राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद द्वारा जमैका संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के दौरान संबोधन

मैं आज संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

अध्यक्ष महोदया 

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के संवैधानिक प्रमुख के रूप में, मैं जमैका के इस जीवंत लोकतंत्र के नेताओं की इस भव्य सभा को संबोधित करते हुए प्रसन्न हूं तथा सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

आरंभ में ही, मुझे यह भी बताने दीजिए कि जमैका में रहना, इसकी जीवंत संस्कृति का अनुभव करना तथा इसके और भी जीवंत लोगों से मिलना ऐसी चीज है जिसकी मैं व्याकुलता के साथ प्रतीक्षा कर रहा था। बॉब मार्ले के हृदय को झकझोड़ देने वाले गाने, रेगे संगीत, खेलों के सुपरस्टार तथा जमैका वासियों की गर्मजोशी से भरी तथा स्वागत करने वाली प्रकृति विश्व भर में विख्यात है। ऐसे ही आपकी ब्लू माउंटेन कॉफी तथा समुद्र के सुंदर तट भी विख्यात हैं।

अध्यक्ष महोदया,

भारत से 15 हजार किलोमीटर दूर, मैं आपके सामने बिल्कुल घर जैसा महसूस करता हूं। और मुझे ऐसा महसूस क्यों नहीं करना चाहिए जब इस सदन में भारतीय मूल के कई विशिष्ट सदस्य उपस्थित हैं।

जमैका ने भारतीयों का खुले हृदय के साथ स्वागत किया है और उन्हें सम्मान और प्रतिष्ठा दी है। इसके परिणामस्वरूप, न केवल राजनीति में बल्कि व्यवसाय, संगीत, खेलों, पोशाक तथा भोजन, सभी में भी भारत की समृद्ध उपस्थिति दिखाई पड़ती है।

मैं अपने साथ भारत से चंदन का एक पौधा लाया हूं और मैंने इसे कल होप बोटैनिकल गार्डन के भारत-जमैका मित्रता उद्यान में लगाया। मुझे विश्वास है कि यह पौधा एक पेड़ के रूप में विकसित होगा तथा उसी प्रकार अपनी गर्म सुगंध से उद्यान को समृद्ध करेगा जिस प्रकार भारतीय समुदाय विकसित हुआ है तथा जमैका के विकास में अपना योगदान दे रहा है।

और फिर भी, यह न केवल भारतीय प्रवासी और सांस्कृतिक बंधन हैं जो हमारे दोनों देशों को एकजुट करते हैं बल्कि लोकतंत्र तथा स्वतंत्रता में यह हमारा विश्वास भी है जो हमें एक बंधन में बांधे रखता है। यह विचार कि सभी नागरिकों का सृजन समान रूप से हुआ है, जमैका के संविधान का एक केंद्रीय स्तंभ है। हमारे संस्थापक जनकों ने भी इसी विश्वास को साझा किया तथा भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता की इच्छा जताई। उन्होंने इसकी आत्मा के रूप में स्वतंत्रता, लोकतंत्र तथा समानता के साथ एक आधुनिक राष्ट्र का निर्माण किया। और ऐसा करने में, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि हम ‘विविधता में एकता’ का समारोह मनाते रहें जोकि जमैका के ‘कई में से, एक व्यक्ति हृदय’ के आदर्श वाक्य के बिल्कुल समान है। इस प्रकार, आज मैं यहां, न केवल एक अतिथि राष्ट्राध्यक्ष के रूप में बल्कि साझा परंपरा वाले एक सहयोगी राष्ट्र के प्रतिनिधि के रूप में भी उपस्थित हूं।

अध्यक्ष महोदया,

कल, मैंने अपनी यात्रा का आरंभ राइट एक्सेलेंट मार्कस गार्वे के स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ किया। अन्याय और भेदभाव के विरुद्ध उनके अग्रणी नेतृत्व ने विश्व भर में कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है जिससे लाखों लोगों को सम्मान और बेहतर जीवन प्राप्त हुआ है।

सदस्यों और मित्रों,

भारत में, लोगों द्वारा सम्मानित डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने दलितों के उत्थान तथा सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन के लिए खुद को समर्पित कर दिया। उन्होंने संविधान में सामाजिक सशक्तिकरण के लिए प्रावधानों को प्रस्तुत किया तथा वास्तव में उन्हें ‘भारतीय संविधान का वास्तुकार’ कहा गया। मैं जमैका सरकार द्वारा किंग्स्टन में एक एवेन्यू का नाम डॉ. अम्बेडकर के नाम पर रखने के लिए आभारी हूं, जिसका मैंने कल उद्घाटन किया।

