Indian Railway: विजिलेंस ने भी साधी चुप्पी, रिटायरमेंट के बाद भी रेलकर्मियों को वहीं लगाने का मामला

विजिलेंस ने भी साधी चुप्पी, रिटायरमेंट के बाद भी रेलकर्मियों को वहीं लगाने का मामला
Rail News. रिटायरमेंट के बाद भी रेल कर्मचारियों को गति शक्ति के नाम पर दोबारा उसी पद पर लगाने के मामले में पश्चिम-मध्य रेलवे विजिलेंस विभाग ने भी चुप्पी साध ली है। मामला सामने आने के 3 दिन बाद भी विजिलेंस द्वारा कोई कार्रवाई की बात सामने नहीं आई है।
कर्मचारियों ने बताया कि मामले में विजिलेंस कार्रवाई की संभावना भी बहुत कम है। क्योंकि विजिलेंस विभाग के मुखिया पंकज शर्मा हैं। कोटा मंडल के डीआरएम रहते हुए पंकज के कार्यकाल में सबसे ज्यादा घोटाले के मामले सामने आए। करोड़ों रुपए का एलम पाउडर परिवहन घोटाला भी पंकज के कार्यकाल में सामने आया। जिसका मामला सीबीआई तक दर्ज कर चुकी है। लेकिन इसके बाद भी डीआरएम रहते और विजिलेंस मुखिया के नाते पंकज की तरफ से करीब ढाई साल बाद भी मामले के जिम्मेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई की बात सामने नहीं आई है। हालांकि दोनों पदों पर रहते पंकज ने मामले की जांच खुब करवाई। लेकिन नतीजा आज तक सामने नहीं आया।
अपने ऑफिस में ही नहीं कर सके करवाई
उल्लेखनीय है कि डीआरएम रहते समय पंकज के खुद के ऑफिस में ही कर्मचारी 20-20 साल से एक ही पद पर टिके थे। इन कर्मचारियों के ट्रांसफर आदेश भी निकल गए। लेकिन पंकज ने इन कर्मचारियों को रिलीव तक करना जरूरी नहीं समझा। आज भी यह कर्मचारी इन्ही पदों पर टिके हुए हैं। जबकि यह पद पूरे मंडल में सबसे संवेदनशील माने जाते हैं। अब पंकज पत्र लिखकर इन कर्मचारियों के स्थानांतरण के आदेश की औपचारिकता पूरी करते रहते हैं।
ऐसे में पंकज से रिटायरमेंट कर्मचारियों को वापस उसी पद पर लगाने के मामले में किसी कार्रवाई की उम्मीद करना बेमानी है।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि कोटा रेल मंडल प्रशासन ने गति शक्ति के नाम पर आधा दर्जन से अधिक रिटायरमेंट कर्मचारियों को वापस उसी पद पर लगा दिया। इसमें दोनों एडीआरएम के कार्यालय अधीक्षक भी शामिल हैं। अब यह कर्मचारी वेतन गति शक्ति से लेंगे लेकिन काम वापस पुराने पद पर ही करेंगे। मामले को लेकर कर्मचारियों में काफी रोष देखने को मिल रहा है।