दिल्ली मेट्रो की ग्रे-लाइन पर नजफगढ़-ढांसा बस स्टैंड खंड का उद्घाटन किया गया

दिल्ली मेट्रो की ग्रे-लाइन पर नजफगढ़-ढांसा बस स्टैंड खंड का उद्घाटन आज केंद्रीय आवास और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। ढांसा बस स्टैंड एक भूमिगत स्टेशन है और वर्तमान में परिचालित द्वारका-नजफगढ़ कॉरिडोर का एक विस्तार है।

आवास और शहरी कार्य राज्यमंत्री श्री कौशल किशोर, दिल्ली के परिवहन मंत्री श्री कैलाश गहलोत, सांसद श्री प्रवेश साहिब सिंह, आवास और शहरी कार्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा और दिल्ली मेट्रो के एमडी श्री मंगू सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने इस अवसर पर कहा कि मेट्रो रेल प्रणाली ने हमारे नागरिकों को एक विश्व स्तरीय परिवहन प्रणाली प्रदान की है। दिल्ली मेट्रो इस अर्थ में अग्रणी रही है कि इसकी सवारियों की संख्या कोविड से पहले की अवधि के दौरान प्रतिदिन 65 लाख तक पहुंच गई थी जबकि देश भर के मेट्रो में कुल सवारियां 85 लाख थीं।

 

श्री पुरी ने कहा कि जैसे-जैसे हम धीरे-धीरे कोविड-19 महामारी से उबरते जा रहे हैं, वैसे-वैसे हमारे नगरों में जनता की बढ़ी हुई गतिशीलता अपेक्षाएं अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। ढांसा जैसे कनेक्शन ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। दिल्ली के ग्रामीण और शहरी हिस्सों के बीच की खाई को अब ऐसे कनेक्शनों से पाटा जा रहा है जो राष्ट्रीय राजधानी के अंदरूनी क्षेत्रों के अंदर तक जा रहे हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार से दिल्ली मेट्रो की लंबित परियोजनाओं को मंजूरी देने में तेजी लाने का भी आह्वान किया।

श्री पुरी ने उल्लेख किया कि वर्तमान में देश में लगभग 740 किलोमीटर की मेट्रो लाइन प्रचालनगत है और मेट्रो प्रणाली के नेटवर्क में व्‍यापक वृद्धि को देखते हुए 2022 तक यह 900 किलोमीटर से अधिक हो जाएगी। देश में 1000 किलोमीटर से अधिक मेट्रो लाइनें निर्माणाधीन हैं और यह निकट भविष्य में 2000 किलोमीटर के लक्ष्य तक पहुंच जाएगा।

श्री पुरी ने कहा कि आज के 1.2 किलोमीटर के विस्तार का उद्घाटन नेटवर्क की लंबाई की दृष्टि से छोटा हो सकता है, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी के आंतरिक हिस्सों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के दृष्टिकोण से, यह नया विस्तार एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि नजफगढ़-ढांसा बस स्टैंड कॉरिडोर मेट्रो को दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र के कई नए उपनगरीय स्‍थानों में ले जाएगा।

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उन्‍होंने कहा कि मेट्रो ने शहरीकरण का चेहरा बदल दिया है क्योंकि दिल्ली या बड़े शहरों में काम करने वाले श्रमिकों के पास अब नगरों के बाहरी क्षेत्रों या गांवों में किफायती आवास हो सकते हैं और वे पैसे और समय की बचत के लिए मेट्रो के काम के लिए प्रतिदिन आवागमन कर सकते हैं।

आवास और शहरी कार्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पहली चालक रहित मेट्रो ट्रेन के परिचालन और दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर नेशनल कोमन मोबिलिटी कार्ड सुविधा के कार्यान्वयन के साथ देश के मेट्रो रेल के इतिहास में दो महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की गईं। उन्होंने कहा कि 110 किलोमीटर के चालक रहित मार्ग होने के साथ यह दुनिया का सबसे लंबा चालक रहित मार्ग बन गया है।

नजफगढ़ – ढांसा बस स्टैंड कॉरिडोर का विवरण:

स्टेशन की प्रमुख विशेषताएं:

• स्टेशन को चार-स्तरीय भूमिगत संरचना के रूप में डिजाइन किया गया है, जहां सबसे नीचे (लगभग 18 मीटर की गहराई पर) प्लेटफॉर्म होगा, उसके बाद कॉनकोर्स होगा और फिर उसके ऊपर पार्किंग के लिए एक पूरी मंजिल होगी, जिसमें टॉप (ग्राउंड लेवल) का रूफ लेवल होगा।

