कश्मीर में हिन्दुओं की वापसी में सहयोग क्यों नहीं करती कांग्रेस?

कश्मीर में हिन्दुओं की वापसी में सहयोग क्यों नहीं करती कांग्रेस?
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11 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के प्रकरण में कांग्रेस ने देशव्यापी मौन अनशन का कार्यक्रम किया। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी स्वयं लखनऊ में राजभवन के बाहर अनशन पर बैठी। इसी तरह देशभर के राजभवनों के बाहर कांग्रेस के कार्यकर्ता अनशन पर बैठे। सब जानते हैं कि लखीमपुर के मृतक परिवारों ने सरकार से 45-45 लाख रुपए का मुआवजा ले लिया और पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार भी कर लिया है। इसके बाद भ यदि कोई दल राष्ट्रव्यापी विरोध करता है तो यह उसका लोकतांत्रिक अधिकार हैं, लेकिन सवाल उठता है कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में हिन्दुओं की वापसी में सहयोग क्यों नहीं करती है? कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद राज्य सरकार उन हिन्दुओं को वापस बसा रही है जो 1990 के दशक में आतंक से डर कर अपना मकान तक छोड़ गए थे। ऐसे सभी लोगों को बुलाकर सम्पतियों का कब्जा दिलाया जा रहा है। जैसे जैसे हिन्दू समुदाय के लोग अपने मकानों और दुकानों का कब्जा ले रहे हैं, वैसे वैसे आतंकवादियों में बौखलाहट बढ़ रही है। यही वजह है कि आतंकवादी अब हिन्दुओं को निशाना बना रहे हैं। हालांकि हमारे सुरक्षा बल आतंकियों से डटकर मुकाबला कर रहे हैं, लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी चुप है। प्रियंका गांधी यूपी के मंदिरों में पूजा अर्चना कर स्वयं को हिन्दू हितैषी बताने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन कश्मीर में उन हिन्दुओं के आंसू पोंछने नहीं जाती, जिनके परिवार के सदस्यों को आतंकियों ने मार डाला। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कश्मीर घाटी के माहौल में बदलाव आया है। इस बदलाव की वजह से सैकड़ों हिन्दू कश्मीर जाकर अपनी संपत्तियों का कब्जा ले रहे हैं। हिन्दुओं को वापस बसाने में कांग्रेस को भी सहयोग करना चाहिए। तभी सही मायने में हिन्दू हितैषी होने का पता चलेगा। ऐसा नहीं हो सकता कि कश्मीर में हिन्दुओं की हत्या पर खामोश रहा जाए और यूपी के मंदिरों में पूजा अर्चना कर हिन्दू हितैषी होने का प्रदर्शन किया जाए। देश की जनता सब समझती है। 10 अक्टूबर को हमारी जांच एजेंसियों ने छापेमारी कर 700 कश्मीरियों को हिरासत में लिया है। इनमें 500 से ज्यादा जिहादी पत्रिका वॉयस ऑफ हिंद से प्रभावित हैं। इस पत्रिका का प्रकाशन आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट यानी आईएस करता है। एक और कश्मीर में हिन्दुओं की वापसी हो रही है तो दूसरी ओर अभी भी वामपंथी विचारधारा के लेखक पत्रकार, साहित्यकार आदि अनुच्छेद 370 को हटाने को गलत मान रहे हैं। ऐसे विचार वालों का मानना है कि 370 के हटने से आतंक को बढ़ावा मिला है, जबकि सब जानते हैं कि 370 की वजह से आतंकवादियों को पैर जमाने में मदद मिली। 370 की आड़ में ही पाकिस्तान आतंकी गतिविधियां आसानी से करवा रहा था। 370 के हटने के आद आतंकी घटनाओं में कमी आई है। जहां तक ताजा घटनाओं का सवाल है तो अफगानिस्तान में तालिबान और हक्कानी जैसे आतंकी संगठनों के कब्जे के बाद हमारे कश्मीर में हलचल होने की पहले ही आशंका जताई जा रही थी। लेकिन हमारे सुरक्षा बल पाकिस्तान की ऐसी हरकतों से निपटने में सक्षम हैं। 700 कश्मीरियों को हिरासत में लेने से जाहिर है कि कितने बड़े पैमाने पर कार्यवाही हो रही है। जो कश्मीरी आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कार्यवाही भी होगी। आतंकियों के सामने सरेंडर करने वाले दिन अब खत्म हो चुके हैं। कश्मीर के हालात सुधरने के कारण ही पिछले दिनों राहुल गांधी ने श्रीनगर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मेलन किया था।