एनईसी, डोनर मंत्रालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिए पूर्वोत्तर भारत की नारी शक्ति का सशक्तीकरण

मासिक धर्म और मासिक धर्म के अनुभवों को लेकर महिलाओं को आज भी प्रमुख सामाजिक-सांस्कृतिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है। इसको लेकर महिलाओं के साथ-साथ किशोरियों को भी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है, जिससे स्वच्छ व स्वास्थ्यप्रद तरीकों के मार्ग में एक बड़ी बाधा उत्पन्न होती है। कम उम्र की किशोरियां मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता को लेकर कम तैयार होती हैं और अपने मासिक धर्म के दौरान आशंकाओं, भय और शर्म से पीड़ित हो जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सैनिटरी उत्पाद नहीं मिल पाते हैं या इन उत्पादों तक उनकी पहुंच नहीं होती है, या उन्हें उपयोग के प्रकार और विधियों के बारे में बहुत कम जानकारी होती है, या वे अधिक कीमत के कारण उनपर खर्च वहन नहीं कर पाती हैं।

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महिला स्वच्छता और देखभाल उत्पादों पर जागरूकता अभियान जिला प्रशासन के सहयोग से पूर्वोततर परिषद और डोनर मंत्रालय, भारत सरकार की मदद से पूर्वोत्तर क्षेत्र सामुदायिक संसाधन प्रबंधन सोसाइटी (एनईआरसीआरएमएस), शिलांग तथा चांगलांग सामुदायिक संसाधन प्रबंधन सोसाइटी (सीसीआरएमएस) के तहत जिला चांगलांग, अरुणाचल प्रदेश में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था।

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यह लड़कियों के स्वास्थ्य और स्वच्छता योजना व अपशिष्ट प्रबंधन जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री के प्रमुख कार्यक्रम के अनुरूप है।

एनईआरसीआरएमएसएस और सीसीआरएमएस के तहत, स्वयं सहायता समूह ग्रामीण महिलाओं और लड़कियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कम लागत वाले बायोडिग्रेडेबल और दोबारा उपयोग योग्य सैनिटरी नैपकिन का उत्पादन कर रहे हैं।

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