आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 234एच के तहत शुल्क निर्धारित करने के लिए आयकर नियम, 1962 के प्रावधानों में संशोधन

करदाताओं की असुविधा को कम करने के लिए अधिसूचना संख्या 17/2022 दिनांक 29 मार्च, 2022 के अनुसार  करदाताओं को 31 मार्च, 2023 तक निर्धारित प्राधिकारी को अपने आधार नंबर के बारे में सूचित करने का अवसर प्रदान किया गया है,  ताकि स्‍वयं पर बिना कोई व्‍यापक प्रतिकूल प्रभाव पड़े ही वे आधार नंबर और पैन को आपस में लिंक करा सकें। इसके परिणामस्‍वरूप करदाताओं को अपने आधार नंबर के बारे में निर्धारित प्राधिकारी को सूचि‍त करते समय बतौर शुल्क 1 अप्रैल, 2022 से तीन महीने तक 500 रुपये और उसके बाद 1000 रुपये देने होंगे।

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हालांकि, 31 मार्च 2023 तक उन करदाताओं, जिन्होंने अपने आधार नंबर के बारे में निर्धारित प्राधिकारी को सूचित नहीं किया है, का पैन इस अधिनियम के तहत आवश्‍यक समस्‍त प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए इस्‍तेमाल में लाया जा सकेगा। अपनी आय से संबंधित टैक्‍स रिटर्न भरना, रिफंड की प्रोसेसिंग, इत्‍यादि इन प्रक्रियाओं में शामिल हैं। इस संबंध में एक विस्तृत परिपत्र (सर्कुलर) संख्या 7/2022 दिनांक 30.03.2022 भी जारी किया गया है।

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31 मार्च, 2023 के बाद उन करदाताओं का पैन निष्क्रिय हो जाएगा, जो पहले से ही तय आवश्यकता के अनुसार अपने आधार नंबर के बारे में निर्धारित प्राधिकारी को सूचित करने में विफल रहते हैं, और इसके साथ ही अपने आधार नंबर को प्रस्तुत नहीं करने, सूचित नहीं करने या उद्धृत नहीं करने के कारण इस अधिनियम के तहत निर्धारित समस्‍त सख्‍ती इस तरह के करदाताओं पर लागू होंगी।

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एमजी/एएम/आरआरएस