श्री सर्बानंद सोनोवाल ने विशाखापत्तनम में “निकर्षण सदन-ड्रेजिंग म्यूजियम और कौशल विकास सुविधा-समुद्री और जहाज निर्माण में उत्कृष्टता केंद्र (सीईएमएस) ” का उद्घाटन किया

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने विशाखापत्तनम में “निकर्षण सदन-ड्रेजिंग म्यूजियम और कौशल विकास सुविधा-समुद्री और जहाज निर्माण में उत्कृष्टता केंद्र (सीईएमएस) ” का उद्घाटन किया

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज विशाखापत्तनम के डीसीआई परिसर में निकर्षण सदन- डीसीआई (ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ड्रेजिंग म्यूजियम का उद्घाटन किया। म्यूजियम में विजाग के पूर्वी बंदरगाह शहर से विभिन्न प्रकार के ड्रेजर, पुरानी तस्वीरें और विशालकाय समुद्री संरचनाओं की नींव डालने वाली मशीन के के मॉडल को प्रदर्शित किए गए हैं।

श्री सोनोवाल ने डीसीआई कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया समुद्री क्षेत्र में एक बहुत ही महत्वपूर्ण संगठन है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी कर्मचारियों को एक टीम के रूप में मिलकर काम करना चाहिए, क्योंकि डीसीआई से देश के लोगों की बहुत अधिक अपेक्षा है। मंत्री ने कहा कि बंदरगाह के अस्तित्व के लिए ड्रेजिंग बहुत महत्वपूर्ण है और इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में डीसीआई को यह साबित करना होगा कि वह ड्रेजिंग व्यवसाय में सबसे अच्छा है। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ड्रेजिंग बहुत जरूरी है। श्री सोनोवाल ने कहा कि हमें अपने प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से सीखना चाहिए कि एक टीम के रूप में पूरे समर्पण के साथ कैसे काम करना है।

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मंत्री ने डीसीआई के प्रदर्शन की समीक्षा की। डीसीआई के प्रदर्शन और भविष्य की योजनाओं पर एक विस्तृत प्रस्तुति अध्यक्ष, श्री के रामा मोहना राव और विभागों के प्रमुख की उपस्थिति में प्रोफेसर डॉ. जी वाई वी विक्टर, एमडी और सीईओ द्वारा दी गई।

ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया “आजादी का अमृत महोत्सव” के अवसर पर देश के बंदरगाहों को समर्पित ड्रेजिंग सेवाएं प्रदान करने के 45 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है।

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने विशाखापत्तनम में एक समारोह में कौशल विकास सुविधा-समुद्री और जहाज निर्माण में उत्कृष्टता केंद्र (सीईएमएस) का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत इस प्रशंसनीय पहल को सफल होते हुए देखकर प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि सीईएमएस युवाओं को अपने कौशल को निखारने का अवसर प्रदान करेगा जिससे उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और वे उद्योग की जरूरत के लिए तैयार हो पाएंगे।

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विशाखापत्तनम फैसिलिटी में 18 अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं हैं, जो डिजाइन, सिमुलेशन, विश्लेषण और उत्पादन से निर्माण के हर पहलू को कवर करती हैं। सीईएमएस का भारतीय शिपिंग रजिस्टर के प्रधान कार्यालय में एक मुंबई परिसर भी है जो मुख्य रूप से री-स्केलिंग पर काम करता है।

सीईएमएस पोत, जन परिवहन, जलमार्ग और रसद सहित विकास के सात इंजनों में से चार में कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से पीएम गति शक्ति पहल का समर्थन करता है। सीईएमएस को पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय और भारतीय शिपिंग रजिस्टर के सहयोग से वर्तमान कार्यबल के कौशल अंतर, अप-स्किलिंग और री-स्केलिंग को पाटने के उद्देश्य से एक विशेष प्रयोजन वाहन के रूप में विकसित किया गया था।

सीईएमएस छात्रों को शिप हल डिजाइन, शिप का विस्तृत डिजाइन, जहाज निर्माण और रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ), उत्पाद जीवनचक्र प्रबंधन (पीएलएम), रोबोटिक्स और उन्नत डिजिटल विनिर्माण के क्षेत्रों में रोजगार योग्य इंजीनियरिंग और तकनीकी कौशल से संवारता है।