श्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय स्वच्छता पखवाड़ा पुरस्कार प्रदान किए और वार्षिक प्रकाशन ‘भारतीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सांख्यिकी 2020-21’ का विमोचन किया

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज विजेताओं को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) स्वच्छता पखवाड़ा पुरस्कार प्रदान किए। श्री पुरी ने आज मंत्रालय के वार्षिक प्रकाशन ‘ भारतीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सांख्यिकी 2020-21’ का भी विमोचन किया। यह आंकड़ों का एक भंडार है जो कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के अन्वेषण, उत्पादन, शोधन, परिवहन एवं विपणन, आयात और निर्यात सहित भारत के तेल और गैस क्षेत्र की एक समग्र तस्वीर प्रस्तुत करता है।

 

श्री पुरी ने विजेताओं और कार्यक्रम के प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि सभी केंद्रीय कार्यक्रमों में स्वच्छता महज एक योजना से बढ़कर है। इसके न केवल भौतिक लक्ष्य हैं, बल्कि यह स्वच्छता के बारे में उच्च चेतना पैदा करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि तेल और गैस क्षेत्र के हितधारकों ने अपने काम में इस दर्शन को समझ लिया है और उनका परिसर अब शीर्ष श्रेणी का हो गया है। श्री पुरी ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान के लिए इस क्षेत्र की सराहना भी की। केंद्रीय मंत्री ने देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए और अधिक प्रयास करने पर जोर दिया। श्री पुरी ने विश्वसनीय डेटा तैयार करने और इसे सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया, ताकि इसका उपयोग अनुसंधान और विश्लेषण के लिए किया जा सके।

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इस स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन तेल और गैस सीपीएसई और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के संबद्ध कार्यालयों द्वारा पिछले साल 1-15 जुलाई के दौरान किया गया था। स्वच्छ भारत अभियान और भारत को स्वच्छ, हरा-भरा और स्वस्थ बनाने के लिए पेट्रोलियम क्षेत्र की बिरादरी को उनकी सक्रिय भागीदारी और योगदान के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते पूरे जोश और उत्साह के साथ प्रेरक कार्यक्रम आयोजित किए गए। पखवाड़ा के स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और अधिक प्रभावी परिणाम सुनिश्चित करने के लिए पखवाड़े के दौरान बेहतर प्रदर्शन के लिए “स्वच्छता पखवाड़ा पुरस्कार” गठित किए गए हैं। कार्यक्रम में अपने प्रदर्शन के आधार पर आईओसीएल पहले, ओएनजीसी दूसरे और एचपीसीएल कंपनी तीसरे स्थान पर रही।

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पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के नेतृत्व में इस पहल के दौरान 2 लाख से अधिक स्वच्छता किट, लगभग 3 लाख मास्क और लगभग 1.1 लाख पर्यावरण के अनुकूल (इको-फ्रेंडली) थैले वितरित किए गए। इस दौरान लगभग 1.3 लाख पेड़ लगाए गए और जगह-जगह 7 हजार से अधिक कूड़ेदान लगाए गए। पखवाड़ा के दौरान 40 प्लास्टिक कचरा संग्रहण केंद्र स्थापित किए गए और 4000 से अधिक ऑनलाइन आंतरिक और बाहरी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 70 हजार लोगों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।

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