सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी CWC बैठक में देंगी इस्तीफा!
जानिए कांग्रेस प्रवक्ता ने क्या कहा?
यूपी समेत 5 राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त का सामना करने के बाद कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक रविवार यानी 13 मार्च की शाम को 4 बजे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) कार्यालय में बुलायी गयी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में गांधी परिवार के सभी सदस्य अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के इस्तीफे पर प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने स्थिति साफ कर दी है। सीडब्ल्यूसी बैठक में विधानसभा चुनावों में हार के कारणों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
शीर्ष नेताओं के इस्तीफे पर सुरजेवाला ने दी ये अहम जानकारी
इस बीच कांग्रेस नेता और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर बताया कि शीर्ष नेताओं (सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी) के इस्तीफे की खबर झूठी है। सुरजेवाला ने कहा कि अज्ञात स्रोतों के आधार पर चलाई गई कथित इस्तीफे की खबर पूरी तरह से अनुचित, शरारती और गलत है। कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से इस बात से इनकार किया है कि गांधी परिवार (सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा) अपने शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय सीडब्ल्यूसी की रविवार को होने वाली बैठक में इस्तीफा देने जा रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “कथित इस्तीफे की खबर अज्ञात स्रोतों पर आधारित है और पूरी तरह से अनुचित एवं गलत है।”
The news story of alleged resignations being carried on NDTV based on unnamed sources is completely unfair, mischievous and incorrect.
It is unfair for a TV channel to carry such unsubstantiated propaganda stories emanating from imaginary sources at the instance of ruling BJP.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 12, 2022
CWC मीटिंग में उठ सकता है संगठन में जरूरी बदलाव का मुद्दा
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस कार्य समिति में शामिल ‘जी 23′ के नेता सीडब्ल्यूसी की बैठक में चुनावी हार का मुद्दा और पार्टी संगठन में जरूरी बदलाव और जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपनी पुरानी मांग उठा सकते हैं। ‘जी 23’ समूह प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा कांग्रेस कार्य समिति में शामिल हैं। कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह में शामिल नेताओं ने अगस्त, 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में सक्रिय अध्यक्ष और संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन की मांग की थी। इस समूह के दो नेता जितिन प्रसाद और योगानंद शास्त्री अब कांग्रेस छोड़ चुके हैं। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद इससे पहले 11 मार्च को पार्टी के ‘जी 23’ समूह के कई नेताओं ने बैठक की। राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी शामिल हुए।
5 राज्य में कांग्रेस को मिली करारी हार
कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक ऐसे समय होने जा रही है जब कांग्रेस ने पंजाब में सत्ता गंवा दी और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है। पंजाब की सरकार भी हाथ से निकल गयी। कांग्रेस उत्तर प्रदेश की 403 विधान सभा सीटों में से केवल 2.33% के वोट हिस्सेदारी के साथ केवल 2 सीटें जीत सकी और उसके अधिकतर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। उत्तर प्रदेश के लिए प्रभारी AICC महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में महिलाओं और युवाओं पर केंद्रित सघन अभियान के बावजूद पार्टी को कोई कामयाबी नहीं मिली।
स्थायी अध्यक्ष नहीं खोज पायी कांग्रेस
विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन से नाराज सीनियर नेताओं ने पार्टी के लीडरशिप पर सवाल खड़े किए हैं। पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद शशि थरूर ने भी राष्ट्रीय नेतृत्व में बदलाव पर जोर दिया था। यहां बताना प्रासंगिक होगा कि राहुल गांधी पहले भी सभी पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। सोनिया गांधी लंबे अरसे से पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष हैं। देश की सबसे पुरानी पार्टी करीब तीन साल बाद भी अपना स्थायी अध्यक्ष नहीं खोज पायी है।
2019 में, राहुल गांधी ने पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के रूप में काम कर रही हैं, ग्रेंड ओल्ड पार्टी स्थायी अध्यक्ष खोजने में असमर्थ रही है।
गुरुवार को घोषित राज्य चुनाव परिणामों में पार्टी के अपमानजनक 0/5 स्कोर के साथ चुनाव में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन जारी रहा। इसने अपने नियंत्रण वाले अंतिम प्रमुख राज्यों में से एक, पंजाब को आम आदमी पार्टी (AAP) के हाथों खो दिया, और तीन दूसरे राज्यों में एक मजबूत लड़ाई लड़ने में विफल रही, जहां उसने वापसी की उम्मीद की थी- उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर।