के दौरान ‘माइटी-नैस्कॉम स्टार्ट अप वुमेन एंटरप्रेन्योर्स’ पुरस्कारों की भी घोषणा की गई।

 

 

 

श्री शक्ति चैलेंज 2021 में भारी भागीदारी की उम्मीद करते हुए, श्री वैष्णव ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि हमें ऐसे कई प्रतिभागी देखने को मिलेंगे, जो अपने विचारों को उत्पादों में परिवर्तित करेंगे और उन्हें कार्यान्वयन के चरण में ले जाएंगे।” उन्होंने कहा कि इस सफर में हम सभी भागीदार होंगे और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (माइटी) सफल उद्यमी बनने की यात्रा में हमेशा आपके साथ रहेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले 7 साल में समावेशी विकास का एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है। उन्होंने कहा, हमारी सरकार ‘अंत्योदय’ के विचार में विश्वास करती है, जिसका मतलब समावेशी विकास यानी पिरामिड के सबसे नीचे स्थित लोगों का विकास है जो मुख्यधारा में सबसे कमजोर हैं और जो अतीत में देश के विकास से हमेशा ही दूर रहे हैं।

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सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के दर्शन पर जोर देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में पीएम नरेन्द्र मोदी की फ्लैगशिप योजना पर प्रकाश डाला। स्वच्छ भारत और उज्ज्वला योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “स्वच्छ भारत शौचालय सिर्फ शौचालय नहीं है, यह महिलाओं को सम्मान देते हैं। इसी प्रकार, उज्ज्वला सिर्फ सिलिंडर उपलब्ध नहीं करा रही है, बल्कि यह हमारे देश की सामान्य महिला के रोजमर्रा की पीड़ा को दूर कर रही है। इस प्रकार, इस तरह के कार्यक्रम सिर्फ ऐसे विचार से आते हैं, जो मूल रूप में समावेशी हो और जनता व जमीनी स्तर पर लोगों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ा नेता ही ऐसा कर सकता है।”

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देश में उद्यमशीता और नवाचार इकोसिस्टम पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में इनक्यूबेटर्स और एसेलेरेटर्स की संख्या लगभग 100 है, जो देश की 130 करोड़ की आबादी के लिहाज से पर्याप्त नहीं है और इसलिए सरकार अगले तीन साल इनक्यूबेटर्स और एसेलेरेटर्स के नेटवर्क को बढ़ाने पर काम करेगी। उन्होंने कहा, इन सभी का प्रबंधन व्यावसायिक रूप से किया जाएगा और इन्हें संस्थानों, उद्योगों और ऐसे स्थानों में तैयार किया जाएगा जहां उनका मूल्य संवर्धन हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार शुरुआती जोखिम वाले चरण में उद्यमियों और स्टार्टअप्स को समर्थन देगी, जो एंजिल निवेशकों के रूप में सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण दौर होता है और वेंचर कैपिटलिस्ट अपने समय और पूंजी को जोखिम में नहीं डालना चाहते हैं। स्टार्टअप के इस चरण के दौरान, सरकार आगे आएगी और उन्हें समर्थन उपलब्ध कराएगी। हम 10 लाख उद्यमियों को सामने लाने और नए रोजगार पैदा करने की योजना पर काम कर रहे हैं।

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