नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन और ड्रोन पुर्ज़ों के लिए पीएलआई योजना के तहत 23 लाभार्थियों की दूसरी अस्थायी सूची जारी की

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन और ड्रोन पुर्ज़ों के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 23 लाभार्थियों की दूसरी अस्थायी सूची जारी की है। इनमें 12 ड्रोन निर्माता और 11 ड्रोन पुर्ज़े निर्माता शामिल हैं। मंत्रालय ने 4 मई 2022 को पात्र निर्माताओं से आवेदन आमंत्रित किए और इन्हें जमा करने की अंतिम तिथि 20 मई 2022 थी।

पीएलआई लाभार्थियों की अस्थायी सूची 2021-22 के बगैर-ऑडिट किए वित्तीय नतीजों और अन्य जानकारियों के आधार पर तैयार की गई है। शॉर्टलिस्ट किए गए लाभार्थियों ने वित्त वर्ष 2021-22 में बिक्री राजस्व और मूल्यवर्धन से संबंधित पात्रता मानदंड को पूरा कर लिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सार्वजनिक सूचना के लिए यहां क्लिक करें:

https://www.civilaviation.gov.in/sites/default/files/Second%20provisional%20list%20of%20beneficiaries%20under%20PLI%20Scheme%20for%20drones%20and%20drone%20components.pdf   

 

इन शॉर्टलिस्ट किए गए ड्रोन निर्माताओं की सूची इस प्रकार है:

 

शॉर्टलिस्ट किए गए ड्रोन पुर्ज़ा निर्माताओं की सूची इस प्रकार है:

 

इन उपर्युक्त कंपनियों का संयुक्त वार्षिक बिक्री कारोबार वित्त वर्ष 2020-21 में 88 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 319 करोड़ रुपये (गैर-अंकेक्षित) हो गया है।

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ड्रोन और ड्रोन पुर्ज़ों के लिए पीएलआई योजना के पात्रता मानदंड में ड्रोन कंपनियों के लिए 2 करोड़ रुपये का और ड्रोन पुर्ज़ा निर्माताओं के लिए 50 लाख रुपये का वार्षिक बिक्री कारोबार; और बिक्री कारोबार का 40% से ज्यादा का मूल्यवर्धन शामिल है।

ड्रोन और ड्रोन पुर्ज़ों के लिए पीएलआई योजना को 30 सितंबर 2021 को अधिसूचित किया गया था। इस योजना के तहत, 120 करोड़ रुपये का कुल प्रोत्साहन तीन वित्तीय वर्ष में फैला हुआ है जो वित्त वर्ष 2020-21 में सभी घरेलू ड्रोन निर्माताओं के संयुक्त कारोबार का लगभग दोगुना है। पीएलआई दर मूल्यवर्धन की 20% है जो अन्य पीएलआई योजनाओं में सबसे ज्यादा है। ड्रोन पीएलआई योजना की एक अनूठी विशेषता ये है कि जो निर्माता 2021-22 में मूल्यवर्धन सीमा को पूरा करने में नाकाम रहते हैं, उन्हें बाद के वर्ष में अपने खोए हुए प्रोत्साहन को पाने की अनुमति दी जाएगी अगर वे उस कमी को 2022-23 में पूरा कर लेते हैं। ड्रोन और ड्रोन पुर्ज़ों की पीएलआई योजना के लिए यहां क्लिक करें:

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https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/230076.pdf

इस पीएलआई योजना के अलावा भारत सरकार ने 2030 तक भारत को वैश्विक ड्रोन हब बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। इनमें ये सुधार शामिल हैं: उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021 की अधिसूचना; ड्रोन एयरस्पेस मैप 2021 का प्रकाशन जो लगभग 90% भारतीय हवाई क्षेत्र को 400 फीट तक ग्रीन जोन के रूप में खोलता है, यूएएस ट्रैफिक प्रबंधन (यूटीएम) नीति ढांचा 2021; ड्रोन प्रमाणन योजना 2022 जो ड्रोन निर्माताओं के लिए टाइप सर्टिफिकेट प्राप्त करना आसान बनाती है; ड्रोन आयात नीति, 2022 जो विदेश में निर्मित ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगाती है; और ड्रोन (संशोधन) नियम, 2022 जो ड्रोन संचालन के लिए ड्रोन पायलट लाइसेंस की आवश्यकता को समाप्त करता है।

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