भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के लिए बातचीत शुरू होने पर संयुक्त बयान

भारत के वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री माननीय श्री पीयूष गोयल और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार राज्य मंत्री महामहिम डॉ. थानी बिन अहमद अल जायौदी ने भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर औपचारिक रूप से बातचीत शुरू की है।

यूएई के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ डॉ. थानी बिन अहमद अल जायौदी मौजूदा व्यापार और निवेश संबंधों को आगे बढ़ाने के साथ ही द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में सुधार को लेकर बातचीत के लिए नई दिल्ली आए हुए हैं। पहले दौर की सीईपीए वार्ता 23-24 सितंबर 2021 को होगी।

2017 में हस्ताक्षर किए गए व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत दोनों देशों द्वारा की गई प्रगति के मद्देनजर दोनों मंत्रियों ने परस्पर लाभकारी आर्थिक समझौते की इच्छा जताई है। दोनों पक्ष दिसंबर 2021 तक वार्ता को निष्कर्ष पर पहुंचाने और आंतरिक कानूनी प्रक्रियाओं और मंजूरी के बाद मार्च 2022 में एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ेंगे।

दोनों मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि सीईपीए रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा, जीवन स्तर को बढ़ाएगा और दोनों देशों में व्यापक सामाजिक और आर्थिक अवसर प्रदान करेगा। एक नए रणनीतिक आर्थिक समझौते के हस्ताक्षर के पांच साल के भीतर द्विपक्षीय व्यापार (माल) के 100 अरब डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है और सेवाओं में यह 15 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

संयुक्त अरब अमीरात वर्तमान में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, 2019-2020 में द्विपक्षीय व्यापार 59 अरब डॉलर रहा। अमेरिका के बाद यूएई भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात डेस्टिनेशन भी है, 2019-2020 में निर्यात लगभग 29 अरब डॉलर था। भारत 2019 में यूएई का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा, जिसका द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार 41 अरब अमेरिकी डॉलर था। संयुक्त अरब अमीरात भारत में आठवां सबसे बड़ा निवेशक है, जिसने अप्रैल 2000 और मार्च 2021 के बीच 11 अरब डॉलर का निवेश किया जबकि भारतीय कंपनियों के यूएई में 85 अरब डॉलर से अधिक निवेश का अनुमान है।

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यूएई को भारत से निर्यात की जाने वाली चीजों में शामिल है- पेट्रोलियम उत्पाद, कीमती धातुएं, पत्थर, रत्न और आभूषण, खनिज, खाद्य पदार्थ जैसे अनाज, चीनी, फल और सब्जियां, चाय, मांस और समुद्री भोजन, कपड़ा, इंजीनियरिंग और मशीनरी उत्पाद और रसायन। वहीं, संयुक्त अरब अमीरात से आयात की जाने वाली प्रमुख चीजों में शामिल हैं- पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पाद, कीमती धातुएं, पत्थर, रत्न और आभूषण, खनिज, रसायन और लकड़ी और लकड़ी के उत्पाद। 2019-2020 में भारत ने यूएई से 10.9 अरब डॉलर का कच्चा तेल आयात किया।

नई दिल्ली में बैठक के दौरान माननीय केंद्रीय मंत्री गोयल ने कोविड-19 महामारी के दौरान विशेष रूप से तरल चिकित्सा ऑक्सीजन और दवा की आपूर्ति के लिए यूएई के सहयोग की सराहना की। उधर, माननीय अल जायौदी ने महामारी के दौरान सहयोग, जिसमें आपूर्ति श्रृंखलाओं को खुला रखना शामिल था, के लिए भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया।

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साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताते हुए दोनों मंत्री विश्व व्यापार संगठन की ओर से दिए नियम आधारित, पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण, खुले और समावेशी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को मजबूत करने पर सहमत हुए। वे जिनेवा, स्विट्जरलैंड में 12वें विश्व व्यापार संगठन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी12) में संतुलित और समावेशी परिणाम की दिशा में काम करने पर भी सहमत हुए।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने एक्सपो 2020 दुबई के लिए भारत की ओर से शुभकामनाएं दीं और विश्वास व्यक्त किया कि भारत की भागीदारी से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि वह अबू धाबी कार्यकारी परिषद के सदस्य महामहिम शेख हमीद बिन जायद अल नाहयान के साथ निवेश पर नौवें संयुक्त अरब अमीरात-भारत उच्चस्तरीय संयुक्त कार्य बल की सह-अध्यक्षता करेंगे।

दोनों मंत्रियों ने व्यापार बढ़ाने पर सहयोग के लिए दोनों देशों के बीच जनवरी 2017 में हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन की रूपरेखा के तहत समन्वय और सहयोग को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया। जैसा कि उस समझौते में उल्लेख है कि दोनों देश फोकस वाले क्षेत्रों की पहचान कर व्यापार संबंधी मामलों को सुलझाने के लिए साथ मिलकर काम करने के तरीके स्थापित करेंगे।

दोनों मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि सीईपीए वार्ता शीघ्र और सकारात्मक रूप से संपन्न होने से दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे।

एमजी/एएम/एएस