Indian Railway: गति शक्ति के नाम पर रिटायर्ड आधा दर्जन कर्मचारी फिर उसी पद पर नियुक्त, भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा

गति शक्ति के नाम पर रिटायर्ड आधा दर्जन कर्मचारी फिर उसी पद पर नियुक्त, भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा
Rail News. पहले की गलतियों को सुधारने की जगह कोटा मंडल रेल प्रशासन फिर उसी गलती को बड़े पैमाने पर कर रहा है। इसके चलते इस मामले में अब भ्रष्टाचार की बू आने लगी है।
मामला रिटायर्ड कर्मचारियों से जुड़ा है। ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने के लिए बनी गति शक्ति यूनिट के नाम पर प्रशासन ने रिटायरमेंट के बाद भी आधा दर्जन से अधिक कर्मचारियों को वापस उसी पद पर नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं। प्रशासन ने इसके लिए बाकायदा रिटायर्ड कर्मचारियों की लिस्ट भी जारी की है। गति शक्ति में नियुक्ति के लिए पिछले दिनों इन कर्मचारियों से आवेदन मांगे गए थे। लेकिन आदेश जारी कर इन कर्मचारियों गति शक्ति की जगह से वापस उसी पद पर काम की तैयारी है। हांलाकि यह कर्मचारी वेतन गति शक्ति यूनिट से ही लेंगे। लेकिन रिटायरमेंट के बाद भी काम यह पहले वाले पद पर ही करेंगे। इनमें से कई कर्मचारी तो पिछले महीने ही रिटायर्ड हुए हैं। जाहिर है इसकी तैयारी पहले से ही कर रखी थी।
सभी पद संवेदनशील
रिटायर्ड होने वाले लगभग सभी कर्मचारी लंबे समय से संवेदनशील पद पर टिके हुए थे। इनमें से कई कर्मचारी तो 20-20 साल से इन पदों पर नियुक्त थे। संवेदनशील पद होने के नाते इनका ट्रांसफर बहुत पहले हो जाना चाहिए था। लेकिन प्रशासन रिटायरमेंट के बाद भी इन कर्मचारियों को पद से हटाने को तैयार नहीं है। इसके चलते प्रशासन ने नियम कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए रिटायरमेंट के बाद भी गति शक्ति के नाम पर इन कर्मचारियों को फिर से वापस उसी पद पर नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए।
यह कर्मचारी है लिस्ट में
वेलफेयर इंस्पेक्टर पद से रिटायर्ड धीरेंद्र चतुर्वेदी को वापस उसी पद पर नियुक्ति के आदेश दिए गए हैं। इस तरह अपर मंडल रेल प्रबंधक मनोज जैन के कार्यालय के मुख्य कार्यालय अधीक्षक हरगोविंद मलिक, दूसरे एडीआरएम आरके सिंह के मुख्य कार्यालय अधीक्षक एजी कृष्णनन, कार्मिक विभाग कोर्ट सेल के वेलफेयर इंस्पेक्टर अशोक कुमार शर्मा, मुख्य कार्यालय अधीक्षक महेश शर्मा, इंजीनियरिंग विभाग टेंडर सेल के मुख्य कार्यालय अधीक्षक जीएस अरोड़ा तथा इसी में कार्यरत लियाकत अली खान के नाम भी शामिल है।
और कर्मचारी नहीं लायक
इस नियुक्ति से साफ लग रहा है कि प्रशासन की नजर में इन पदों पर काम करने के लिए और कोई कर्मचारी लायक नहीं है इन पदों पर काम करने के लिए बाकी सब कर्मचारी नकारा है मां की ऐसे कई कर्मचारी हैं जो यह पद खाली होने पर अपनी पदोन्नति का इंतजार कर रहे थे लेकिन प्रशासन ने एक झटके में इन कर्मचारियों के अरमानों पर पानी फेर दिया ऐसे में कर्मचारियों में चर्चा है कि इनके रही इन कार्मिकों के नहीं रहने से प्रशासन क्या पदों को समाप्त कर देगा।
8 महीने से कम कर रहा है कर्मचारी
उल्लेखनीय की इसी तरह कार्मिक विभाग में कार्यालय अधीक्षक पद पर कार्यरत एक कर्मचारी गति शक्ति के नाम पर रिटायरमेंट के 10 महीने बाद भी इसी पद पर काम कर रहा है। यह मामला कई बार सामने आ चुका है। लेकिन प्रशासन ने इस व्यवस्था में सुधार की जगह आधा दर्जन से अधिक रिटायरमेंट कर्मचारियों को वापस उसी पद पर नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया। प्रशासन की इस मजबूरी को कर्मचारी आसानी से समझ रहे हैं।