आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने ईट स्मार्ट सिटीज चैलेंज के विजेताओं की घोषणा की

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) ने आज ईट-स्मार्ट सिटीज चैलेंज के लिए 11 विजेता शहरों की घोषणा की। ये शहर अब चैलेंज के डीप इंगेजमेंट वाले चरण में प्रवेश करेंगे, जहां पायलट चरण में शुरू की गई परियोजनाओं को दीर्घकालिक तरीके से विस्तार दिया जाएगा। ईट-राइट इंडिया दृष्टिकोण को शहर स्तर तक विस्तार देने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के सहयोग से एमओएचयूए ने 15 अप्रैल 2021 को यह चैलेंज शुरू किया था।

 

इस वर्चुअल कार्यक्रम की अध्यक्षता एमओएचयूए के सचिव श्री मनोज जोशी ने की और उन्होंने पायलट चरण के विजेता शहरों के नामों की घोषणा की। इस अवसर पर एफएसएसएआई के सीईओ श्री अरुण सिंघल उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में चैलेंज को समर्थन देने वाले भागीदार संगठनों के वैश्विक और भारतीय अधिकारी भी शामिल हुए, जिसमें मिलान अर्बन फूड पॉलिसी पैक्ट (एमयूएफपीपी), द फूड फाउंडेशन, यूके से मूल्यांकन समिति के विशेषज्ञ; विजेता शहरों के प्रतिनिधि थे। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारियों ने भी शिरकत की, जिसमें नगर आयुक्त और 100 स्मार्ट शहरों के सीईओ शामिल हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री मनोज जोशी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि ईट-स्मार्ट सिटीज चैलेंज की शुरुआत के साथ ही, आज हम ईट-राइट इंडिया दृष्टिकोण को स्मार्ट शहरों के स्तर तक बढ़ते हुए देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन 11 शहरों के प्रयासों से, हम एक ऐसे आंदोलन की शुरुआत होने की उम्मीद करते हैं जो सभी शहरों को अपनी खाद्य प्रणालियों को बदलने और खाद्य सुरक्षा व नियामकीय वातावरण को सशक्त करने, उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए प्रेरित करे और उनसे भारत के शहरों में बेहतर भोजन विकल्प तैयार करने का आग्रह करे।

 

उन्होंने आगे कहा कि इस चैलेंज में स्थानीय निकायों को शामिल किया जा रहा है क्योंकि इसे क्षेत्रीय स्तर पर लागू किया जाना है। हमें नियामक और लाइसेंस संबंधी गतिविधियों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि उपभोक्ता को कम मूल्य पर स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक भोजना मिलना चाहिए। हमें आधिकारिक बैठकों, कार्यालयों, स्कूलों और कॉलेजों की कैंटीन में अच्छा और सुरक्षित भोजना परोसना सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है।

स्मार्ट सिटीज मिशन वास्तव में शहरों और उसके विकास को लेकर सोचने के तरीके में एक नया ट्रेंड सेट कर रहा है। नागरिकों के स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ाने और स्मार्ट सिटी के डिजाइन के तहत खाद्य सुरक्षा व पोषण प्रणालियों को एकीकृत करने के लिए, मिशन ने भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के प्राधिकरण एफएसएसएआई के सहयोग से ईट-स्मार्ट सिटीज चैलेंज शुरू किया।

ईट-स्मार्ट सिटीज चैलेंज का उद्देश्य स्मार्ट शहरों को एक ऐसी योजना तैयार करने के लिए प्रेरित करना है, जो खाद्य संबंधी मसलों से निपटने के लिए ‘स्मार्ट’ समाधानों के अनुप्रयोगों के साथ-साथ संस्थागत, भौतिक, सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे के सहयोग से एक स्वस्थ, सुरक्षित और स्थायी खाद्य वातावरण का समर्थन करती हो। खाद्य सुरक्षा और नियामक माहौल को मजबूत करके, उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता और भारत के स्मार्ट शहरों में उन्हें बेहतर भोजन विकल्प तैयार करने का आग्रह करके ईट-राइट इंडिया के तहत विभिन्न पहलों को अपनाने और बढ़ाने में अपने प्रयासों को पहचानने के लिए शहरों के बीच एक प्रतियोगिता के रूप में चैलेंज की कल्पना की गई है।