अध्यक्ष महोदया,

यह वास्तव में प्रसन्नता की बात है कि जमैका ने साठ वर्ष पूर्व प्राप्त अपनी स्वतंत्रता के बाद से लोकतंत्र के आदर्शों का अक्षरशः पालन किया है। सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका के साथ, जमैका दूसरों द्वारा अनुकरण किए जाने के लिए मानदंड स्थापित कर रहा है। मैं जमैका को एक महिला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति करने के द्वारा एक उदाहरण स्थापित करने के लिए बधाई देना चाहता हूं।

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पर्याप्त प्राकृतिक संसाधनों, रणनीतिक स्थान, युवा आबादी तथा गतिशील नेतृत्व के साथ, जमैका और भी अधिक आर्थिक सफलता अर्जित करने के लिए तैयार है। कैरिकॉम क्षेत्र में इसका नेतृत्व, अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवहार तथा और अधिक जिम्मेदारी का निर्वहन करने की इसकी इच्छा इसे अन्य देशों के लिए पसंद का साझीदारी बनाती है।

सदस्यों और मित्रों,

अब जबकि, विश्व कोविड-19 के संकट से उबर रहा है, भारत का सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे तेज गति से बढ़ने का अनुमान है। हमने स्वतंत्रता के बाद से कृषि की उत्पादकता में कई गुना बढोतरी की है और खाद्यान्नों के शुद्ध निर्यातक बन गए हैं। भारत को ‘विश्व की फार्मेसी’, गुणवत्तापूर्ण दवाओं तथा किफायती लागत पर टीकों के विनिर्माण के रूप में भी जाना जाता है।

भारत ने 150 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को पार कर लिया है तथा इसने अपने लिए 2030 तक 450 गीगावाट का लक्ष्य निर्धारित किया है। हमने विश्व भर में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में भी अग्रणी भूमिका निभाई है। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने काफी प्रगति की है। हम विश्व भर के देशों के लिए नियमित रूप से उपग्रहों को लॉन्‍च करने के अतिरिक्त मंगल ग्रह पर एक कक्षीय मिशन भेजने वाले चुनिंदा देशों में एक हैं।

भारत एक ज्ञान अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है जो आर्थिक वृद्धि तथा विकास को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान का सृजन, प्रसार तथा उपयोग करता है। आज, भारत और भारतीय कृत्रिम आसूचना, मशीन लर्निंग तथा मेटा-वर्स जो चौथी औद्योगिक क्रांति के आधार का निर्माण करती है, जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकीयों पर अनुसंधान तथा विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। भारत स्टार्टअप्स तथा नवोन्मेषी प्रौद्योगिकीयों का हब भी है तथा उन तीन शीर्ष देशों में शामिल है जहां यूनिकॉर्न की सबसे अधिक संख्या है।

भारत के शिक्षा क्षेत्र, विशेष रूप से इसके विश्व प्रसिद्ध उत्कृष्टता संस्थानों, जिनमें विख्यात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) एवं भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) के कई पूर्व छात्र विश्व के सबसे बड़े व्यवसायों तथा सबसे बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं, का निश्चित रूप से विशेष संदर्भ दिया जाना चाहिए।

वर्ष 2020 में जारी की गई हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत, भारत विदेशों में कई नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों को आरभ करने की योजना बना रहा है। मुझे प्रसन्नता है कि जमैका उन पहले देशों में है जिसने अपने यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की मेजबानी करने के प्रति रुचि प्रदर्शित की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने विदेशी छात्रों के लिए प्रमुख भारतीय महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों में विशिष्ट तकनीकी पाठ्यक्रमों को भी आरंभ किया है। जमैका के छात्रों को इस अवसर का उपयोग विश्व भर में प्रतिष्ठित कुछ सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में अध्ययन करने के द्वारा लाभ उठाने के द्वारा करना चाहिए जो पश्चिमी देशों के संस्थानों की तुलना में लागत का केवल एक छोटा अंश चार्ज करते हैं।

सदस्यों और मित्रों,

‘‘सब का साथ, सब का विकास, सब का विश्वास, सब का प्रयास’’ का आदर्श वाक्य प्रत्येक नागरिक को विकास के समावेशी मॉडल में शामिल करते हुए एक राष्ट्र के निर्माण का हमारा विजन है। इसी के साथ-साथ, यह हमारी विविधता का समारोह है, सामाजिक सद्भाव की शक्ति है और व्यक्तिगत स्वतंत्रता तथा अधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। यह हमारी संस्कृति की कालातीत लोकाचार है, यह हमारे संविधान का मूल है तथा हमारे भविष्य की नींव भी है।

