मिशन इनोवेशन सम्मेलन में एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा सामग्री गतिवर्द्धन मंच का शुभारंभ किया गया और हाइड्रोजन वैली प्लेटफॉर्म के लिए फंडिंग के अवसर की घोषणा की गई

मिशन इनोववेशन यानी एमआई के वार्षिक सम्मेलन के दौरान 4 अप्रैल 2022 को तीन एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा सामग्री गतिवर्द्धन मंचों का शुभारंभ किया गया, जहां नए ऊर्जा नवाचार सहयोग की घोषणा की गई।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्वच्छ ऊर्जा सामग्री गतिवर्द्धन मंचों के तीन केंद्रों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा स्थापित ये सामग्री गतिवर्द्धन मंच अगली पीढ़ी की कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) तथा रोबोटिक्स में उभरती क्षमताओं का लाभ उठाकर 10 गुनी तक तेज सामग्री की खोज की गति को बढ़ाएगा। मंच 38 से अधिक विशिष्ट संस्थानों और अगली पीढ़ी की कम लागत वाली उन्नत ऊर्जा सामग्री पर काम कर रहे 80 शोध कर्मियों के ज्ञान का नेटवर्क बनाता है।

डॉ. सिंह ने हाइड्रोजन वैली प्लेटफॉर्म की फंडिंग के अवसर की भी घोषणा की, जो ऑनसाइट उत्पादन और उपयोग द्वारा हाइड्रोजन की मांग तथा आपूर्ति को अधिकतम करने, नवीकरणीय संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने और भौगोलिक पहचान के साथ अत्यधिक पानी के क्षेत्रों के लिए एक वैश्विक पहल है। महत्वपूर्ण स्तर तक पहुँचने और सीखने की अवस्था के प्रभावों को अनलॉक करने के उद्देश्य से संपूर्ण हाइड्रोजन मूल्य श्रृंखला (उत्पादन, भंडारण और परिवहन) को संयोजित करने के लिए स्वच्छ हाइड्रोजन वैली के समूहों के माध्यम से एच-2 वैली के मकसद को हासिल किया जाएगा।
डीएसटी ने 2030 तक भारत में तीन स्वच्छ हाइड्रोजन वैली की डिलीवरी की सुविधा के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की है।

यह भी पढ़ें :   सरकार ने अधिकतम आउटकम प्राप्त करने के लिए अपने अधिकारियों के क्षमता निर्माण को संस्थागत रूप दिया है- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

मिशन इनोवेशन (एमआई) वार्षिक सभा, जिसने एमआई की रणनीति और कार्य योजना की समीक्षा की, चर्चा की और निर्धारित किया, ने वरिष्ठ स्वच्छ ऊर्जा नवाचार नेताओं के नेटवर्क के निर्माण के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर अंतर्दृष्टि साझा की।

तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान, वरिष्ठ स्वच्छ ऊर्जा नवाचार नेताओं ने 2022 के लिए एमआई रणनीतिक प्राथमिकताओं को उन्नत किया।

मिशन इनोवेशन हर महाद्वीप की सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और निजी क्षेत्र के निवेशकों को वैश्विक निवेश तथा सहयोग का नेतृत्व करने के लिए एकजुट करता है, जो स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी को दुनियाभर में किफायती और सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण बिंदुओं को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।

यह प्रदर्शित करना कि  सहयोग करने वाली सरकारें कैसे नवाचार में तेजी ला सकती हैं और ’कार्यान्वयन के वर्ष’ में योगदान कर सकती हैं, एमआई एजेंडे का केंद्र है। साझेदारी और क्षमता निर्माण के माध्यम से दीर्घकालिक प्रभाव को अधिकतम करना एक अन्य एमआई प्राथमिकता है और एमआई को प्रमुख अंतर्राष्‍ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा नवाचार मंच के रूप में स्थान देना जारी रखना है।

जून 2021 में एमआई पहल का एक महत्वाकांक्षी दूसरा चरण एमआई 2.0 का शुभारंभ होने के बाद इस सभा ने वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा नवाचार के दशक में आवश्यक कार्यों पर सहमत होने के एक महत्वपूर्ण अवसर चिह्नित किया।

पिछले एक साल में कुल सात मिशनों में से पांच को लांच किया गया है। बिजली प्रणालियों, हाइड्रोजन, शिपिंग, शहरी संक्रमण और कार्बन डाइऑक्साइड हटाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मिशनों ने स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण की सुविधा के लिए प्रौद्योगिकियों में तेजी लाने का संकल्प लिया। आगंतुकों के साथ मिलने पर, एमआई मिशनों में मौजूदा वैश्विक उत्सर्जन के 52 फीसदी के लिए जिम्मेदार क्षेत्रों के लिए किफायती डीकार्बोनाइजेशन का मार्ग खोलने की क्षमता है।

यह भी पढ़ें :   प्रधानमंत्री ने लोगों को नव संवत्सर की बधाई दी

डीएसटी द्वारा स्थापित तीन एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा सामग्री गतिवर्द्धन मंचों में शामिल हैं:

भंडारण पर डीएसटी-आईआईएसईआर तिरुवनंतपुरम एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा सामग्री गतिवर्द्धन मंच: आईआईएसईआर तिरुवनंतपुरम में स्थापित 14 अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के संघ का उद्देश्य स्वचालित प्रक्रियाओं के माध्यम से मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके सॉलिड-स्टेट बैटरी प्रौद्योगिकी के विकास में तेजी लाना है। केंद्र को सॉलिड-स्टेट बैटरी अनुसंधान की दिशा में विशेषज्ञता और ज्ञान का लाभ मिलेगा।

डीएसटी-आईआईटी हैदराबाद बायोएनेर्जी और हाइड्रोजन पर एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा सामग्री गतिवर्द्धन मंच: आईआईटी, हैदराबाद में केंद्र का उद्देश्य नये उत्प्रेरक, नई भंडारण प्रणाली और सामग्री व अनुकूलित संयंत्र डिजाइन की खोज को तेज करने माध्यम से अधिक-सक्षम व्यावसायिक रूप से बायोमास और अपशिष्ट-जल से हाइड्रोजन रूपांतरण और भंडारण प्रणालियों के विकास में तेजी लाना है। परियोजना को 9 भागीदार संस्थानों के वैज्ञानिकों की एक टीम के बीच संयुक्त रूप से लागू किया जाएगा।

सामग्री पर डीएसटी-आईआईटी, कानपुर एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा सामग्री गतिवर्द्धन मंच: इस मंच का उद्देश्य क्वांटम और क्लासिकल मेकेनिक्स सक्षम परमाणु सिमुलेशन और एआई तथा एमएल एल्गोरिदम का उपयोग करके ऊर्जा संचयन के लिए सामग्री डिजाइन करना है। मंच से जुड़े शोधकर्ताओं के नेटवर्क में 13 विशिष्ट संस्थानों के वैज्ञानिक शामिल हैं।

*******

एमजी/एएम/पीकेजे/वाईबी