निजी क्षेत्र को प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली-प्रशिक्षण, वित्त संबंधी और रोजगार हितधारक के रूप में कार्य करना चाहिए- : केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर

केन्‍द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री, श्री राजीव चंद्रशेखर ने भविष्‍य के लिए हुनर,प्राइम की शुरूआत करते हुए कहा कि “हुनर को केवल प्रवेश स्तर के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे अतिरिक्‍त शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्‍यम से अत्‍याधुनिक हुनर/ नया हुनर सीखने की प्रक्रिया के रूप में देखा जाना चाहिए। यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) और नैसकॉम की एक संयुक्त पहल है। उन्‍होंने कहा कि उद्योग को आवश्यक नए कौशल का पूर्वानुमान लगाना चाहिए। निजी क्षेत्र को प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली- प्रशिक्षण, वित्‍त संबंधी और रोजगार हितधारक के रूप में कार्य करना चाहिए। जैसे-जैसे हम मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ते जाएंगे, प्रतिस्पर्धा और अधिक बढ़ती जाएगी। हुनर की तीव्रता प्रतियोगिता की तीव्रता से मेल खानी चाहिए। यह हमारे लिए एक गंभीर मोड़ है। प्रतिस्पर्धा और कौशल में वृद्धि होनी चाहिए। सरकार उद्योग की सफलता के लिए भागीदार बनने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन हमें सफलता की ओर बढ़ना चाहिए, और हमें सफल होना चाहिए।”

 

अपनी तरह की पहली पहल के रूप में परिकल्पित, फ्यूचर स्किल्स प्राइम का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता, आईओटी, ब्लॉकचेन, 3 डी प्रिंटिंग, एआर / वीआर, साइबर सुरक्षा क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी 10 उभरती प्रौद्योगिकियों में अतिरिक्‍त शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्‍यम से परस्‍पर संबद्ध अत्‍याधुनिक हुनर/ नया हुनर सीखने की प्रक्रिया तैयार करना है ताकि आईटी पेशेवरों के कौशल को उनकी आकांक्षाओं और योग्यता के अनुरूप निरंतर आगे बढ़ाने की सुविधा प्रदान की जा सके।

मिश्रित-शिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से छोटे शहरों और दूरदराज के स्थानों में इस कार्यक्रम की पहुंच बढ़ाने के लिए सी-डैक और एनआईईएलआईटी केन्‍द्रों के अखिल भारतीय नेटवर्क का भी लाभ उठाया जा रहा है। भविष्‍य के लिए हुनर प्राइम सरकारी अधिकारियों, विशेष रूप से तकनीकी/वैज्ञानिक संवर्गों के प्रशिक्षण और उद्योग-क्यूरेटेड पाठ्यक्रमों के माध्यम से उभरती प्रौद्योगिकियों की बारीकियों से परिचित कराने का अवसर प्रदान कर रहा है।

प्रमुख उद्योगपति और विप्रो लिमिटेड के अध्‍यक्ष श्री ऋषद प्रेमजी, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के अध्‍यक्ष श्री अनंत माहेश्वरी , टेक महेन्‍द्र के सीईओ और एमडी श्री सीपी गुरनानी और एसेंचर (इंडिया) की अध्‍यक्ष और वरिष्‍ठ एमडी सुश्री रेखा मेनन ने भी एमईआईटीवाई में इस कार्यक्रम में भाग लिया। नैसकॉम की अध्यक्ष सुश्री देबयानी घोष ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि “हम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के एक वैश्विक मार्गदर्शक के रूप में उभरने की कल्पना कर रहे हैं। डिजिटल कौशल वह कच्चा माल है जिसकी हमें दौड़ में जीतने के लिए आवश्यकता है और सरकार और नैसकॉम द्वारा समर्थित एक डिजिटल स्किलिंग प्लेटफॉर्म भारत को उभरती प्रौद्योगिकियों और प्रतिभाओं के लिए वैश्विक केन्‍द्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में सही नुस्खा प्रदान करता है। भविष्‍य के लिए कौशल प्राइम तकनीक की दुनिया के लिए नए प्रवेशकों को पैदा कर रहा है। ”

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एमईआईटीवाई सचिव श्री अजय साहनी ने अपने संबोधन में कहा कि “भारत में अपार कौशल है। सरकार और उद्योग ने लोकप्रिय डिजिटल प्रवाह पाठ्यक्रमों के साथ-साथ क्यूरेटेड योग्यता आधारित मार्गों के साथ एक राष्ट्रीय सार्वजनिक डिजिटल कौशल मंच बनाने के लिए मिलकर काम किया है। भविष्‍य के लिए कौशल,प्राइम टीम इंडिया का एक प्रयास है।”