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अध्यक्ष महोदया,

‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ जिसका अर्थ है ‘‘विश्व एक परिवार है’’ के आदर्श में भारत का स्थायी विश्वास हमारे शाश्वत मूल्यों को प्रदर्शित करता है। भारत ने महामारी के चरम दिनों के दौरान 100 से अधिक देशों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई और जमैका सहित कई देशों को कोविड-19 टीकों की सुविधा प्रदान की।

अध्यक्ष महोदया,

 विश्व की कुछ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के इर्द गिर्द बसे जमैका की रणनीतिक स्थिति और अंग्रेजी बोलने वाले युवाओं के इसके प्रतिभाशाली समूह ने इसे ‘ज्ञान राजमार्ग’ बनने का तथा चौथी औद्योगिक क्रांति से लाभ उठाने का एक उत्कृष्ट अवसर उपलब्ध कराया है। भारत एक समृद्ध और स्थायी अर्थव्यवस्था बनते हुए अपने लोगों को सशक्त बनाने तथा एक सुरक्षित, एकजुट और न्यायपूर्ण समाज सुनिश्चित करने के जमैका के ‘विजन 2030’ के लक्ष्यों को साझा करता है।

भारत जमैका के साथ साझीदार बनने तथा इसके तकनीकी कौशलों, ज्ञान तथा विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है जो जमैका की शिक्षा एवं व्यवसायों में रूपांतरकारी बदलाव ला सकता है। जमैका की शीर्ष कंपनियां पहले से ही भारत में स्थित टेक्नोलॉजी कंपनियों से सॉफ्टवेयर सोर्स करती हैं तथा बैकरूम तकनीकी सहायता प्राप्त करती हैं।

भारत और जमैका पहले से ही कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत सहयोग कर रहे हैं। रेलवे तथा कृषि सेक्टरों में भी साझीदारी के लिए अत्यधिक संभावना है जो भारत की शक्ति में शामिल हैं।

तीन मिलियन से भी कम जनसंख्या वाले देश के लिए, ओलंपिक, विश्व प्रतियोगिताओं तथा अन्य प्रमुख खेल स्पर्धाओं में एथलेटिक्स में जमैका का प्रभुत्व देखना आश्चर्यजनक है। आप पाएंगे कि भारत खेलों तथा एथलेटिक्स में आपसे सबक सीखने के लिए आपका रुख कर रहा है। संगीत एवं मनोरंजन में, क्रॉस-पोलिनेशन यानी एक-दूसरे देश में बीजारोपण दोनों ही देशों में मनोरंजन उद्योगों को समृद्ध बनाएगा। इसके अतिरिक्त, आवभगत तथा पर्यटन क्षेत्र में सहयोग तथा परस्पर सीखने की काफी संभावना है।

सदस्यों और मित्रों,

मुझे भरोसा है कि हमारे संयोजन तथा एक-दूसरे के प्रति सहयोग परस्पर रूप से लाभदायक साबित होंगे। जब हम अपने राजनयिक संबंधों के पूरा होने का समारोह मनाते हैं, आइये हम अपनी बढ़ती साझेदारी, हमारे मूलभूत सिद्धांतों तथा साझा मूल्यों से प्रेरणा और शक्ति प्राप्त करें।

आइये, हम अपने साझा आदर्शों को व्यावहारिक सहयोग में बदलने तथा और अधिक न्यायसंगत विश्व व्यवस्था सृजित करने के लिए साथ मिल कर काम करना जारी रखें। हमारी साझेदारी न केवल हमारे नागरिकों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगी बल्कि एक अधिक एकजुट, मानवीय तथा समृद्ध विश्व के लिए एक सेतु के रूप में भी काम करेगी। मैं भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा अभिव्यक्त, जब उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के प्रयोजन की चर्चा की थी, व्यापक विश्व दृष्टिकोण का स्मरण करना चाहता हूं और मैं उद्धृत करना चाहता हूं, ‘‘मैं अपने देश की स्वतंत्रता चाहता हूं जिससे कि अन्य देश हमारे स्वतंत्र देश से कुछ सीख सकें, जिससे कि मेरे देश के संसाधनों का उपयोग मानव जाति के लाभ के लिए किया जा सके।’’(उद्धरण समाप्त)

इन शब्दों के साथ, मैं अध्यक्ष महोदया को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे इस प्रतिष्ठित सदन को संबोधित करने का अवसर प्रदान किया। आप सभी के साथ अपने विचारों को साझा करते मुझे प्रसन्नता हुई। मैं कामना करता हूं कि हमारे महान लोकतंत्रों के लोग मित्रता, सहयोग तथा समृद्धि की नई ऊंचाइयों तक पहुंचें।

धन्यवाद।

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एमजी/एएम/एसकेजे/एसएस