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स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत सभी शहरों, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की राजधानियों और 500,000 से अधिक आबादी वाले शहरों को चैलेंज में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। ईट-राइट इंडिया फ्रेमवर्क और संचालित की गई पायलट गतिविधियों के आधार पर 108 शहरों को पंजीकृत किया गया और 36 शहरों ने अपने स्कोर कार्ड और विजन फॉर्म जमा किए। मूल्यांकन के बाद, 11 शहरों को एक जूरी, जिसमें एमयूएफपीपी, फूड फाउंडेशन और एनईटीपीआरओएफएएन (खाद्य और पोषण से जुड़े पेशेवरों का नेटवर्क) के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल थे, ने विजेता के रूप में चुना है। जीतने वाले इन शहरों को एमओएचयूए की तरफ से 50-50 लाख रुपये से सम्मानित किया जाएगा। आगे ये शहर ईट-राइट इंडिया पहल के कार्यान्वयन समेत अपनी योजना को आगे बढ़ाने के लिए अगले 12 महीने की अवधि में डीप इंगेजमेंट (गहरी भागीदारी) में शामिल होंगे। अनुलग्नक 1 में जीतने वाले शहरों की सूची है।

ईट-स्मार्ट सिटीज चैलेंज के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया https://eatrightindia.gov.in/eatsmartcity/home पर जाएं।

ईट स्मार्ट सिटीज चैलेंज के पायलट चरण के तहत, मुख्य बिंदु कुछ इस प्रकार हैं-

चरण-2 में शहरों के लिए टास्क:

‘ईट-स्मार्ट सिटीज चैलेंज हमारे देश के खाद्य पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित, स्वस्थ और जलवायु के अनुकूल बनाने के लिए व्यापक प्रयासों का सहयोग करेगा। दुनिया उन 11 चुने हुए शहरों से प्रेरणा और नवोन्मेष हासिल करना चाह रही है जो इस चुनौती में सबसे आगे हैं।’

– श्री अरुण सिंघल, सीईओ, एफएसएसएआई

‘मुझे उम्मीद है कि सही खाने के लिए प्रेरित कर इस चैलेंज का शहरी आबादी के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह अभियान शहरी आबादी में खाने की आदतों को बदलकर और एक स्वस्थ व खुशहाल राष्ट्र के निर्माण की दिशा में आगे बढ़कर आवश्यक सामाजिक एवं व्यावहारिक बदलाव लाने में भी मदद कर सकता है।’

– श्री कुणाल कुमार, मिशन निदेशक, स्मार्ट सिटीज मिशन

‘यह आश्चर्यजनक है कि इनमें से कुछ कार्रवाई पहले ही हो चुकी है। बड़े पैमाने पर शहरी व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में ये प्रारंभिक कदम हैं। ईट-स्मार्ट सिटीज चैलेंज के पहले वर्ष में भाग लेने के लिए चुने गए ये 11 शहर आगे की राह प्रशस्त करेंगे और भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया के शहरों को प्रेरित करने के लिए असाधारण मानक स्थापित करेंगे।’

– शलीन मीलू, विशेष सलाहकार, सिटी फूड पॉलिसी, फूड फाउंडेशन

‘भारत के ईट-स्मार्ट सिटीज चैलेंज में जजों के रूप में भाग लेने के आमंत्रण पर हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं। मिलान अर्बन फूड पॉलिसी पैक्ट दुनियाभर के 200+ शहरों का एक नेटवर्क है, जो शहरी खाद्य प्रणालियों को बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। मिलान पैक्ट की सच्ची भावना में, इस चैलेंज में भाग लेने वाले शहरों ने अपने लोगों को सुरक्षित, स्वस्थ और पौष्टिक भोजन तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अधिक प्रयासों और तत्परता का प्रदर्शन किया है। हम ईट-स्मार्ट समाधानों के तेजी से कार्यान्वयन से प्रभावित हैं और एमयूएफपीपी नेटवर्क पर हस्ताक्षरकर्ता शहरों के साथ उनके अनुभव को साझा करने के लिए मिलान पैक्ट में फाइनलिस्ट को जोड़ने के लिए तत्पर हैं।’

– एमयूएफपीपी सचिवालय

अनुलग्नक 1

ईट-स्मार्ट सिटीज चैलेंज के पायलट चरण के शीर्ष 11 पुरस्कार विजेताओं का वर्णमाला संबंधी क्रम इस प्रकार है:

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1. चंडीगढ़- खाद्य उद्योग के हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करने और शहरों के शैक्षणिक संस्थानों में जारी व्यवहार परिवर्तन अभियानों को व्यापक स्तर पर शुरू करने की महत्वाकांक्षी योजना है।

2. इंदौर- घरेलू स्तर पर रीसाइक्लिंग और एक खाद्य अधिशेष कार्यक्रम जिसमें बढ़ा हुआ भोजन दान करने वाले 100 व्यवसाय शामिल हैं सहित स्थायी खाद्य नीति संबंधी कदम उठाए गए।

3. जम्मू- वर्टिकल गार्डेन, खाद और खाद्य अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप के साथ शहरी कृषि परियोजनाएं प्रस्तुत कीं।

4. जबलपुर- शहर की योजना के केंद्र में भोजन है। व्यापकता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित करने के लिए पहलों के लिहाज से एक खाद्य सुरक्षा बोर्ड की स्थापना की गई है। बच्चों में मोटापे की समस्या से निपटने के लिए वजन प्रबंधन/व्यवहार परिवर्तन को लेकर पहल शुरू की गई है। इसमें कार्टून किरदारों/दिलचस्प शैक्षणिक संसाधनों का इस्तेमाल शामिल है। महिलाएं व्यवहार परिवर्तन हस्तक्षेपों का केंद्र बिंदु हैं।

5. पणजी- माइक्रो या होम कुकिंग व्यवसाय को पंजीकृत करने का प्रयास हो रहा है। खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता उपायों को लागू करने के लिए शहर की ओर से खाद्य उत्पादकों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

6. राजकोट- घरेलू स्तर पर खाद्य सुरक्षा बढ़ाने पर फोकस है। वे राज्य के स्वास्थ्य जांच कार्यक्रमों को लक्षित पोषण हस्तक्षेपों से भी जोड़ रहे हैं। पोषण और भोजन की लिस्ट में विविधता को बढ़ावा देने के लिए माता-पिता को स्कूल खाद्य कार्रवाई समूहों में शामिल किया जा रहा है। यह शहर त्योहारों पर स्वस्थ आहार के लिए मार्गदर्शन देने की भी प्रक्रिया में है।

7. राउरकेला- यह शहर खाद्य प्रणाली परिवर्तन के लिए एक आर्थिक दृष्टिकोण स्थापित कर रहा है। राउरकेला दो भारतीय शहरों में से एक था, जिसे ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपीज 2021 ग्लोबल मेयर्स चैलेंज ने चैंपियन सिटी के रूप में चुना था। यह शहर कचरे को कम करने के मिशन के साथ सौर ऊर्जा से संचालित कोल्ड स्टोरेज और महिला उद्यमिता को बढ़ावा दे रहा है। इसका उद्देश्य छोटे किसानों और रेहड़ी-पटरी वालों को सशक्त बनाना है। महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा समाधानों का प्रबंधन किया जाता है। राउरकेला का लक्ष्य ’15-मिनट सिटी’ बनना है।

8. सागर- यह शहर नागरिकों को शामिल करने और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए नए उपाय विकसित कर रहा है। खाद्य क्षमता कौशल के विकास और युवा पोषण एंबेसडरों को प्रशिक्षण देने में सहायता के लिए शहर की ओर से बच्चों के लिए एक वीडियो गेम तैयार किया जा रहा है।

9. सूरत- बेघर लोगों के लिए पहल करने वाला पहला शहर है। प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना भी महत्वपूर्ण लक्ष्य में शामिल है। निगम पहले से ही 60 से अधिक स्कूलों के साथ काम कर रहा है।

10. तुमकूर- यह शहर सर्कुलेरिटी और कचरा कम करने की पहल पर विशेष रूप से काम कर रहा है। एक व्यापक पोषण शिक्षा कार्यक्रम है, जिसमें जेल भी शामिल है।

11. उज्जैन- यह शहर किसानों की शिक्षा सहित फल और सब्जी मंडियों का सहयोग करता है। 50 प्रतिशत स्कूलों को जोड़ा गया है और एक पेशेवर चिकित्सा संगठन पोषण शिक्षा दे रहा है। हाइड्रोपोनिक्स को शामिल करते हुए 250 घरों की एक कॉलोनी में ‘स्थायी खाद्य प्रणाली’ पहल शुरू की जाएगी।

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एमजी/एएम/एएस