इस अवसर पर विप्रो के अध्यक्ष, श्री ऋषद प्रेमजी ने कहा कि “भारत अपनी मूल्य निर्धारण प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता प्रतिभा के साथ विश्व स्तर पर उद्यमों के लिए सबसे बड़े आईटी गंतव्यों में से एक बन गया है। भविष्‍य के लिए कौशल प्राइम उभरती प्रौद्योगिकियों में मुख्य दक्षताओं को विकसित करने के लिए एक मजबूत प्रतिमान की शुरुआत कर रहा है। वैकल्पिक प्रतिभा को साझा होता देखने की कंपनियों की इच्छा लोगों को उद्योग के लिए प्रासंगिक पाठ्यक्रमों को चुनने में सक्षम बनाएगी, जिससे डिजिटल प्रतिभा अंतर समाप्‍त हो जाएगा।” माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के अध्यक्ष श्री अनंत माहेश्वरी ने संकेत दिया कि “भविष्य के कौशल आज मौजूद कौशल से बहुत अलग दिखेंगे। डिजिटल भविष्य में फलने-फूलने के लिए, कौशल कार्यक्रमों के नए स्वरूपों को बड़े पैमाने पर बनाने और वितरित करने की आवश्यकता है, ताकि हमारे युवा न केवल डिजिटल कौशल से लैस हों, बल्कि हम उन्हें महत्वपूर्ण सोच, सहयोग, रचनात्मक समस्या समाधान और जिम्मेदारी के साथ निर्णय लेने में सक्षम बना सकें।” नैसकॉम की चेयरपर्सन और एसेंचर की वरिष्‍ठ एमडी सुश्री रेखा मेनन, ने कहा, “मैं भविष्‍य के लिए कौशल प्राइम को उभरती प्रौद्योगिकियों में अतिरिक्‍त शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्‍यम से परस्‍पर संबद्ध अत्‍याधुनिक हुनर/नया हुनर सीखने की प्रक्रिया तैयार करने के लिए एक स्‍थान पर वैश्विक मंच के रूप में देखती हूं। भविष्‍य के लिए कौशल प्राइम की शुरूआत सरकार द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम है जो भविष्य के लिए तैयार प्रतिभा के रूप में लाभ दिलाएगा जो बेहद तेज गति से सरकार और उद्योग दोनों को नवाचार करने की सुविधा प्रदान करेगा।” अपने संबोधन में टेक महिंद्रा के सीईओ और एमडी श्री सीपी गुरनानी ने कहा कि “महामारी ने सीखने के अधिक व्यापक दृष्टिकोण की संभावनाएं बढ़ाई हैं, जिससे भारत में शिक्षा का लोकतंत्रीकरण हुआ है। भारत में टेक संगठन उस दिशा की ओर बढ़ रहे हैं जहां कर्मचारी अपने दिन-प्रतिदिन कार्य करने का स्‍थान और हाइब्रिड वर्क मॉडल चुन सकते हैं। भविष्‍य के लिए कौशल के माध्यम से उम्‍मीदवारों को परस्‍पर संबद्ध अत्‍याधुनिक हुनर/ नया हुनर सीखने के रोमांचक अवसर मिलेंगे। ”

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एमईआईटीवाई में संयुक्‍त सचिव डॉ. जयदीप कुमार मिश्रा ने बताया कि भविष्‍य के लिए कौशल प्राइम नव परिवर्तनशील तंत्रों के माध्यम से हर कदम पर प्रेरित करने और मूल्य बनाने का प्रयास करता है। ‘कौशल पासपोर्ट’ और ‘कौशल बहीखाता’ की एक अवधारणा को पेश किया गया है जो कि अद्वितीय है ताकि कोई भी आकांक्षी अत्‍याधुनिक हुनर/नया हुनर सीखने के दौरान प्राप्त जानकारी को दर्ज कर सके और उसे पहचान सके।

आईटी-आईटीईएस एसएससी-नैस्कॉम की सीईओ सुश्री कीर्ति सेठ ने धन्यवाद प्रस्ताव में कहा कि प्रमुख कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में एसएससी-नैस्कॉम को इस पहल का हिस्सा बनने पर गर्व है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार द्वारा बी2सी लाभार्थी के लिए अत्‍याधुनिक हुनर/नया हुनर सीखने की प्रक्रिया तैयार करना एक बड़े परस्‍पर जुड़े अध्‍ययन को सक्षम करने के लिए सही दिशा में एक कदम है।

 

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एमजी/एएम/केपी