अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन चीफ ने भारतीय तटरक्षक बल के 46वें स्थापना दिवस के अवसर पर तटरक्षक टुकड़ी (कंपोनेंट) को बधाई दी

अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन चीफ (सीआईएनसीएएन) ने 01 फरवरी, 2022 को भारतीय तटरक्षक बल के 46वें स्थापना दिवस के अवसर पर तटरक्षक टुकड़ी को बधाई दी। 1978 में केवल 7 जमीनी प्लेटफार्मों के साथ एक मामूली शुरुआत से तटरक्षक बल कई जहाजों व बड़ी संख्या में विमानों के साथ अपनी श्रेणी में एक अजेय बल के रूप में विकसित हो चुकी है।

अंडमान और निकोबार कमान के तहत तटरक्षक बल ने परिचालन उत्कृष्टता और गुणवत्ता पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इसका प्रदर्शन 836 द्वीपों में 1962 किलोमीटर के समुद्र तट पर नौसेना के साथ सतर्कता बनाए रखने में बेहतर रहा है। इसने नौ लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में प्रभावशाली खोज व बचाव के अलावा छह लाख वर्ग किलोमीटर के अंडमान और निकोबार द्वीप विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में सुरक्षा प्रदान करके राष्ट्रीय हितों की रक्षा की है।

यह भी पढ़ें :   राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत आईआईटी रुड़की में पेटास्केल सुपरकंप्यूटर ‘‘परम गंगा’’ स्‍थापित किया गया

 

पिछले एक साल में एएनसी में तटरक्षक बल ने समुद्र में 109 लोगों की जिंदगी बचाई है। इसके अलावा समुद्र और वायु, दोनों में चौबीसों घंटे गश्ती का संचालन करते हुए हॉक आई विजिल ने द्वीपों में अवैध रूप से परिचालित 22 से अधिक शिकारियों और 4 विदेशी मछली पकड़ने वाली नौकाओं को कब्जे में लेने के लिए अंडमान और निकोबार कमान की सहायता की है। वहीं, अन्य उल्लेखनीय उपलब्धियों में, प्रतिकूल समुद्री परिस्थिति और खराब मौसम के बीच तटरक्षक बल ने एमवी एक्स-प्रेस यमुना को खींचने के काम को सफलतापूर्वक पूरा किया, अगर पोत को इस तरह नहीं खींचा जाता तो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की संवेदनशील इकोलॉजी को अपूरणीय क्षति हो सकती थी। वहीं एक अन्य अवसर पर तटरक्षक पोत ने टग गंगा-I को बाढ़ में डूबने से बचाने में सफलतापूर्वक सहायता प्रदान की। इस तलाशी और राहत अभियान में नौ लोगों को बचाया गया। बीते साल अंडमान और निकोबार कमान के तहत तटरक्षक बल ने राष्ट्र की सेवा में ऐसे कई वीरतापूर्ण प्रयास किए गए हैं, जिसके चलते समुद्र में लोगों और सामग्री को बचाया गया।

यह भी पढ़ें :   आचार्य कृष्णम का बयान- दुर्गा का अवतार हैं प्रियंका गांधी, उन्हीं के हाथों होगा BJP का वध, बढ़ा विवाद

**********

एमजी/एएम/एचकेपी/एके