प्रोफेसर के. विजय राघवन ने “वहनीयता और नवाचार: सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण दवाएं सुनिश्चित करना” विषयवस्तु पर आयोजित वेबीनार की अध्यक्षता की

पूरे साल चलने वाले ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के दौरान भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित गतिविधियों के हिस्से के रूप में, राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 29 अक्टूबर, 2021 को दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक “वहनीयता और नवाचार: सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण दवाएं सुनिश्चित करना” विषयवस्तु पर आयोजित एक वेबीनार का आयोजन किया। इस वेबिनार की अध्यक्षता भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के. विजय राघवन ने की और औषध विभाग की सचिव श्रीमती एस. अपर्णा ने इसकी गरिमा बढ़ाई।इस वेबीनार में पूरे देश के उद्योग, शिक्षा, केंद्र व राज्य सरकारों, मूल्य निगरानी संसाधन इकाइयों (पीएमआरयू), नागरिक समाज औररोगी के अधिकारों पर सक्रिय समूहों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

प्रोफेसर के. विजय राघवन ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि भारतीय औषध उद्योग को जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और पर्यावरण से जुड़े प्रभावों के चलते उत्पन्न चुनौतियों के समाधान पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने नई दवा की खोज को आगे बढ़ाने के लिए उद्योग और अकादमिक क्षेत्र के बीच मजबूतजुड़ाव औरअभिकलानात्मक (कम्प्यूटेशनल)व प्रायोगिक कार्य के संयुक्त दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

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वहीं इस अवसर पर औषध विभाग की सचिव श्रीमती एस. अपर्णा ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि रोगियों को सस्ती दवाएं सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए एनपीपीएअग्रिम मोर्चे पर तैनात रहा है।उन्होंने आगे जीव उत्पाद (बायोलॉजिक्स), जीन सेल (कोशिका) थेरेपी, जटिल जेनरिक्स और भविष्य की दवाओं में क्षमताओं केनवाचार के लिए पीएलआई योजना के माध्यम से उद्योग को सरकार की ओर से सहायता दिए जाने का भी उल्लेख किया।

एनपीपीए के अध्यक्ष श्री कमलेश कुमार पंत ने अपने स्वागत भाषण में वेबीनार के प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए सस्ती कीमतों पर दवाएं उपलब्ध कराने में एनपीपीए की निभाई गई भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने प्रगतिशील नवाचारों से संबंधित प्रस्तावों के लिए एनपीपीए की मंजूर की गई उच्च कीमतों का भी उल्लेख किया।

इस पैनल चर्चा में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन विशेषज्ञों में एससीएएमएचपी के सदस्य व एसएनसीएम के उपाध्यक्ष डॉ. वाई.के. गुप्ता, जाइडस कैडिला के अध्यक्ष श्री पंकज पटेल, सीएसआईआर-आईआईसीटी के निदेशक डॉ. एस. चंद्रशेखर,विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रीय कार्यालय के यूएचसी/स्वास्थ्य प्रणाली व जीवन पाठ्यक्रम विभाग के निदेशक श्री मनोज झालानी,इन्वेस्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक व सीईओ श्री दीपक बागला और रोगी संगठन के अंतरराष्ट्रीय गठबंधन (आईएपीओ) की अध्यक्ष डॉ.रत्ना देवी थे।इस पैनल नें शामिल विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण क्षेत्रवहनीयता और नवाचार के विभिन्न पहलुओं को रेखांकित किया। इसके अलावा इस बात पर भी सहमति बनी कि देश में एक मजबूत नवोन्मेषी वातावरण तैयार करने के लिएएक बहु-आयामी रणनीति और सोच की जरूरत है।इस वेबीनार के संचालक प्रोफेसर जावेद इकबाल ने अपनी समापन टिप्पणी में उद्योग और अकादमिकक्षेत्र के बीच मजबूत संबंधों के महत्व को रेखांकित किया। उनका मानना है कि अनुसंधान से ऐसे समाधान निकल सकते हैं जो उनके वितरण में सस्ती, प्रभावकारी और कुशल हो सकते हैं।

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इस वेबीनार में एनपीपीए के सदस्य सचिव डॉ. विनोद कोतवाल ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। उन्होंने पीएसए, मुख्य अतिथि व सचिव, औषध विभाग, संचालक, पैनल में शामिल विशेषज्ञों और वेबीनार में हिस्सा लेने वालों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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