स्वास्थ्य मंत्रालय की ई-संजीवनी ने 1.4 करोड़ परामर्श पंजीकृत किए

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत भारत की अग्रणी टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी ने आज 1.4 करोड़ परामर्श दर्ज किए। भारत सरकार की इस पहल को दो रूपों यानी ई-संजीवनीएबी -एचडब्ल्यूसी और ई-संजीवनी ओपीडी में संचालित किया जा रहा है, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं देने में सक्षम होने के कारण समय के साथ अत्यधिक लोकप्रियता हासिल कर चुकी है।

ई-संजीवनीएबी -एचडब्ल्यूसी, डॉक्टर-टू डॉक्टर परामर्श प्रणाली (टेलीकंसल्टेशन सिस्टम) है जिसे स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में शहरी – ग्रामीण के अंतर को कम करने के इरादे से शुरू किया गया। यह हब-एंड-स्पोक मॉडल पर काम करती है। राज्य स्तर पर स्थापित ‘आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केंद्र’ (एचडब्ल्यूसी), स्पोक के रूप में कार्य करते हैं, जिन्हें क्षेत्रीय स्तर पर हब (एमबीबीएस/स्पेशलिटी/सुपर-स्पेशलिटी डॉक्टरों सहित) के साथ मैप किया जाता है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले रोगी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने में सक्षम हो पाते हैं। ई-संजीवनीएबी -एचडब्ल्यूसी के जरिए 85,02,926 रोगियों ने परामर्श लिया। इस डॉक्टर-टू-डॉक्टर टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म की सेवा दर और गति इसकी लोकप्रियता के साथ लगातार बढ़ रही है। दिसंबर 2022 तक 1,55,000 स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती केंद्रों को स्पोक के रूप में जोड़ा जाएगा। वर्तमान में, 28,450 एचडब्ल्यूसी स्पोक के रूप में काम कर रहे हैं।

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13 अप्रैल, 2021 को शुरू की गई ई-संजीवनी ओपीडी का उद्देश्य सुरक्षित तरीके से सीधे डॉक्टर से रोगी को परामर्श प्रदान करना है। इसकी भी मांग में तेजी से बढ रही है क्योंकि यह नागरिकों को प्रतीक्षा समय, यात्रा, संक्रमण के जोखिम आदि को दरकिनार करते हुए आराम से और अपने घरों में डॉक्टरों से परामर्श करने की सुविधा देता है। उम्मीद है कि इस सेवा की मांग बढ़ती रहेगी। ई-संजीवनी ओपीडी प्लेटफॉर्म के जरिए 55,62,897 परामर्श लिए गए हैं। ई-संजीवनी ओपीडी आईओएस और एंड्रॉइड स्मार्टफोन दोनों के लिए मोबाइल ऐप के रूप में उपलब्ध है।

 

ई-संजीवनी समग्र रूप से जमीनी स्तर पर डॉक्टरों और विशेषज्ञों की कमी को दूर कर रही है, जबकि दूसरे और तीसरे स्तर के अस्पतालों पर बोझ भी कम कर रही है। नए लॉन्च किए गए आयुष्मान भारत डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के अनुरूप, इस डिजिटल पहल का उद्देश्य देश के डिजिटल स्वास्थ्य ढांचे में लगातार सुधार करना है। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सी-डैक), मोहाली, राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा के उपयोगकर्ताओं को समग्र सहायता प्रदान कर रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ, सी-डैक मोहाली की टीम ई-संजीवनी के विभिन्न पहलुओं को बढ़ाते हुए इसमें पूरे समर्पित भाव से और लगातार सुधार कर रही है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा व्यापक और गहन अनुकूलन क्षमता भी सुनिश्चित की जा रही है।

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ई-संजीवनी को अपनाने के मामले में (कुल 1,45,07,305) अग्रणी 10 राज्य आंध्र प्रदेश (4728131), कर्नाटक (2573609), तमिलनाडु (1630795), उत्तर प्रदेश (1413257), गुजरात (511338), बिहार (474959), मध्य प्रदेश (471509), पश्चिम बंगाल (460167), महाराष्ट्र (429558), और उत्तराखंड (286012) हैं।

 

ई संजीवनी परामर्श

 

क्रम संख्या

18-  अक्टूबर- 21

कुल

ई-संजीवनीएबी- एचडब्ल्यूसी

ई-संजीवनी ओपीडी

 

भारत

14507305

8944408

5562897

1

आंध्र प्रदेश

4728131

4705840

22291

2

कर्नाटक

2573609

1077884

1495725

 

तमिलनाडु

1630795

134551

1496244

4

उत्तर प्रदेश

1413257

245515

1167742

5

गुजरात

511338

62300

449038

6

बिहार

474959

449900

25059

7

मध्य प्रदेश

471509

465998

5511

8

पश्चिम बंगाल

460167

452162

8005

9

महाराष्ट्र

429558

342683

86875

10

उत्तराखंड

286012

662

285350

 

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एचएफडब्ल्यू / ई संजीवनी ने 1.4 मिलियन परामर्श पंजीकृत किए / 18 अक्टूबर 2021 /4

 

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