अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डीएवाई – एनआरएलएम ने ग्रामीण महिलाओं की उद्यमशीलता की भावना का उत्सव मनाया

राष्ट्रीय स्तर पर 7 से 13 मार्च 2022 तक ‘प्रतिष्ठित (आइकॉनिक) सप्ताह’ नाम से कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के जरिए आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके तहत दीनदयाल अंत्योदय योजना (डीएवाई) – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में “नए भारत की नारी” की उद्यमशीलता की भावना को सलाम करते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया।   

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह, ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, फग्गन सिंह कुलस्ते और ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री नागेंद्र नाथ सिन्हा ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

 

श्री गिरिराज सिंह ने मिशन 1 लाख पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मंत्रालय का उद्देश्य अधिक से अधिक संख्या में एसएचजी (स्वयं सहायता समूह) की महिलाओं को हर एक साल 1 लाख रुपये की आय प्राप्त करने में सक्षम बनाना है। मंत्री ने आगे बताया कि इनकी आय बढ़ाने के लिए ग्रामीण महिलाओं को प्रधानमंत्री जन औषधि योजना से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है, जिससे उन्हें ‘जन औषधि सुविधा सखी’ बनाया जा सके और उन्हें दवा की दुकान स्थापित करने के लिए 5 लाख रुपये तक का ऋण दिया जा सके। इसी तरह पेट्रोलियम मंत्रालय की सहभागिता में एसएचजी महिलाओं को भी गांव के स्तर पर माइक्रो (सूक्ष्म) गैस वितरक बनाने पर विचार किया जा रहा है।

इस अवसर पर श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ग्रामीण महिलाएं अपनी उद्यमशीलता की भावना के साथ नए भारत की नारी के रूप में सामने आ रही हैं। श्री सिंह ने कहा कि आज प्रतिभागियों ने जो सकारात्मकता दिखाई है, वह उल्लेखनीय है और ये वे महिलाएं हैं जो प्रधानमंत्री मोदी के 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के मिशन में अपना एक बहुत बड़ा योगदान देने जा रही हैं। मंत्री ने आगे कहा कि उन्हें विश्वास है कि महिलाएं त्वरित गति से प्रगति के रास्ते पर हैं और जल्द ही ये मासिक 1 लाख रुपये से अधिक कमाएंगी, न कि साल में 1 लाख रुपये से अधिक।

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श्री सिंह ने स्वयं सहायता समूहों के बहुत कम एनपीए (फंसा हुआ ऋण) दर की सराहना की। मंत्री ने बैंकों से अनुरोध किया कि वे ऋण वितरण करते समय इन महिलाओं को प्राथमिकता दें।

वहीं, इस कार्यक्रम में लखपति महिलाएं (गरीब ग्रामीण महिलाएं, जिनकी वार्षिक आय अब 1 लाख रुपये से अधिक है) और लैंगिक न्याय केंद्र का प्रबंधन करने वाली सदस्यों ने बदलाव की अपनी कहानियां साझा कीं। इस कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले क्लस्टर स्तर के संघों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा दीन दयाल उपाध्याय – ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत अधिकतम महिलाओं को प्रशिक्षित/नियुक्त करने वाले पीआईए को भी सम्मानित किया गया। पूरे देश से इन पुरस्कार विजेताओं का चयन किया गया था और वे नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

Conferred awards to best CLF, PIA working in training of women candidates and best performing banks under DAYNRLM in celebration of #NayeBharatKiNaari organized by @MoRD_GOI on #IWD22 pic.twitter.com/X8U43fHTSo

 

वहीं, इस कार्यक्रम में साध्वी निरंजन ज्योति वर्चुअल माध्यम से गुजरात के कच्छ से शामिल हुईं। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और कहा कि ये नए भारत की नारी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना के अनुसार आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि हम आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं, लेकिन भारतीय संस्कृति में हर दिन महिला दिवस है और हमारा दर्शन है- यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमंते तत्र देवता:। मंत्री ने आगे कहा कि एसएचजी की महिलाओं ने अपनी सफलता से यह साबित कर दिया है कि वे आर्थिक प्रयासों में भी पुरुषों के बराबर हैं।

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ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते मध्य प्रदेश के मंडला से वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि नए भारत की कहानी ग्रामीण महिलाओं ने लिखी है, जहां महिला समूहों ने एक साथ होकर हम कर सकते हैं की भावना दिखाई है। मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी नीतियों के कारण भारत का हर हिस्सा एसएचजी क्रांति से लाभ उठा रहा है।

वहीं, सचिव ने ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। उन्होंने एसएचजी से 10 करोड़ से अधिक ग्रामीण गरीब महिलाओं को जोड़ने और इन महिलाओं के लिए कम से कम 2.5 करोड़ अतिरिक्त आजीविका के निर्माण में सहायता करने को लेकर मंत्रालय की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत डीएवाई-एनआरएलएम हर साल महिला दिवस को भव्य तरीके से मनाता है। इसमें गांव की गरीब और पिछड़ी तबके महिलाओं को समता, समानता व अवसर प्रदान करने के लिए पूरे भारत के प्रयासों प्रदर्शन किया जाता है और जीवन के विभिन्न पहलुओं से संबंधित उनकी उपलब्धियों का उत्सव मनाया जाता है। डीएवाई-एनआरएलएम हमेशा से एसएचजी और उनके संघों को ग्रामीण क्षेत्रों की वंचित महिलाओं के उत्थान के लिए सक्रिय रूप से काम करने के लिए प्रेरित करता है।

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एमजी/एएम/एचकेपी