गाय आधारित उत्पादों पर संगठित उद्योग अब एक वास्तविकता है : श्री परषोत्तम रुपाला

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन तथा डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रुपाला ने कहा कि गाय आधारित उद्योगों का वैश्विक परिसंघ ( जीसीसीआई ) ने साबित किया है कि गाय आधारित उत्पादों पर संगठित उद्योग अब एक वास्तविकता है। विश्व दुग्ध दिवस 2022 के अवसर पर आईसीएआर-सीआईआरसी तथा जीसीसीआई द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वैश्विक वेबीनार को संबोधित करते हुए श्री रुपाला ने ऐसे परिसंघ का निर्माण करने के लिए एक नए आयाम की स्थापना करने पर जीसीसीआई की सराहना की। विश्व भर के वैज्ञानिकों, पशु चिकित्सकों, उद्योगपतियों तथा किसानों ने इस ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लिया। वेबीनार का शीर्षक था – डेयरी क्षेत्र में निर्वहनीयता तथा साथ ही साथ पर्यावरणगत, पोषणगत एवं सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण।

श्री रुपाला ने कहा कि विश्व अब गायों के महत्व के बारे में अवगत है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना काल ने प्रतिरक्षण के लिए साधनों की दिशा में देखने के महत्व को स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि विश्व अब दूध, घी तथा अन्य गाय उत्पाद की दिशा में लौट रहा है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग गो उद्यमिता के प्रति उत्साह दर्शा रहा है। उन्होंने बताया कि नवीन भारत में इस सेक्टर में काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाता है और उनकी सराहना की जाती है। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने सूचित किया कि भारत सरकार ने 4000 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों को मंजूरी दी है।  उन्होंने यह भी कहा कि मवेशी एम्बुलेंस को कॉल करने के लिए 1962 डायल करने की आवश्यकता है और इससे इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।

यह भी पढ़ें :   राष्ट्रीय महिला आयोग ने मणिपुर की महिला व्यापारियों के लिए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया

जीसीसीआई के संस्थापक डॉ. वल्लभ भाई कथिरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में एक रूपांतरकारी बदलाव आया है और देश बदल रहा है। उन्होंने कहा कि देसी गाय का दूध अमृत है जो हमें जीवन भर स्वस्थ और जीवन शक्ति से भरपूर रखता है। 

यह भी पढ़ें :   राज्य के विकास हेतु नीति निर्माण में सांख्यिकी विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका -सांख्यिकी मंत्री

आईसीएआर-सीआईआरसी के निदेशक डॉ. अभिजीत मित्रा ने सीआईआरसी के कार्य, उपलब्धियों तथा उच्च लाभप्रदता के लिए मवेशियों के सुधार के लिए शोध निष्कर्षों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्वदेशी गायों की दूध देने की क्षमता बढ़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत विश्व में कुल दूध उत्पादन में 21 प्रतिशत का योगदान देता है।

अमूल के प्रबंध निदेशक डॉ. आर एस सोढ़ी ने डेयरी क्षेत्र के माध्यम से निर्वहनीयता के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत के डेयरी क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला दक्षता दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ है। 

 

एमजी/एमए/एसकेजे