राष्‍ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अपना 17वां स्‍थापना दिवस मनाया

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने नई दिल्ली के लाल किला स्थित 15 अगस्त मैदान में आज अपना 17वां स्थापना दिवस मनाया। केन्‍द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जूबिन ईरानी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं। समारोह में एनसीपीसीआर के अध्यक्ष, श्री प्रियांक कानूनगो, डब्ल्यूसीडी, सचिव श्री इंदेवर पांडे और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।

 

इस अवसर पर, श्रीमती ईरानी ने एनसीपीसीआर के नए आदर्श वाक्य ‘भविष्यो रक्षति रक्षित:’ का शुभारंभ किया और कहा, “नया आदर्श वाक्य हमें अपने भविष्य यानी हमारे बच्‍चों की रक्षा करने के लिए प्रेरित करता है जिनका कल्‍याण एक मजबूत राष्‍ट्र के आधार में निहित है। ”

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भविष्यो रक्षति रक्षित: On the occasion of 17th Foundation Day, @NCPCR_ launched its new motto. The new motto exhorts us to protect the future i.e our children, for in their welfare lies the foundation of a strong Nation . pic.twitter.com/Vjdals4xoK

मंत्री ने विभिन्न राज्यों के बच्चों के साथ बातचीत की और स्वतंत्रता सेनानियों के बचपन के दौरान उनकी कहानियों पर आधारित सीमा सुरक्षा बलों (बीएसएफ) द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का भी दौरा किया और उनके बलिदानों को याद किया। इसका आयोजन एनसीपीसीआर के सहयोग से किया गया।

केन्‍द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने ‘सहारा’ नामक विशेष पहल के लिए एनसीपीसीआर और सीमा सुरक्षा बल के बीच सहयोग की भी सराहना की, जो सर्वोच्च बलिदान देने वाले बीएसएफ जवानों के बच्चों को मनो-सामाजिक परामर्श और सहायता प्रदान करने की एक पहल है। सहयोग की सराहना करते हुए, श्रीमती ईरानी ने एक ट्वीट में कहा कि 2 महीने में 300 कॉलों का जवाब दिया गया और 127 शिकायतों को वेबलिंक के माध्यम से दूर किया गया।

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My compliments to @NCPCR_ for collaborating with @BSF_India for ‘SAHARA’ – an initiative to provide psycho-social counselling & support to children of BSF jawans who made the supreme sacrifice. In 2 months, 300 calls have been answered & 127 complaints addressed through weblink.

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एमजी/एएम/केपी/एसएस