सर्वश्रेष्ठ शासन पद्धतियां अभिनव विचारों से उत्पन्न होती हैं, लोक सेवकों को उन अभिनव विचारों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, जिनमें प्रतिकृति और स्थायित्व हो, जिनका उपयोग सर्वश्रेष्ठ शासन अभ्यासों के रूप में किया जा सकता है : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री श्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ शासन पद्धतियां अभिनव विचारों से उत्पन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि लोक सेवकों को उन अभिनव विचारों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है जिनमें प्रतिकृति और स्थायित्व हो, जिनका उपयोग सर्वश्रेष्ठ शासन अभ्यासों के रूप में किया जा सकता है।

केंद्रीय मंत्री ने आज ‘स्वास्थ्य’ पर राष्ट्रीय सुशासन वेबिनार श्रृंखला के दूसरे संस्करण को संबोधित किया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि 21 अप्रैल, 2022 को लोक सेवा दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डीएआरपीजी को अगले 12 महीनों में अप्रैल, 2022 से मार्च, 2023 तक जिला अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के साथ वर्चुअल सम्मेलन आयोजित करने का आदेश दिया था।

 

 

 

स्वास्थ्य पर मौजूदा वेबिनार और मुख्य रूप से गुजरात में आदिवासी समुदाय के बीच “सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम” विषयवस्तु पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसके लिए समाज में जागरूकता की कमी है। उन्होंने इसका पता लगाने के लिए व्यापक जांच का आह्वाहन किया। उन्‍होंने कहा कि यह सिकल सेल एनीमिया के बोझ को कम करने और उत्पादकता में बढ़ोतरी, परीक्षण के जरिए दीर्घायु व जीवन की गुणवत्ता, अगली पीढ़ी में रोग के संचरण को रोकने और रुग्णता व मृत्यु दर को कम करने के लिए शीघ्र निदान, शीघ्र उपचार तथा परामर्श को लेकर कार्यक्रम के बेहतर कार्यान्वयन के लिए सरकार के विभिन्न विभागों और कई गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के बीच विभिन्न गतिविधियों को एकीकृत करने की सुशासन पहल का एक उदाहरण है।

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डॉ. सिंह ने राजस्थान सरकार के चितौड़गढ़ में चिकित्सा को वहनीय बनाने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रधानमंत्री के पुरस्कार विजेता पहल का उल्लेख किया। उन्‍होंने कहा कि यह जिलेवार कम लागत वाली दवाओं की दुकानों (उचित मूल्य की दुकानों) की स्थापना के लिए सुशासन की पहल का एक उदाहरण है, जिससे लोगों के लिए दवाओं को अधिक सस्ती व सुलभ बनाया जा सके और उनका पूरा इलाज सुनिश्चित किया जा सके।

 

 

डीएआरपीजी के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने कहा कि सुशासन पहल के तहत विभिन्न विषयों पर 13 वेबिनार आयोजित किए जाएंगे, जिन्हें 2006 में अपनी स्थापना के बाद से पिछले वर्षों के दौरान लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय वेबिनार के लिए चुने गए विषयों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, आपदा प्रबंधन, प्राथमिकता कार्यक्रम और जल/जल प्रबंधन आदि जैसे कई क्षेत्रों को शामिल करने के प्रस्ताव हैं। पुरस्कार से सम्मानित राज्य/जिले इन राष्ट्रीय वेबिनार में अपना अनुकरणीय कार्य को सामने रखेंगे, जिसका उद्देश्य अन्य राज्यों/जिलों द्वारा प्रतिकृति के लिए सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों और पुरस्कार विजेता पहलों को सामने रखना है। इस श्रृंखला के तहत पहला वेबिनार 28 अप्रैल, 2022 को ‘सेवा वितरण सुधार में प्रधानमंत्री पुरस्कार-विजेता पहल’ विषयवस्तु पर आयोजित किया गया था।

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इस कार्यक्रम में राज्य एआर सचिव, जिला अधिकारी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के मिशन निदेशक, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी, सभी जिलों के प्रधान चिकित्सा अधिकारी/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान व पूरे देश में स्थित इसकी शाखा के शिक्षक ने वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया।

एमजी/एएम/एचकेपी/वाईबी