Indian Railways: अरनेठा में ओएचई टूटने की 10 महीने में पांचवीं और पूरे मंडल में 2 महीने में पांचवी घटना
Indian Railways: अरनेठा में ओएचई टूटने की 10 महीने में पांचवीं और पूरे मंडल में 2 महीने में पांचवी घटना

Indian Railways: अरनेठा में ओएचई टूटने की 10 महीने में पांचवीं और पूरे मंडल में 2 महीने में पांचवी घटना

Indian Railways: अरनेठा में ओएचई टूटने की 10 महीने में पांचवीं और पूरे मंडल में 2 महीने में पांचवी घटना

Rail News: कोटा रेल मंडल में बिजली के तार (ओएचई) टूटने की कितनी गंभीर समस्या है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लाखेरी रेल खंड में पिछले 10 महीने में यह पांचवी घटना है। जबकि पूरे कोटा मंडल में पिछले दो महीने में पांच बार तार टुट चुके है। इस साल 22 जनवरी को रोहलखुर्द और नागदा के बीच, 9 जनवरी को रामगंजमंडी और झालावाड़ के बीच, 2 जनवरी को मोडक में हिसार-मुंबई दूरंतो ट्रेन से तथा 15 जनवरी को रांवठारोड और दरा के बीच भी बिजली के तार टूटने के मामले सामने आ चुके हैं।
इससे पहले अरनेठा के आसपास ट्रेन की चपेट में आने से 5, 14 और 25 मई को भी बिजली के तार टूट चुके हैं। इन घटनाओं में भी इंजन के पैंटोग्राफ भी क्षतिग्रस्त हुए थे तथा घंटो तक रेल यातायात भी प्रभावित रहा था।
इसके अलावा 14 मई को यहां आरडीएसओ की ट्रेन से बिजली के तार टूटे थे। इसके अलावा 7 दिसंबर 2021 को भी यहां तार टूटने की घटना सामने आई थी।
इसके अलावा कोटा मंडल में तार टूटने की इस साल और भी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसमें 8 अप्रैल को इंद्रगढ़-आमला के बीच, 26 अप्रैल को मोडक में, 19 सितंबर को चंबल साइडिंग यार्ड में, 5 अक्टूबर को झालावाड़ के पास, 10 जून को रामगंजमंडी के पास, एक अगस्त को मथुरा-मुंडेसीरामपुर के पास तथा 3 अक्टूबर को बारां में बिजली के तार टूटने के मामले सामने आ चुके हैं।
40 साल पुरानी लाइन
उल्लेखनीय है कि कोटा रेल मंडल का विद्युतीकरण हुए करीब 40 साल हो चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है की पुरानी लाइन होने के चलते तार बार-बार टूट रहे हैं। पुराने तार होने के कारण इनमें तनाव लगातार काम होता जा रहा है। इसके चलते तारों को खींचने के लिए लगातार वजन बढ़ाकर जबरन तनाव मेंटेन करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में यह घटते बढ़ते तापमान से भी जल्द प्रभावित हो रहे हैं और 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती ट्रेनों के साथ ठीक से तालमेल नहीं बैठ रहा है। ताजा मामले में भी शुरुआती जांच में तार की खराबी की बात सामने आ रही है।
यह है मामला
उल्लेखनीय की शनिवार रात अरनेठा के पास अजमेर-जबलपुर दयोदय ट्रेन से बिजली के तार टूट गए थे। इसके चलते करीब 4 घंटे तक रेल यातायात ठप रहा था। इस कारण करीब तीन राजधानी सहित करीब एक दर्जन ट्रेनें घंटों देरी से चली थीं। कोटा लाखेरी की तीन टावर वैगनों द्वारा तारों की मरम्मत की गई थी। मरम्मत का काम शनिवार को भी चला।
रेलवे बोर्ड तक पहुंचा
तीन-तीन राजधानी सहित करीब एक दर्जन सुपरफास्ट ट्रेनें घंटों अटकने और यात्रियों द्वारा लगातार शिकायत से ममाला जबलपुर मुख्यालय और रेलवे बोर्ड तक पहुंच गया। मुंबई में अपनी फ्लाइट और अन्य ट्रेनें छुटने की आशंका से कई यात्रियों ने सीधे रेलमंत्री को भी ट्यूट किया। इसके चलते मुख्यालय द्वारा मामले की रिपोर्ट मांगी गई है।
इसके चलते शनिवार को अधिकारी दिनभर घटना के कारणों का पता लगाने में जुटे रहे। लेकिन घटना के 24 घंटे बाद भी घटना के सही कारणों का पता नहीं लग सका। जांच के दौरान जॉइंट खुलने से तार टूटने की बात भी सामने आ रही है। लेकिन अधिकारियों द्वारा फिलहाल इसकी पुष्टी नहीं की है।
बाल-बाल बचे ट्रेकमैन
अप लाइन में इस घटना के चलते कई ट्रेनों को डाउन लाइन से भी निकाला गया। इस दौरान गलत दिशा में आ रही ट्रेनों का गश्त कर रहे ट्रेकमैंटनरों का पता नहीं चला। नजदीक आने पर ट्रेकमैनों को पिछे ट्रेन आने का पता चला। इसके बाद ट्रेकमैनों ने पटरी से कूदकर जैसे-तैसे अपनी जांच बचाई। उल्लैखनीय है कि गश्त के दौरान ट्रेकमैन ट्रेन आने की दिखा में मुंह करके चलते हैं, जिससे की सामने से ट्रेन आती आसनी से नजर आ जाए। इसके चलते डाउन लाइन पर भी ट्रेकमैन कोटा की और मुंह करके चल रहे थे। लेकिन अप लाइन जाम होने से डाउन लाइन पर पिछे से अचानक ट्रेन आ गई। गनिमत रही की समय रहते इसका पता चलने पर ट्रेकमैनों की जान बच गई।