अरविंद केजरीवाल के लिए अब आरोप लगाकर भागना आसान नहीं। कांग्रेस विधायकों को 20-20 करोड़ में खरीदने का आरोप तो राजस्थान में अशोक गहलोत ने लगाए थे, लेकिन सबूत आज तक नहीं दिए।
अरविंद केजरीवाल के लिए अब आरोप लगाकर भागना आसान नहीं। कांग्रेस विधायकों को 20-20 करोड़ में खरीदने का आरोप तो राजस्थान में अशोक गहलोत ने लगाए थे, लेकिन सबूत आज तक नहीं दिए।

अरविंद केजरीवाल के लिए अब आरोप लगाकर भागना आसान नहीं। कांग्रेस विधायकों को 20-20 करोड़ में खरीदने का आरोप तो राजस्थान में अशोक गहलोत ने लगाए थे, लेकिन सबूत आज तक नहीं दिए।

अरविंद केजरीवाल के लिए अब आरोप लगाकर भागना आसान नहीं।
कांग्रेस विधायकों को 20-20 करोड़ में खरीदने का आरोप तो राजस्थान में अशोक गहलोत ने लगाए थे, लेकिन सबूत आज तक नहीं दिए।
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आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देश की राजनीति में आरोप लगाने वालों में सबसे अव्वल नेता माने जाते हैं। 2014 से पहले कांग्रेस के शासन में नेताओं पर आरोप लगाकर केजरीवाल लोकप्रिय नेता बन गए। झूठे आरोप लगाने के कारण केजरीवाल को कई बार माफी भी मांगनी पड़ी। माना जाता है कि केजरीवाल आरोप लगाकर भाग जाते हैं। अधिकांश मौकों पर आरोप झेलने वाला व्यक्ति चुप रहता है, लेकिन अब केजरीवाल के लिए आरोप लगाकर भागना आसान नहीं होगा। केजरीवाल ने हाल ही में आरोप लगाया कि भाजपा के नेता उनकी सरकार को गिराना चाहते हैं। इसलिए पार्टी के विधायकों से संपर्क किया जा रहा है। विधायकों को प्रलोभन भी दिए जा रहे हैं। केजरीवाल ने ऐसे आरोप पहले भी लगाए, लेकिन इस बार दिल्ली के भाजपा नेताओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा कर केजरीवाल के आरोपों की जांच की मांग की। भाजपा की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के अधिकारी 3 फरवरी को केजरीवाल के सरकारी निवास पर पहुंच गए। पुलिस अधिकारी केजरीवाल को नोटिस देकर जानने चाहते थे कि भाजपा के कौन से नेता दिल्ली सरकार को गिराना चाहते हैं। कायदे से तो केजरीवाल को पुलिस को वो सबूत देने चाहिए जो सरकार गिराने से संबंधित है। लेकिन सबूत देने के बजाए केजरीवाल ने क्राइम ब्रांच का नोटिस तक लेने से इंकार कर दिया। उल्टे पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस बेवजह परेशान कर रही है। सवाल उठता है कि जब पुलिस सबूत मांग रही है तो फिर केजरीवाल भाजपा के खिलाफ सबूत क्यों नहीं दे रहे हैं। जानकारों की मानें तो बहुचर्चित शराब घोटाले में ईडी के समन से ध्यान भटकाने के लिए केजरीवाल ने अपनी सरकार गिराने के झूठे आरोप लगा दिए। अब जब पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, तब केजरीवाल से पूछताछ तो होगी ही। इधर, दिल्ली पुलिस केजरीवाल से पूछताछ करना चाहती है तो उधर ईडी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। ईडी ने अदालत को बताया है कि पांच बार समन देने के बाद भी केजरीवाल शराब घोटाले में पूछताछ के लिए उपलब्ध नहीं हो रहे है। ईडी ने अब अदालत से केजरीवाल का गिरफ्तारी वारंट मांगा है।
राजस्थान में सबूत आज तक नहीं:
केजरीवाल की तरह कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने भी राजस्थान मुख्यमंत्री रहते हुए भाजपा पर 20-20 करोड़ रुपए में कांग्रेस विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया था। गहलोत का यहां तक आरोप रहा कि कांग्रेस विधायकों ने पहली किश्त के तौर पर दस दस करोड़ रुपए भाजपा से प्राप्त कर लिए, लेकिन मुख्यमंत्री रहते हुए गहलोत सबूत नहीं दे पाए। हालांकि अब गहलोत मुख्यमंत्री नहीं है, लेकिन उनके आरोप अपनी जगह कायम है।
S.P.MITTAL