Indian Railways: जबलपुर में डीआरएम ले रहे थे संरक्षा शील्ड, इधर सवाई माधोपुर में गिरी मालगाड़ी
Indian Railways: जबलपुर में डीआरएम ले रहे थे संरक्षा शील्ड, इधर सवाई माधोपुर में गिरी मालगाड़ी

Indian Railways: जबलपुर में डीआरएम ले रहे थे संरक्षा शील्ड, इधर सवाई माधोपुर में गिरी मालगाड़ी

Indian Railways: जबलपुर में डीआरएम ले रहे थे संरक्षा शील्ड, इधर सवाई माधोपुर में गिरी मालगाड़ी
Rail News. पश्चिम-मध्य रेलवे जबलपुर मुख्यालय में सोमवार को 68वां विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार समारोह मनाया गया। इस अवसर पर महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय ने उत्कृष्ट कार्य के लिए भोपाल, जबलपुर और कोटा मंडल तथा कारखाने और मुख्यालय के 9 अधिकारियों और 53 कर्मचारियों को विशिष्ट रेल सेवा तथा 22 कर्मचारियों को रेल सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा बंदोपाध्याय ने बेहतरीन काम के लिए विभिन्न विभागों को 25 शील्डें भी बांटी।
इसमें कोटा मंडल ने संपूर्ण दक्षता सहित कुल 9 शील्डें अकेले जीतीं। इसके अलावा कई शील्डों पर कोटा मंडल ने भोपाल और जबलपुर के साथ मिलकर कब्जा जमाया है।
कोटा मंडल ने इंजीनियरिंग, संरक्षा कार्मिक, भंडार, बेस्ट कैप्ट स्टेशन, स्क्रैप मैनेजमेंट, वर्कशॉप, ऊर्जा संरक्षण तथा निर्माण की शील्ड अकेले जीती। जबकि यांत्रिक और परिचालन की जबलपुर तथा राजभाषा एंव ओवर एंड अंडर ब्रिज की शील्ड भोपाल के साथ जीती।
इसी तरह भोपाल मंडल ने लेखा विभाग, विद्युत और अंतर मंडलीय चेकिंग टिकट चेकिंग तथा जबलपुर ने सुरक्षा, ईएनएचएम विभाग, (आरआर/ न्यू कटनी) और रेल रेल मदद की शील्ड जीती है।
इसके अलावा वाणिज्य विभाग की शील्ड जबलपुर और भोपाल मंडल ने एक साथ जीती है। साथ ही चिकित्सा विभाग की शील्ड केंद्रीय चिकित्सालय एवं भोपाल मंडल ने जीती है।
इसके अलावा बेस्ट रैक अनुरक्षण ट्रेन शील्ड जबलपुर-अजमेर दयोदय (12181) जबलपुर मंडल को तथा रानी कमलापति-निजामुद्दीन (12155) ट्रेन की शील्ड भोपाल ने जीती है।
आज पहुंचेंगे कोटा
शील्ड लेकर डीआरएम बुधवार सुबह जबलपुर-अजमेर दयोदय ट्रेन से कोटा पहुंचेंगे। पहले इनका दुर्ग-अजमेर ट्रेन से कोटा पहुंचने का कार्यक्रम था। बाद में अचानक यह कार्यक्रम बदल गया।
सवाई माधोपुर में गिरी मालगाड़ी
उल्लेखनीय है कि उधर डीआरएम मनीष तिवारी बंदोपाध्याय से संरक्षा शील्ड ग्रहण कर रहे थे और इधर, सवाईमाधोपुर में एक मालगाड़ी के चार डिब्बे पटरी से उतर गए। हूटर बजने पर कोटा से पहुंची दुर्घटना राहत ट्रेन की मदद से इन डिब्बों को रात करीब 11 बजे तक वापस पटरी पर चढ़ाया जा सका। चूना पत्थर भरा होने से डिब्बे उठाने में करीब 7 घंटे लग गए। यह घटना मालगाड़ी के यार्ड में प्रवेश करते समय हुई। यार्ड में इंजन बदलने के बाद इस मालगाड़ी को कोटा होते हुए भिलाई जाना था। फिलहाल घटना के कारणों का पता नहीं चला है। मामले की जांच की जा रही है।
गौरतलब है की इससे पहले 5 जनवरी को कोटा स्टेशन पर जोधपुर भोपाल ट्रेन के दो डिब्बे भी पटरी पर उतर गए थे मुख्यालय द्वारा मामले की जबलपुर मुख्यालय द्वारा मामले की जांच की गई थी लेकिन इस घटना की रिपोर्ट का भी अभी तक पता नहीं चला है इससे पहले यह दूसरी घटना हो गई