इधर हिजाब के लिए जंग हो रही है, उधर अफगानिस्तान में भूख से मरते मुसलमानों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गेहूं भेज रहे हैं।

इधर हिजाब के लिए जंग हो रही है, उधर अफगानिस्तान में भूख से मरते मुसलमानों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गेहूं भेज रहे हैं।
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इधर भारत में हिजाब को लेकर जंग छिड़ी हुई है, उधर पड़ोसी देश अफगानिस्तान में मुस्लिम आबादी दाने दाने के लिए मोहताज है। अफगानिस्तान के मुसलमानों को भूखे मरने से बचाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गेहूं के 50 ट्रकों की पहली खेप अफगानिस्तान पहुंचा दी है। इन ट्रकों में 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं है। गेहूं से भरे इन ट्रकों के काफिले को विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने रवाना किए। सब जानते हैं कि अफगानिस्तान पर कट्टरपंथी संगठन तालिबान के कब्जे के बाद से हालात बिगड़े हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की पाबंदियों के बाद अफगानिस्तान को विदेशों से कोई सहायता नहीं मिल रही है। अभी तक सिर्फ पाकिस्तान ने ही तालिबान सरकार को मान्यता दी है। लेकिन पाकिस्तान तो खुद कंगाली के मुहाने पर खड़ा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान को तो खुद अपने मुसलमानों को भूख से बचाने की जरूरत है। ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए भूखों मरते अफगानिस्तानियों को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं दान दिया है। एक ओर भारत अफगानिस्तान के मुसलमानों को बचाने के लिए गेहूं भेज रहा है तो दूसरी ओर भारत में हिजाब को लेकर जंग हो रही है। कर्नाटक से उठा विवाद अब पूरे देश में फैल गया है। कर्नाटक में कट्टरपंथियों ने एक हिन्दू लड़के की हत्या तक कर दी है। कट्टरपंथी मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहना कर स्कूल कॉलेज की कक्षाओं में बैठा रहे हैं। मुस्लिम लड़कियां अपने धर्म की परंपराओं के अनुरूप घर से शिक्षण संस्थान तक हिजाब पहने, इस पर किसी को एतराज नहीं है, लेकिन पढ़ाई के समय कक्षा में भी अनिर्वायता पर संस्थानों के प्रबंधको को एतराज है। शिक्षण संस्थानों के एतराज पर ही कट्टरपंथी जंग कर रहे हैं। गंभीर बात तो यह है कि सरकारें इन कट्टरपंथियों के आगे नतमस्तक है। हालात इतने खराब है कि हाईकोर्ट तक की नहीं सुनी जा रही है। अब तो मुस्लिम लड़कियों तक को धरना प्रदर्शन में शामिल कर लिया गया है। यह सही है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और यहां सभी धर्मों के लोगों को अपने धर्म के अनुरूप रहने का अधिकार है। भारत मेें सभी वर्गों के लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के मिलता है। कोरोना काल में जब गरीब तबके के लोगों को अनाज की समस्या हुई तो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने देश के 80 करोड़ व्यक्तियों को प्रतिमाह पांच किलो अनाज मुफ्त दिया। अनाज वितरण में भी भेदभाव नहीं किया। सब जानते हैं कि अफगानिस्तान एक मुस्लिम राष्ट्र है और पिछले 40 वर्षों से अफगानिस्तान में अस्थिरता बनी हुई है। कभी सोवियत रूस तो कभी अमेरिका की सेना अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लेती हैं। मौजूदा समय में कट्टरपंथी संगठन तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा है। तालिबान भी शिक्षण संस्थानों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने का पक्षधर है। भारत में जो लोग कक्षाओं में लड़कियों के हिजाब पहनने के पक्षधर हैं, उन्हें एक बार अफगानिस्तान के हालातों का अध्ययन करना चाहिए। असल में भारत में कुछ ऐसी ताकतें सक्रिय हैं जो भारत जैसे आत्मनिर्भर देश को पाकिस्तान अफगानिस्तान जैसे मुल्कों की राह पर ले जाना चाहती है। ऐसी ताकतों से भारत के मुसलमानों को भी सतर्क रहने की जरूरत है।