विद्युत मंत्रालय ने ऐसी जिला स्तरीय समितियां गठित करने का आदेश जारी किया है, जो भारत सरकार की सभी विद्युत संबंधी योजनाओं की निगरानी करेंगी; साथ ही ये समितियां लोगों को बिजली सेवाओं के वितरण संबंधी प्रावधान पर पड़ने वाले प्रभाव को भी देखेंगी। यह उपाय देश में विद्युत क्षेत्र के सुधारों और उनके कार्यान्वयन की प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी तथा निगरानी सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है। समिति की संरचना इस प्रकार से होगी:
आदेश में कहा गया है कि सरकार की योजनाओं के अनुसार जिले में विद्युत आपूर्ति बुनियादी ढांचे के समग्र विकास की समीक्षा और समन्वय करने के लिए जिले की समिति तीन महीने में कम से कम एक बार जिला मुख्यालय पर बैठक करेगी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ, निम्नलिखित पहलू भी शामिल होंगे:
सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव (विद्युत/ऊर्जा) को भेजे गए आदेश में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से विद्युत मंत्रालय को सूचित करते हुए इन जिला विद्युत समितियों की स्थापना को अधिसूचित करने तथा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि नियमित आधार पर बैठकें आयोजित करने और समय पर रिपोर्ट जारी करने की जिम्मेदारी संयोजक तथा सदस्य सचिव की होगी।
केंद्र सरकार देश में वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत धन मुहैया कराती रही है। पिछले पांच वर्षों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), एकीकृत विद्युत विकास योजना (आईपीडीएस), प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) आदि के तहत लगभग 2 लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गए हैं, ताकि हर गांव, हर बस्ती तथा हर घर का विद्युतीकरण करके सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित की जा सके; और वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए अधिक सबस्टेशन स्थापित करने, मौजूदा सबस्टेशनों को अपग्रेड करने, हाई टेंशन/ लो टेंशन लाइन, ट्रांसफॉर्मर आदि के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। हाल ही में, सरकार ने जहां आवश्यक हो, वितरण प्रणाली को और मजबूत करने तथा उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए इसे आधुनिक बनाने हेतु 3 लाख करोड़ की एक नई योजना को मंजूरी दी है।
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एमजी/एएम/एनके/सीएस