औषध विभाग की सोच भारतीय फार्मा क्षेत्र को गुणवत्तापूर्ण दवाओं के लिए वैश्विक नेता के रूप में बढ़ावा देना और देश में दवाओं व चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता, पहुंच तथा वहनीयता को सुनिश्चित करना है। इस सोच को प्राप्त करने के उपायों में से एक अनुसंधान व विकास और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना भी है। इसे प्राप्त करने के लिए विभाग ने कई अन्य उपायों के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और हाई-एंड अनुसंधान के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के रूप में सात राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (नाईपर) की स्थापना की है।
हाल ही में नाईपर ने उद्योग और शोधकर्ताओं के लिए एक सामान्य (कॉमन) अनुसंधान पोर्टल लॉन्च किया है। इसके अलावा संस्थान ने राष्ट्रीय जरूरतों और अपनी विशेषज्ञता व सुविधाओं के आधार पर एक सामान्य अनुसंधान कार्यक्रम भी तैयार किया है। वहीं, विभाग जल्द ही ‘भारत में फार्मा-मेडटेक (चिकित्सा प्रौद्योगिकी) क्षेत्र में अनुसंधान व विकास और नवाचार को उत्प्रेरित करने की नीति’ भी लेकर आ रहा है।
औषध विभाग ने नवाचार व अनुसंधान को प्रोत्साहित करने और नाईपर में उद्यमिता को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय नवाचार और स्टार्टअप नीति 2019, राष्ट्रीय आईपीआर नीति 2016 और अन्य संस्थानों/विभागों की इसी तरह की नीतियों पर विचार करने के बाद अपने नियंत्रण के अधीन शैक्षणिक संस्थानों के लिए ‘औषध नवाचार और उद्यमिता पर एक सामान्य दिशा-निर्देश’ को तैयार किया है। इस नीति का उद्देश्य अकादमिक अनुसंधान को अभिनव व व्यावसायिक रूप से अनुकूल प्रौद्योगिकियों/उत्पादों में रूपांतरित करना, रचनात्मकता व उद्यमशीलता की गतिविधियों के पोषण के लिए मजबूत वातावरण का निर्माण और आत्मनिर्भर भारत मिशन में अपना योगदान करना है।
नीति दिशा-निर्देशों का उद्देश्य है:
रसायन और उर्वरक मंत्री ने इन नीति दिशानिर्देशों के अंतिम रूप को मंजूरी दे दी है। इनकी त्वरित और प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर और अधिक कदम उठाने के लिए सभी नाईपर के पास इन्हें भेज दिया गया है।
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एमजी/एएम/एचकेपी/वाईबी