Indian Railways : मालगाड़ियों के नहीं लग रहे ब्रेक, बढे़ लाल सिग्नल पार करने के मामले, कोटा में सीआरबी करेंगे जांच
Kota Rail News : पिछले कुछ समय से मालगाड़ियों में समय पर ब्रेक नहीं लगने के मामले सामने आ रहे हैं। इसके चलते लाल सिग्नल पार करने के मामले भी बढ़े हैं। रेलवे और अनुसंधान अभिकल्प एंव मानक संगठन
(आरडीएसओ) के तमाम प्रयासों के बाद भी खराबी का पता नहीं चल रहा है। इसके चलते रेलवे बोर्ड अध्यक्ष (सीआरबी) विनय कुमार त्रिपाठी ने खुद इसका पता लगाने का निर्णय लिया है। इसी के चलते त्रिपाठी का 30 जुलाई को कोटा आने का कार्यक्रम है।
त्रिपाठी कोटा माल डिब्बा मरम्मत कारखाना (वर्कशॉप) में प्रैक्टिकली और थ्योरीकली इस पूरे ब्रेक सिस्टम को समझने की कोशिश करेंगे। इसके बाद इस ब्रेक सिस्टम में खामियों का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा। इस दौरान त्रिपाठी के साथ आरडीएसओ के अधिकारी, पश्चिम-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एसके गुप्ता तथा रेलवे बोर्ड के तमाम आला अधिकारी मौजूद रहेंगे।
देश भर से सामने आ रही है समस्या
अधिकारियों ने बताया कि मालगाड़ी में समय पर ब्रेक नहीं लगने की समस्या देश भर से सामने आ रही है। इसके चलते गंभीर दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। कई ड्राइवरों की नौकरियों पर भी खतरा मंडरा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि ऐसा नहीं है कि यह गड़बड़ी सभी मालगाड़ियों में सामने आ रही है। निजी कंपनी और रेलवे द्वारा बनाए जा रहे बोगी माउंटेड ब्रेक सिस्टम (बीएमबीएस) के नए रैंकों यह समस्या सामने आ रही है। इसमें भी सभी बीएमबीएस में यह समस्या नहीं आ रही सिर्फ चुनिंदा बीएमबीएस मालगाड़ियों में ही यह समस्या सामने आ रही है। इसमें भी ढलान पर भरी हुई मालगाड़ी में यह समस्या ज्यादा देखने को आ रही है। पिछले दिनों भोपाल में भी ऐसा ही एक मामला सामने आ चुका है। इसके अलावा कटनी और जबलपुर में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
सिग्नल पाइप मालगाड़ियों में समस्या ज्यादा
अधिकारियों ने बताया कि नई बीएमबीएस मालगाड़ियों में ऑक्सीलरी रिजर्व वायर 50 लीटर क्षमता का कर दिया गया है तथा प्रेशर पाइप दो कर दिए गए हैं। जबकि पुरानी मालगाड़ियों में एक पाइप के साथ यह क्षमता 100 और 200 लीटर की है।
अधिकारियों ने बताया कि के बावजूद भी कई नई बीएमबीएस मालगाड़ियों को एक ही पाइप से चलाया जा रहा है। रिजर्व वायर की क्षमता कम होने और सिंगल पाइप के चलते जल्दी-जल्दी प्रेशर नहीं बनता। संभवत यही कारण है कि नई बीएमबीएस मालगाड़ियों के ब्रेक समय पर नहीं लग रहे।
आपातकालीन ब्रेक से भी नहीं रुक रही मालगाड़ी
शिकारियों ने बताया कि पहले ब्रेक लगाने पर ट्रेन करीब 800 मीटर पर खड़ी हो जाती थी। आपातकालीन ब्रेक लगाने के बाद भी नई बीएमबीएस ब्रेक वाली गाड़ियां करीब 2 किलोमीटर दूर जाकर रुक रही हैं। से में नहीं चाहते हुए भी लाल सिग्नल पार हो जाता है।
जालंधरी में भी नहीं चला पता
अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच के लिए पिछले सप्ताह कोटा वर्कशॉप से जगाधरी वर्कशॉप में अधिकारियों को भेजा गया था। लेकिन यहां भी इस समस्या का पता नहीं चला। नई मालगाड़ियां कई अन्य वर्कशॉप और निजी कंपनी में भी बन रही हैं। लेकिन गड़बड़ी कहां हो रही है इसका भी पता नहीं चल पा रहा है।
यह है बीएमबीएस
भारतीय रेलवे में माल ढुलाई के लिए नया बोगी माउंटेड ब्रेक सिस्टम शुरू किए। जिससे स्टॉक के रख-रखाव और कम वजन को कम किया जा सके। बीएमबीएस में ब्रेक सिलेंडर स्वचालित दो-चरण ब्रेकिंग वाला सिस्टम है जो ब्रेक बीम के समानांतर घुड़सवार होता है और बेल क्रैंक के माध्यम से बलों को स्थानांतरित करता है। बीएमबीएस को ट्विन पाइप ग्रेजुएटेड रिलीज एयर ब्रेक ब्रेकिंग के लिए डिजाइन किया गया है।