Indian Railways: डीआरएम के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज, जमीन धोखाधड़ी और एससी-एसटी का मामला, महिला ने की शिकायत
Rail News. कोटा मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) मनीष तिवारी के खिलाफ रेलवे कॉलोनी थाने में जमीन धोखाधड़ी, अवैध कब्जा और एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज हुआ है। डीआरएम के साथ वरिष्ठ खंड अभियंता सुदीप शर्मा के खिलाफ भी यह रिपोर्ट दर्ज हुई है। इसके तहत दोनों के खिलाफ 420, 418, 435, 447, 442 तथा धारा 3 लगाई गई है। यह रिपोर्ट पुरोहित की टापरी निवासी कन्या बाई ने इस्तगासे के जरिए दर्ज करवाई है।
अपनी रिपोर्ट में कन्या भाई पत्नी राजू ने बताया कि शिवाजी कॉलोनी में उसके पास पुश्तैनी जमीन है। करीब 2 साल पहले इस जमीन का सीमांकन करवाया गया था। सीमांकन के समय मौके पर रेलवे अधिकारी, आरपीएफ, तहसीलदार और पटवारी आदि सभी जिम्मेदार लोग मौजूद थे। सीमांकन के बाद कन्या भाई ने अपनी जमीन पर मुड्डी आदि लगाकर फेंसिंग कर ली।
रेलवे ने किया जमीन पर कब्जा
लेकिन बाद में रेलवे ने इस सीमांकन को मानने से मना कर दिया। इसके बाद रेलवे ने जेसीबी की मदद से फेंसिंग को तोड़कर कन्या बाई की जमीन पर अपना हक जता दिया। इसके बाद कन्या बाई ने मामले की शिकायत रेलवे कॉलोनी थाना और शहर पुलिस अधीक्षक को की। लेकिन किसी ने भी रेल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझा। इसके बाद कन्या बाई ने एसटी-एससी कोर्ट में इस्तगासा दायर कर दिया। इस्तगासे के बाद कोर्ट ने डीआरएम और इंजीनियर के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए। इसके बाद मंगलवार को थाने में यह मामला दर्ज हुआ।
डिप्टी ने दर्ज किए कन्या बाई के बयान
एसटी-एससी एक्ट्स से जुड़ा होने के कारण मामले की शहर पुलिस उपाधीक्षक शिव सिंह कर रहे हैं। बुधवार को शिव सिंह ने कन्या बाई के बयान दर्ज किए। इस पर कन्या भाई ने शिव सिंह को पूरे पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया।
तिवारी पहले भी कर चुके हैं कानून का उल्लंघन उल्लेखनीय है कि तिवारी पर कानून के उल्लंघन का यह पहला आरोप नहीं है। इससे पहले तिवारी के खिलाफ एक लीज ठेकेदार के 6 लाख 37 हजार रुपए लौटाने के कोर्ट के आदेश की अवमानना का मामला भी सामने आ चुका है। इसके चलते गत वर्ष अगस्त में कोर्ट ने तिवारी की कार, मोबाइल, ऑफिस, फर्नीचर और लैपटॉप तक कुर्क करने के आदेश दिए थे। इसके बाद तिवारी की कार को कुर्क भी कर लिया गया था। हालांकि सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय द्वारा कुर्की वारंट पर हस्ताक्षर नहीं करने से बाकी सामान कुर्क होने से रह गया था। हांलाकि रेलवे के स्टे के बाद कुर्क कार को छोड़ दिया गया था। इस दौरान डीआरएम लंच में कुर्क कार को लेकर ही घर भी चले गए थे। तिवारी की कर कुर्क होने से रेलवे में हड़कंप मच गया था। यह संभावतः पहला मामला था जब किसी डीआरएम की कार कर्क हुई हो।
मामले की जांच की जा रही है
रेलवे कॉलोनी थाने में डीआरएम और एक इंजीनियर के खिलाफ एक महिला की जमीन कब्जाने की रिपोर्ट दर्ज हुई है। मामले की जांच की जा रही है। – खिव सिंह, पुलिस उपाधीक्षक