लोकसभा में पुरुष सांसद महिला आरक्षण बिल को पास नहीं होने दे रहे हैं। महिला विरोधी आचरण को रोकने के लिए अलग से कानून बने।

लोकसभा में पुरुष सांसद महिला आरक्षण बिल को पास नहीं होने दे रहे हैं। महिला विरोधी आचरण को रोकने के लिए अलग से कानून बने।

केरल के तिरुवनंतपुरम में पहला राष्ट्रीय महिला विधायक सम्मेलन संपन्न। अजमेर दक्षिण की विधायक अनिता भदेल ने भी भाग लिया।
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देश के लोकतांत्रिक इतिहास में यह पहला अवसर रहा, जब 26 व 27 मई को केरल की तिरुवनंतपुरम में महिला विधायकों का राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ। इस ऐतिहासिक सम्मेलन में अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने भी भाग लिया। सम्मेलन में भदेल की महत्वपूर्ण उपस्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सम्मेलन के एक सत्र में भदेल को भी अपने विचार रखने का अवसर मिला।
भदेल ने देश में हो रहे बाल विवाह पर अपने विचार रखे। भदेल ने माना कि कानून होने के बाद भी देश में बाल विवाह हो रहे है। एक अनुमान के मुताबिक मौजूदा समय में भी 23 प्रतिशत बाल विवाह हो रहे हैं। बाल विवाह का मुख्य कारण गरीबी, अशिक्षा और पितृसत्ता की मानसिकता है। भदेल ने कहा कि बाल विवाह निरोधक कानून को और सख्त बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने सामाजिक जागरूकता पर भी जोर दिया। भदेल ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है, जिसे समाज के स्तर पर ही रोका जा सकता है। भदेल ने सम्मेलन में देश की विधानसभाओं और लोकसभा व राज्यसभा में महिला सदस्यों की भूमिका बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब संसद और विधानसभाओं में कोई बिल प्रस्तुत होता है तो इस बिल की बहस में कितनी महिला सदस्य अपने विचार रख पाती हैं? भदेल ने कहा कि यदि महिला सदस्यों को बिल पर अपने विचार रखने का अवसर मिले तो सार्थक बहस हो सकती है। भदेल ने राष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित महिला विधायकों से आव्हान किया कि बिल पर होने वाली बहस में अपनी भूमिका को बढ़ाया जाए।
महिला आरक्षण बिल:
सम्मेलन के बारे में भदेल ने बताया कि समापन वाले दिन कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए गए हैं। इनमें महिला आरक्षण का बिल लोकसभा में जल्द पास कराने की मांग भी की गई है। भदेल ने बताया कि सम्मेलन में इस बात पर अफसोस जताया गया कि लोकसभा में पुरुष सांसद महिला आरक्षण बिल को स्वीकृत नहीं होने दे रहे हैं। पिछले 26 वर्षों से यह बिल अटका पड़ा है। कई बार तो क्षेत्रीय दलों के सांसद बिल की प्रतियां लोकसभा में फाड़ देते हैं। पुरुष सांसदों का यह आचरण महिला विरोधी है। भदेल ने बताया कि यदि महिला आरक्षण बिल स्वीकृत हो जाए तो देश की विधानसभाओं और लोकसभा व राज्यसभा में महिलाओं की उपस्थिति 33 प्रतिशत हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आबादी का आधा हिस्सा हैं तो उन्हें भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में 33 प्रतिशत आरक्षण मिलना ही चाहिए।
भदेल ने यह भी कहा कि महिलाओं के आरक्षण में पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए अलग से प्रतिशत निर्धारित किया जाए। महिला आरक्षण तभी सही मायने में सार्थक होगा, जब पिछड़े वर्ग की महिलाएं सांसद और विधायक बनेंगी। महिला विधायकों के राष्ट्रीय सम्मेलन में महिला विरोधी आचरण पर कानून बनाए जाने का भी प्रस्ताव पास किया गया। भदेल ने बताया कि महिला विरोधी आचरण के कारण ही उच्च पदों पर बैठी महिलाओं को भी कई बार प्रताड़ित किया जाता है। यदि देश में सख्त कानून होगा तो प्रताड़ित करने वाले पुरुषों को सख्त सजा मिल सकेगी। भदेल ने माना कि कामकाजी महिलाओं को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार सोशल मीडिया पर भी द्वेषवश महिलाओं के फोटो या अभद्र टिप्पणी पोस्ट की जाती है।
अब जब देश की महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर पुरुषों के साथ काम कर रही हैं तब महिला विरोधी आचरण रुकना ही चाहिए। भदेल ने बताया कि जब पूरा देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है, तब महिला विधायकों का यह राष्ट्रीय सम्मेलन देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि महिला विधायकों का राष्ट्रीय सम्मेलन अब प्रतिवर्ष आयोजित होना चाहिए। इस सम्मेलन के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829270288 पर श्रीमती अनिता भदेल से ली जा सकती है।