नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत ऊर्जा परिवर्तन में भारत के नेतृत्व की दिशा में “न्यू- फ्रंटियर्स: अक्षय ऊर्जा पर एक कार्यक्रम” का आयोजन किया

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आज “ऊर्जा परिवर्तन में भारत का नेतृत्व” के उद्घाटन कार्यक्रम के साथ “न्यू फ्रंटियर्स: अक्षय ऊर्जा पर एक कार्यक्रम” का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में भारत सरकार के अधिकारियों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, मुख्य प्रबंध निदेशकों, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की फर्मों के प्रतिनिधियों और दिल्ली के प्रमुख विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों के छात्रों सहित 300 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस अवसर पर कई भागीदार देशों के राजदूतों और दूतावासों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों और भारत सरकार के उच्च स्तरीय पदाधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।

एमएनआरई सचिव ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम के लिए संदर्भ निर्धारित किया। विद्युत सचिव ने भारत के ऊर्जा परिवर्तन एजेंडे पर एक विशेष संबोधन दिया।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा एवं रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा ने पूर्ण सत्र को संबोधित किय। श्री खुबा ने भारत की ऊर्जा परिवर्तन प्रतिबद्धताओं और उपलब्धियों,  ऊर्जा पर उच्च स्तरीय वार्ता 2021 के लिए संयुक्त राष्ट्र को सौंपे गए भारत सरकार के ऊर्जा विवरण और परिवर्तन की नागरिक-केंद्रित प्रकृति पर चर्चा की।

केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राज कुमार सिंह ने भी विचार-विमर्श में भाग लिया और उन्होंने छात्रों सहित ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु कार्रवाई के विभिन्न पहलुओं पर प्रश्नों का उत्तर देते हुए आगंतुकों के साथ अपने बहुमूल्य विचार साझा किए। मंत्री महोदय ने छात्रों के साथ वार्तालाप करते हुए अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों, सौर ऊर्जा, सभी के लिए 24×7 निर्बाध बिजली, अक्षय ऊर्जा के साथ दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में कमी, कृषि क्षेत्र में डीजल पंपों को बदलने के लिए सौर कृषि पंपों के उपयोग और ईवी क्षेत्र एवं अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के अवसरों के संदर्भ में उनके प्रश्नों का उत्तर दिया।

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इस अवसर पर अपने संबोधन में, मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार की मंशा सभी घरों में 24×7 निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है। पिछले 7 वर्षों में, भारत ने 395,000 मेगावाट की अपनी स्थापित क्षमता में वृद्धि की है जबकि हमारी चरम मांग 200,000 मेगावाट है। भारत में अब एक एकीकृत राष्ट्रीय ग्रिड है। मंत्री महोदय ने जोर देते हुए कहा कि निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए दो मुख्य आवश्यकताएं- एक बेहतर वितरण प्रणाली और दूसरी डिस्कॉम की व्यवहार्यता है। मंत्री महोदय ने कहा कि भारत अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य है।

श्री सिंह ने कहा कि दुनिया को एक ऊर्जा परिवर्तन की आवश्यकता है जहां जीवाश्म ईंधन से गैर-जीवाश्म ईंधन प्रणाली में बदलाव किया जा सके। यदि ऊर्जा भंडारण उपकरणों की लागत कम हो जाती है तो परिवर्तन तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि उच्च दक्षता वाले सौर मॉड्यूल के लिए पीएलआई योजना के तहत वित्त मंत्रालय अतिरिक्त 19,500 करोड़ रुपये प्रदान करेगा।

मंत्री महोदय ने इस बात पर भी बल दिया कि अर्थव्यवस्था का विद्युतीकरण करना और बिजली मिश्रण में आरई की हिस्सेदारी बढ़ाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि परिवहन प्रणाली में और अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को जोड़ने से एनसीआर में प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी और यह गतिशीलता का भविष्य भी है। उन्होंने कहा कि लघु उद्योग में कोयले के उपयोग को बदलने की भी आवश्यकता है।

मंत्री महोदय ने कहा कि 2024 तक कृषि क्षेत्र में डीजल पंपों को सोलर पंपों से बदल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान इस संबंध में पीएम कुसुम का उपयोग कर सकते हैं।

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श्री सिंह ने कहा कि सरकार ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में बोलियों की सुविधा के लिए एक पारदर्शी बोली प्रणाली और भुगतान सुरक्षा तंत्र स्थापित किया है।

श्री सिंह ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि सभी उद्योगों और कंपनियों को अपनी कुल ऊर्जा आवश्यकताओं में अक्षय ऊर्जा का हिस्सा बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।

इसके पश्चात श्री सिंह और श्री खुबा ने उन संगठनों के मुख्य प्रबंध निदेशकों/मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का अभिनंदन किया, जिन्होंने ऊर्जा पर संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय वार्ता 2021 के दौरान ऊर्जा काम्पैक्ट के रूप में अपनी स्वैच्छिक प्रतिबद्धताएं प्रस्तुत की थीं। उन्होंने भारत से प्रस्तुत सभी एनर्जी कॉम्पैक्ट का संकलन भी जारी किया।

एमएनआरई के संयुक्त सचिव, श्री दिनेश जगदाले ने कार्यक्रम का समापन किया और धन्यवाद प्रस्ताव दिया। इस कार्यक्रम का प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर सीधा प्रसारण किया गया।

एनर्जी कॉम्पैक्ट्स के बारे में

सभी के लिए स्वच्छ, सस्ती ऊर्जा के लिए कार्रवाई में तेजी लाने के लिए, एसडीजी7 की उपलब्धि पर प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए विशिष्ट लक्ष्यों और समयसीमा के साथ एनर्जी कॉम्पैक्ट कार्रवाई की स्वैच्छिक प्रतिबद्धताएं हैं। सदस्य राज्यों और गैर-राज्य प्रतिभागियों जैसे कंपनियों, क्षेत्रीय/स्थानीय सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य सहित सभी प्रासंगिक हितधारकों के लिए अपनी ऊर्जा प्रतिबद्धताऐं प्रस्तुत करने के लिए खुला है। भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रीय कॉम्पैक्ट के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, कॉरपोरेट्स और स्मार्ट शहरों द्वारा भारत से बाईस प्रतिबद्धताऐं प्रस्तुत की गईं थीं।

यूएन एचएलडीई 2021 और एनर्जी कॉम्पैक्ट पर अधिक विवरण यहां देखे जा सकते हैं: https://www.un.org/en/conferences/energy2021

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