• ढांसा बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन में दिल्ली मेट्रो नेटवर्क का अब तक का पहला भूमिगत मेट्रो स्टेशन है, जिसमें वाहनों की पार्किंग के लिए समर्पित एक पूरी भूमिगत मंजिल है। पार्किंग सुविधा को मुख्य स्टेशन क्षेत्र के साथ एकीकृत किया जाएगा जहां वाहन उपयोगकर्ता अपनी कारों और दो पहिया वाहनों को पार्क करने में सक्षम होंगे और उसके बाद लिफ्ट और एस्केलेटर का उपयोग करके सीधे स्टेशन की ओर बढ़ेंगे।

 • पार्किंग स्थल प्रवेश और निकास रैंप, लिफ्ट, सीढ़ी, एस्केलेटर आदि जैसी सुविधाओं से सुसज्जित है। इस फैसिलिटी में लगभग 110 कारों और 185 दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की जगह है। भविष्य में ग्राउंड लेवल पर संपत्ति विकास गतिविधियों का प्रावधान होगा।

स्टेशन की कलाकृति :

• नजफगढ़ क्षेत्र में ढांसा बस स्टैंड के आसपास के क्षेत्रों की गहरी सांस्कृतिक जड़ें हैं। यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से समृद्ध है और पर्यावरणीय मूल्यों के मामले में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। नजफगढ़ और ढांसा के बीच झील एक दलदली परितंत्र है और बड़ी संख्या में सदाबहार स्थानीय वन्य जीवन और प्रवासी पक्षियों की मौसमी आवाजाही के लिए पर्यावरण की दृष्टि से अनूठा स्‍थान है, जो सर्दियों के दौरान पक्षी प्रेमियों के लिए आनंददायक क्षण होता है।  ढांसा बस स्टैंड स्टेशन पर प्रिंटेड ग्लास पैनलों पर अंकित चित्र इस क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता को प्रदर्शित करते हैं और उनकी विषय-वस्‍तु “प्रवासी पक्षी” पर आधारित है।

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• आसपास के गांव कई प्राचीन लोककथाओं के लिए विख्‍यात हैं। गांव अपने ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने के लिए मेलों का आयोजन करते हैं। इसलिए, कुछ हाथ से पेंट की गई कलाकृतियाँ उनकी समृद्ध भावना और मूल्यों से प्रेरित हैं और उनकी विषय-वस्‍तु “स्थानीय सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य” के रूप में दर्शाई गई है।

• एक हस्‍त मुद्रित कलाकृति निवासियों को उनके मूल्यों और आने वाली जीवन शैली के सार तत्‍व का सम्मान करने के लिए एकजुट होने की भावना दर्शाती है और उसकी थीम “ग्रामीण-शहरी प्रगति के किनारे” पर आधारित है और उस सेतु को प्रदर्शित करती है जो अतीत और भविष्य को जोड़ने के लिए बनाया गया है।

 • कुछ कलाकृतियां मेलों के दृश्यों को भी चित्रित करती हैं, जबकि कुछ कलाकृतियां सिर्फ उत्सव की भावना या स्थानीय डिजाइन और रूपांकनों को प्रदर्शित करती हैं। स्टेशन से गुजरने वाले किसी भी यात्री के लिए ये कलाकृतियां मनमोहक होंगी और इस स्‍थान के प्रति रुचि पैदा कर सकती हैं।

कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत) भारत पहल के तहत कुछ प्रमुख विशेषताएं:

• मेट्रो स्टेशन में ऊर्जा दक्ष एलईडी लाइटों का प्रावधान।

• पुनर्चक्रण और आवधिक सफाई प्रणाली जैसी सुविधाओं के साथ सीवरेज पिट और एसटीपी तक पंप की सुविधा के साथ शौचालय जैसी मूलभूत नागरिक सुविधाओं का प्रावधान।

• वर्षा जल संचयन और आस-पास के क्षेत्र की मौजूदा तूफानी जल निकासी व्यवस्था में सुधार के लिए पर्याप्त हौदी और पम्पिंग सुविधा।

• स्टेशन परिसर में पेयजल की व्यवस्था।

• स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग मानदंडों के लिए प्लेटिनम का दर्जा दिया गया है

• प्रवेश 2 और 3 सबवे के माध्यम से जुड़े हुए हैं, जिससे सतह पर पैदल यात्री सड़क क्रॉसिंग से बचा जा सकता है।

• दो पहिया और चार पहिया वाहनों के लिए बेसमेंट पार्किंग, दिव्‍यांगजन और साइकिल के लिए सर्फेस पार्किंग बस और ग्रामीण सेवा खड़ी करने के स्‍थान और ड्रॉपऑफ जोन का भी प्रावधान है जो पैदल यात्री फुटपाथ के माध्यम से स्टेशन के प्रवेश द्वार से जुड़े हुए हैं।

 

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