सचिव एमएसएमई ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति केंद्र के लिए एमएसएमई कॉन्क्लेव की अध्यक्षता की

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव, बी. बी. स्वैन ने आज महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति हब के लिए एमएसएमई कॉन्क्लेव की अध्यक्षता की। एमएसएमई-एनएसएसएच कॉन्क्लेव का आयोजन एमएसएमई मंत्रालय द्वारा दो दिवसीय एमएसएमई कॉन्क्लेव के तहत किया गया था। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री नारायण राणे ने कल कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया था। https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1801096 कॉन्क्लेव में मंत्री ने यूनियन बैंक एमएसएमई रुपे क्रेडिट कार्ड लॉन्च किया और सिंधुदुर्ग के कंकावली में कॉयर बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन किया। https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1801236

एनएसएसएच कॉन्क्लेव का उद्देश्य उद्यमिता को बढ़ावा देना और समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों सहित समाज में हाशिए पर स्थित समूहों को विकास के फायदा दिलाने में मदद करना है। कॉन्क्लेव में आज युवा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों को सम्मानित किया गया।

कॉन्क्लेव में एमएसएमई मंत्रालय के सचिव ने जोर देकर कहा कि कॉन्क्लेव एमएसएमई क्षेत्र के सभी हितधारकों के साथ एक आउटरीच कार्यक्रम है। इस मौके पर एमएसएमई मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा, ’’एमएसएमई योजनाएं जो पहले विनिर्माण उद्योगों पर लागू थीं, उन्हें सेवा क्षेत्र के समर्थन के लिए भी बढ़ाया गया है।’’

कॉन्क्लेव में श्री स्वैन ने बताया कि कैसे केंद्र सरकार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों के लिए एक समान अवसर प्रदान करने पर ध्यान दे रही है। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की खरीद गतिविधियों को अधिक समावेशी और सहभागी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एमएसएमई क्षेत्र रोजगार सृजन और विनिर्माण आधार के विस्तार के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्तमान में इसमें 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली 6 करोड़ इकाइयां शामिल हैं और जीडीपी में 30 प्रतिशत से अधिक योगदान तथा भारत से कुल निर्यात का 49 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी के साथ आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है।

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खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खादी ने पिछले 7 वर्षों में 35 लाख नौकरियां पैदा की हैं। केवीआईसी अध्यक्ष ने कोंकण में शहद उद्योग के विकास पर जोर दिया। उन्होंने कह कि अगर प्रत्येक व्यक्ति 10 मधुमक्खी बॉक्स रखेगा तो कोंकण शहद उत्पादन में देश का नम्‍बर वन जिला बन जाएगा।

मिलिंद कांबले, सदस्य सलाहकार समिति एनएसएसएच और दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष ने कॉन्क्लेव के लिए एमएसएमई मंत्रालय की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय ने कॉन्क्लेव के जरिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों के दरवाजे तक पहुंचने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, ‘कॉन्क्लेव और एमएसएमई योजनाओं में चर्चा किए गए व्यावसायिक विचारों के फ्यूजन यानी विलय में स्टैंड-अप इंडिया के तहत 100 नए उद्यमी बनाने की क्षमता है’’।

एमएसएमई-एनएसएसएच कॉन्क्लेव का उद्देश्य राज्य सरकार के साथ तालमेल बनाने और उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति केंद्र के साथ सहयोग करने का अवसर प्रदान करना है। सार्वजनिक खरीद नीति कर अनिवार्यता को साकार करने में कमी को समझने के लिए कॉन्क्लेव में सीपीएसई और उद्योग संघ से विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारी मिली। सम्मेलन में गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, कोंकण रेलवे, राष्ट्रीय रसायन उर्वरक, इंडिया रेयर अर्थ लिमिटेड और न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) सहित 5 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों को सशक्त बनाने और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों के लिए सार्वजनिक खरीद नीति की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए उठाए गए कदमों पर विचार-विमर्श किया।

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वहीं, आईडीबीआई कैपिटल, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया सहित 4 बैंकों के प्रतिनिधियों ने स्थानीय इच्छुक और मौजूदा उद्यमियों को लाभ प्रदान करने के लिए वित्त, प्रौद्योगिकी उन्नयन, कौशल और विपणन पर केंद्रित विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति हब (एनएसएसएच) का उद्देश्य अनुसूचित जातिध्अनुसूचित जनजाति के उद्यमों को पेशेवर सहायता प्रदान करना है जिससे वे सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में प्रभावी रूप से भाग ले सकें। हब का उद्देश्य सीपीएसई/केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों, उद्योग संघों जैसे डीआईसीसीआई और अन्य की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है। हब का लक्ष्य ’स्टैंड अप इंडिया’ कार्यक्रम का लाभ उठाकर खरीद प्रक्रिया में भाग लेने के लिए नए उद्यमियों के विकास की दिशा में काम करना भी है।

एमजी/एएम/पीकेजे/वाईबी