जल जीवन मिशन नवाचारों और अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा दे रहा है

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग,जल शक्ति मंत्रालय में गठित की गई तकनीकी समिति द्वारा आयोजित की गई पिछली बैठक में 6 नवाचार प्रस्तावों और 8 अनुसंधान एवं विकास प्रस्तावों पर विचार किया गया और अब उन्हें विभाग के नवाचार पोर्टल में सूचीबद्ध करने पर विचार किया जाएगा। समिति की सिफारिशों से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी आवश्यकता और उपयोगिता के आधार पर इन प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने में सहायता प्राप्त होगी।

अगस्त 2019 से, भारत सरकार द्वारा राज्यों के सहयोग सेजल जीवन मिशन लागू किया जा रहा है, जिससे कि 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण घरों में नल जल की आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।मिशन के उद्देश्य को ‘तीव्रता और परिमाण’ के साथ पूरा करने के लिए, विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए अभिनव तकनीकी समाधान की आवश्यकता है।

जल जीवन मिशन के अंतर्गतकार्यान्वयन एजेंसियों को सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति का गठन किया गया है,जिससे नई प्रौद्योगिकियों की पहचान की जा सके और वित्तपोषण के लिए उच्चत्तम स्तर के अनुसंधान एवं विकास प्रस्तावों का चयन किया जा सके। इस समिति में भारत सरकार के वैज्ञानिक विभागों, आईआईटी, राज्य सरकारों, नीति आयोग, गैर सरकारी संगठनों और यूनिसेफ के प्रतिनिधि शामिल हैं।

इस समिति का गठन अक्टूबर 2019 में किया गया और कोविड-19 महामारी और अन्य समस्याएंहोने के बावजूद समिति की अब तक चार बैठकें की जा चुकी है। इसमें 114 अभिनव प्रौद्योगिकियों और 84 अनुसंधान एवं विकास प्रस्तावों पर विचार किया गया है और वित्तपोषण करने के लिए 10 अभिनव प्रौद्योगिकियों तथा2 अनुसंधान एवं विकास प्रस्तावों को भी स्वीकार किया गया है। तकनीकी समिति की चौथी बैठक 27 अगस्त, 2021 को आयोजित की गई थी, जिसमें 6 अभिनव प्रस्तावों और 8 अनुसंधान एवं विकास प्रस्तावों पर विचार किया गया।बैठक में विचार किए गए अनुसंधान एवं विकास प्रस्तावों में से एक, देश के विभिन्न इलाकों में ग्रामीण पेयजल प्रणालियों में पेयजल की मात्रा और गुणवत्ता की आईओटी आधारित निगरानीकरना शामिल है। यह प्रस्ताव विभिन्न सीएसआईआर प्रयोगशालाओं द्वारा एकभागीदार के रूप में एक साथ आने के लिए प्रस्तुत किया गया।

यह भी पढ़ें :   आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के भाग के रूप में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) द्वारा फोटो प्रदर्शनी का आयोजन

राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के अंतर्गत पेयजल एवं स्वच्छता के क्षेत्र में नवाचारों की पहचान करने और अनुसंधान एवं विकास प्रस्तावों का वित्तपोषण करने के लिए दो अलग-अलग पोर्टल बनाए गए हैं। समिति द्वारा अपने नवाचारों को स्वीकार करने के लिए इच्छुक कंपनियां/प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता उन्हें नवाचार पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं।

स्वीकृत की गई नवीन प्रौद्योगिकियां, विकेंद्रीकृत और पैकेज्ड सीवेज उपचार, हरे पौधों और बैक्टीरियल कल्चर के संयोजन के द्वारा ग्रे पानी और काले पानी का उपचार, ऑटो-क्लोरीनेशन का उपयोग करके पेयजल में कीटाणुशोधन, घरों में पीने का पानी प्रदान करने के लिए आईओटी आधारित इलेक्ट्रिक वाहन, फोटोमेट्री का उपयोग करके जल गुणवत्ता मापन किट और आईओटी आधारित एआई/एमएल चालित ऑनलाइन पानी की गुणवत्ता मॉनेटरिंग और कीटाणुशोधन के क्षेत्रों में हैं।अनुसंधान एवं विकास प्रस्तावों के अंतर्गत, बाढ़ जैसी आपातकालीन स्थिति में गुणवत्तापूर्ण पेयजल का उत्पादन करने के लिएहाथ से संचालित होने वाली उपयोगकर्ता-अनुकूल एक उपकरण विकसित करना शामिल है और इसका उपयोग बाढ़ के दूषित पानी को पीने के पानी में सीधे तब्दील करने के लिए किया जा सकता है।दूसरा, केरल राज्य में उभरते हुए एवं अंतःस्रावी विघटनकारी सूक्ष्म प्रदूषक, परक्लोरेट से दूषित होने वाले सामुदायिक कुएं के जल का उपचार करने वाला एक तकनीकीप्रदर्शनभी शामिल है।

यह भी पढ़ें :   राज्य सेवाओं में नवनियुक्त अधिकारियों के आधारभूत प्रशिक्षण की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित

राष्ट्रीय जल जीवन मिशन सभी स्वीकृत नवाचारों को एक साथ जोड़ता है और राज्य सरकारों के साथ उन्हें अपनाने के लिए साझा करता है। इनको व्यापक प्रचारऔर मान्यता प्रदान करने के लिए नवाचार पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।कई बार, राज्य सरकारें अपने सामने उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का अभिनव समाधान की मांग करते हुए, प्रस्तावों के लिए अपने अनुरोध में यह उल्लेख करती हैं कि तकनीकी समिति द्वारा अनुमोदित किए गए अभिनव प्रौद्योगिकियों को वरीयता प्रदान की जाए। अनुसंधान एवं विकास अध्ययनों के परिणामों का कार्यान्वयनबड़े स्तर पर करने के लिए उन्हें राज्यों के साथ साझा किया जाएगा और इसके बाद इनकी तैनाती बड़े स्तर पर की जाएगी।

सुनिश्चित सेवा वितरण प्रणाली में प्रौद्योगिकी के उपयोग का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ,राष्ट्रीय जल जीवन मिशन युवा उद्यमियों, संस्थानों, स्टार्ट-अप्स को सीमांत क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास के लिए अपनी प्रौद्योगिकियों को अपलोड करने/वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे कि ज्ञान के अंतर को भरा जा सके।निम्नलिखित वेब लिंक का उपयोग करके प्रस्तावों को पोर्टल पर अपलोड किया जा सकता है।

अभिनव प्रौद्योगिकियों के लिए स्वीकृति प्राप्त करने के लिए: https://ejalshakti.gov.in/misc/home.aspx

अनुसंधान एवं विकास का वित्तपोषण करने के लिए: https://ejalshakti.gov.in/misc/RndDProject/ProjectLogin.aspx

एमजी/एएम/एक/केजे