पूछताछ में सिक्का गैंग ने किए चौंकाने वाले खुलासे, कारपोरेट तरीके से करते थे ट्रेनों में लूट, हर चोर की भूमिका थी अलग-अलग

पूछताछ में सिक्का गैंग ने किए चौंकाने वाले खुलासे, कारपोरेट तरीके से करते थे ट्रेनों में लूट, हर चोर की भूमिका थी अलग-अलग
कोटा। आरपीएफ और जीआरपी की टीम ट्रेन चोरों से पूछताछ के बाद कोटा लौट आई। पूछताछ में सिक्का गैंग ने चौंकाने वाले कई खुलासे किए हैं। चोरों ने बताया कि वह कारपोरेट तरीके से ट्रेनों में लूट की घटना को अंजाम देते थे। लूट में हर चोर की भूमिका अलग-अलग और निश्चित थी। गिरोह का सरगना रेल पटरियों में सिक्के फंसा कर ट्रेन रोकता था। ट्रेन रुकते ही एक पतले-दुबले चोर का काम बफर वाली जगह से दो कोचों के बीच लगे पार्टीशन में घुसकर डिब्बे में प्रवेश करना था। इसके बाद अदंर जाकर यह चोर कोच के दरवाजे खोल देत था। दरवाजा खुलते ही चोर कोचों में घुसकर लूटपाट शुरू कर देते। इतने में दरवाजा खोलने वाला चोर स्लीपर कोच में पहुंच जाता। यहां पर यह चोर स्लीपर कोच का दरवाजा खोलकर साथियों के आने का इंतजार करता। लूटपाट कर चोर तुरंत नीचे उतरकर स्लीपर कोच की तरफ भाग खड़े होते। यहां यह चोर पहले से खोल कर रखे गए दरवाजे से स्लीपर कोच में घुस जाते। यहां कोच के बाथरूम चोर लूटे गए बैग और पर्स से माल निकाल लेते। खाली पर्स, बैग और मोबाइल को यह चोर बाथरूम में ही फेंक देते। इसके बाद चोर ट्रेन से कूद कर सीधे हाईवे पर पहुंच जाते। जहां पर कार में बैठा एक साथी पहले ही उनका इंतजार कर रहा होता था। इसके बाद सभी चोर कार में बैठकर फरार हो जाते। घटनास्थल से तुरंत फरार होने के लिए है वह हाईवे के पास चोरी करते थे।
चंद मिनटों में देते थे घटना अंजाम
पूछताछ में चोरों ने बताया कि उनकी कोशिश होती थी चोरी की घटना को जल्द से जल्द अंजाम दिया जा सके। अधिक देरी होने पर उनके पकड़े जाने या ट्रेन चलने का अंदेशा रहता था। इसके चलते वह चंद मिनटों में ही घटना को अंजाम दे देते थे। चोरों ने बताया कि पकड़ में आने से बचने के लिए वह हथियार भी अपने पास रखते थे। जागने या पीछा करने पर चोर इन हथियारों से यात्रियों को डराते थे।
वातानुकूल कोचों को बनाते थे निशाना
चोरों ने बताया कि वह अधिकतर वातानुकूल कोचों को ही अपना निशाना बनाते थे। इसमें उन्हें चोरी में अधिक माल मिलने की उम्मीद रहती थी। खासकर महिलाओं के पर्स में उन्हें सोने-चांदी के जेवरात मिलते थे।
लक्ष्य लेकर करते तो चोरी
चोरों ने बताया कि वह लूट का लक्ष्य लेकर ही घर से निकलते थे। लक्ष्य पूरा होते हैं वह वापस घर लौट जाते थे। इसके बाद पैसा खत्म होने के बाद दोबारा चोरी का प्लान बनाते थे। चोरों ने बताया कि वह 10 से 12 लाख रुपए की लूट का लक्ष्य लेकर चलते थे।
2:30 से 3:30 के बीच करते लूट
चोरों ने बताया कि लूट के लिए वह अक्सर 2:30 से 3:30 का वक्त चुनते थे, क्योंकि इस समय यात्री गहरी नींद में सो रहे हैं। गहरी नींद से यात्रियों के जगने तक उन्हें कोर्ट से फरार होने का मौका मिल जाता।
हरियाणा से हुए गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि ट्रेनों में लूट करने वाले इन चार चोरों को बड़ौदा जीआरपी ने कोटा आरपीएफ के सहयोग से पिछले दिनों हरियाणा से गिरफ्तार किया है। कोटा आरपीएफ और जीआरपी चोरों से पूछताछ के लिए भरुच गई थी। यहां पर यह चोर फिलहाल रिमांड पर हैं।
चोरों ने अब तक आधा दर्जन से अधिक वारदातें कबूल की हैं।
इनमें 27 जून को रांवठा रोड स्टेशन के पास जयपुर- सिकंदराबाद ट्रेन में लूट का मामला भी शामिल है। चोरों ने इस ट्रेन में 10 लाठ रुपए से अधिक मुल्य कि सामान लूटा था। यात्रियों की रिपोर्ट पर कोटा जीआरपी और आरपीएफ मामले की जांच कर रही है।