बावन कंपनियों ने व्हाइट गुड्स (एसी तथा एलईडी लाइट्स आदि) के लिए पीएलआई योजना में आवेदन दाखिल किए

व्हाइट गुड्स (एयर कंडीशनर तथा एलईडी लाइट्स आदि) के कंपोनेंट के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए पीएलआई स्कीम के तहत कुल 52 कंपनियों ने 5,866 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता के साथ आवेदन दाखिल किए हैं। आवेदन करने की अवधि 15 सितंबर, 2021 को समाप्त हो गई। पीएलआई स्कीम 16.04.2021 को अधिसूचित की गई थी।

डायकिन, पानासोनिक, हिताची, मेत्तुबे, नाइडेक, वोल्टास, ब्लूस्टार, हैवेल्स, अंबेर, ईपैक, टीवीएस-लुकास, डिक्सन, आर के लाइटिंग, यूनिग्लोबस, राधिकाऑप्टो, सिस्का जैसी कई कंपनियों ने एयर कंडीशनर तथा एलईडी लाइट्स आदि के महत्वपूर्ण कंपोनेंट के विनिर्माण के लिए आवेदन किया है।

ऐसे कंपोनेंट के उत्पादन के लिए आवेदन दाखिल किए गए हैं जिनका वर्तमान में भारत में पर्याप्त क्षमता के साथ निर्माण नहीं हो रहा है। एयर कंडीशनरों के लिए कई कंपनियां अन्य कंपोनेंट के साथ साथ कंप्रेसरों, कॉपर ट्यूबिंग, फायल के लिए अल्युमिनियम स्टॉक, आईडीयू या ओडीयू के लिए कंट्रोल असेंबली, डिस्प्ले यूनिट, बीएलडीसी मोटर का निर्माण करेंगी। इसी प्रकार, एलईडी लाइट्स के लिए एलईडी चिप पैकेजिंग, एलईडी ड्राइवर्स, एलईडी इंजन, एलईडी लाइट मैनेजमेंट सिस्टम, मेटल क्लैड पीसीबी सहित पीसीबी तथा वायर वाउंड इंडक्टर आदि का भारत में विनिर्माण किया जाएगा।

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 अप्रैल, 2021 को 6238 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वित्त वर्ष 2021-22 से 2028-29 तक कार्यान्वित होने वाले व्हाइट गुड्स (एयर कंडीशनर तथा एलईडी लाइट्स आदि) के लिए उत्पादन से संबंधित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को स्वीकृति दी है। योजना 16.04.2021 को डीपीआईआईटी द्वारा अधिसूचित की गई थी। योजना के दिशानिर्देश 4 जून, 2021 को प्रकाशित किए गए थे। 15 जून 2021 से 15 सितंबर 2021 तक ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किए गए हैं। आवेदकों का चयन आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि से 60 दिनों के भीतर अर्थात 15.11.2021 तक किया जाएगा।

यह भी पढ़ें :   कोयला मंत्रालय मुंबई में "बंद/ठप्प खदानों की लॉन्चिंग" और "कोयला गैसीकरण परियोजनाएं; आगे का रास्ता" पर उच्च स्तरीय निवेशक सम्मेलन आयोजित करेगा

व्हाइट गुड्स के लिए पीएलआई योजना की रूपरेखा भारत में एयर कंडीशनर तथा एलईडी लाइट्स उद्योग के लिए पूर्ण कंपोनेंट परितंत्र का निर्माण करने तथा भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक प्रमुख हिस्सा बनाने के लिए बनाई गई है। यह स्कीम आधार वर्ष तथा एक वर्ष की उत्पादन पूर्व अवधि के बाद पांच वर्षों की अवधि के लिए वृद्धिशील बिक्री पर 4 प्रतिशत से 6 प्रतिशत का प्रोत्साहन देगी। इस स्कीम के तहत एसी तथा एलईडी लाइट के कंपोनेंट के केवल विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा।

योजना एसी तथा एलईडी लाइट के कंपोनेंट के विनिर्माण को प्रोत्साहन प्रदान करेगी। पीएलआई योजना के तहत एसी के मैटेरियल के बिल (बीओएम) का 90 प्रतिशत तथा एलईडी लाइट के बीओएम का 87 प्रतिशत कवर किया जाता है। इससे देश में 20 प्रतिशत से 80-85 प्रतिशत तक मूल्य वर्धन होगा तथा एसी उद्योग तथा एलईडी लाइट उद्योग के लिए एक मजबूत कंपोनेंट परितंत्र का विकास होगा।

यह भी पढ़ें :   आयुष मंत्री ने नरेला स्थित राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान का दौरा किया

योजना के लिए कंपनियों का चयन किया जाएगा जिससे कि कंपोनेंट या सब-असेंबलीज के विनिर्माण को प्रोत्साहन प्रदान किया जा सके जिनकी वर्तमान में भारत में पर्याप्त क्षमता के साथ मैन्युफैक्चरिंग नहीं की जाती। परिष्कृत वस्तुओं की केवल असेंबली को प्रोत्साहित नहीं किया जा रहा है।

अगले पांच वर्षों में स्कीम से लगभग 2,71,000 करोड़ रुपये के बराबर के कंपोनेंट के कुल उत्पादन की उम्मीद की जाती है। यह स्कीम एसी एवं एलईडी लाइट उद्योग के कंपोनेंट विनिर्माण परितंत्र में 5,866 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश लाएगी। 31 कंपनियों ने एसी कंपोनेंट के लिए लगभग 4995 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता की है जबकि 21 कंपनियों ने एलईडी कंपोनेंट के लिए 871 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता की है।

इस स्कीम से अगले पांच वर्षों में लगभग 2 लाख प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रोजगार अवसरों का सृजन होगा।

घरेलू मूल्य वर्धन के वर्तमान 15-20 प्रतिशत से बढ़कर 75-80 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है।

***

एमजी/एएम/एसकेजे/डीवी