हिमाचल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

नमस्कार!

हिमाचल दिवस पर देवभूमि के सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं।

ये बहुत सुखद संयोग है कि देश की आजादी के 75वें वर्ष में, हिमाचल प्रदेश भी अपना 75वां स्थापना दिवस मना रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव में, हिमाचल प्रदेश में विकास का अमृत हर प्रदेशवासी तक निरंतर पहुंचता रहे, इसके लिए हम सभी के प्रयास जारी हैं।

 

हिमाचल के लिए अटल जी ने कभी लिखा था-

बर्फ ढंकी पर्वतमालाएं,

नदियां, झरने, जंगल,

किन्नरियों का देश,

देवता डोलें पल-पल !

 

सौभाग्य से मुझे भी प्रकृति के अनमोल उपहार, मानवीय सामर्थ्य की पराकाष्ठा और पत्थर को चीरकर अपना भाग्य बनाने वाले हिमाचल वासियों के बीच रहने का, उनके दर्शन करने का बार-बार अवसर मिला है।  

 

साथियों,

1948 में जब हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ था, तब पहाड़ जितनी चुनौतियां सामने थीं।

छोटा पहाड़ी प्रदेश होने के कारण, मुश्किल परिस्थितियों और चुनौतीपूर्ण भूगोल के चलते संभावनाओं के बजाय आशंकाएं अधिक थीं। लेकिन हिमाचल के मेहनतकश, ईमानदार और कर्मठ लोगों ने इस चुनौती को अवसरों में बदल दिया। बागवानी, पावर सरप्लस राज्य, साक्षरता दर, गांव-गांव तक सड़क सुविधा, घर-घर पानी और बिजली की सुविधा, जैसे अनेक मानक इस पहाड़ी राज्य की प्रगति को दिखाते हैं।

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बीते 7-8 सालों से केंद्र सरकार का निंरतर प्रयास रहा है कि हिमाचल के सामर्थ्य को, वहां की सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाए। हमारे युवा साथी हिमाचल के जनप्रिय मुख्यमंत्री जयराम जी के साथ मिलकर ग्रामीण सड़कों, हाईवे के चौड़ीकरण, रेलवे नेटवर्क के विस्तार का जो बीड़ा डबल इंजन की सरकार ने उठाया है, उसके परिणाम अब दिखने लगे हैं। जैसे-जैसे कनेक्टिविटी बेहतर हो रही है, वैसे-वैसे हिमाचल का टूरिज्म नए क्षेत्रों, नए अंचलों में प्रवेश कर रहा है। हर नया क्षेत्र पर्यटकों के लिए प्रकृति, संस्कृति और एडवेंचर के नए अनुभव लेकर आ रहा है, और स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार, स्वरोज़गार की अनंत संभावनाओं के द्वार खोल रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं को जिस प्रकार सुधारा जा रहा है, उसका परिणाम कोरोना के तेज़ टीकाकरण के रूप में हमें दिखा है।

साथियों,

हिमाचल में जितनी संभावनाएं हैं, उनको पूरी तरह से सामने आने लाने के लिए अब हमें तेज़ी से काम करना है। आने वाले 25 वर्ष में हिमाचल की स्थापना और देश की आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होने वाले हैं। ये हमारे लिए नए संकल्पों का अमृतकाल है। इस कालखंड में हमें हिमाचल को टूरिज्म, उच्च शिक्षा, रिसर्च, आईटी, बायो-टेक्नॉलॉजी, फूड-प्रोसेसिंग और नैचुरल फार्मिंग जैसे क्षेत्रों में और तेज़ी से आगे ले जाना है। इस साल के बजट में घोषित वाइब्रेंट विलेज स्कीम और पर्वतमाला योजना से भी हिमाचल प्रदेश को बहुत लाभ होगा। ये योजनाएं हिमाचल प्रदेश में दूर-सुदूर में कनेक्टिविटी भी बढ़ाएंगी, टूरिज्म को बढ़ावा देंगी और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगी। हमें हिमाचल की हरियाली का विस्तार करना है, जंगलों को अधिक समृद्ध करना है। शौचालयों को लेकर हुआ बेहतरीन काम अब स्वच्छता के दूसरे पैमानों को भी प्रोत्साहित करे, इसके लिए जन भागीदारी को और बढ़ाना होगा।

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साथियों,

केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं को जयराम जी की सरकार और उनकी पूरी टीम ने बहुत विस्तार दिया है। विशेष रूप से सामाजिक सुरक्षा के मामले में हिमाचल में प्रशंसनीय काम हो रहा है। ईमानदार नेतृत्व, शांतिप्रिय वातावरण, देवी-देवताओं का आशीर्वाद और परिश्रम की पराकाष्ठा करने वाले हिमाचल के लोग, ये सब अतुलनीय हैं। हिमाचल के पास तेज़ विकास के लिए ज़रूरी हर चीज मौजूद है। समृद्ध और सशक्त भारत के निर्माण में हिमाचल अपने योगदान का निरंतर विस्तार करता रहे, यही मेरी शुभकामना है !

 

बहुत- बहुत धन्यवाद !

 

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DS/ST